प्रधानमंत्री ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखी
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर, २०२1 को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखी. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आधुनिक बुनियादी ढांचे का मार्ग प्रशस्त कर, विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. श्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के नए भारत में सबसे आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर सड़कें, रेल नेटवर्क, हवाई अड्डे केवल बुनियादी ढांचा परियोजनाएं ही नहीं हैं बल्कि ये लोगों के जीवन में बदलाव कर समूचे क्षेत्र का कायाकल्प करती हैं. उन्होंने कहा कि यह हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश, विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य को बदल देगा. श्री मोदी ने कहा कि इस हवाई अड्डे के निर्माण से न केवल रोज़गार के भरपूर अवसर पैदा होंगे, बल्कि क्षेत्र से निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा.
ये एयरपोर्ट विमानों के रख-रखाव, रिपेयर और आपरेशन का भी देश का सबसे बड़ा सेंटर होगा. यहां 40 एकड़ में मेनटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहौल एमआरओ सुविधा बनेगी, जो देश-विदेश के विमानों को सर्विस देगी और सैंकड़ों युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगी.
प्रधानमंत्री ने नोएडा हवाई अड्डे को उत्तर भारत का लॉजिस्टिक्स गेटवे बताते हुए कहा कि यह समूचे क्षेत्र को राष्ट्रीय गतिशक्ति मास्टर प्लान का शक्तिशाली प्रतिबिम्ब बनाएगा.
श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के विकास की उपेक्षा के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा राज्य के लोगों को झूठे सपने दिखाए.
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस हवाई अड्डे के चालू होने के बाद साठ हजार करोड़ रुपए तक का निवेश आकर्षित हो सकेगा.
प्रधानमंत्री जी का निर्देश था कि एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनेगा तो उत्तर प्रदेश के जेवर में बनेगा. इस हवाई अड्डे में आने वाले समय में अनेक प्रगति के आसार होंगे. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और समूचे यमुना एक्सप्रेस वे के इर्द-गिर्द क्षेत्र में प्रगति और विकास आएगा. एक लाख रोज़गार के अवसर सृजन हो पाएंगे और उसी के साथ-साथ साठ हजार करोड़ रुपए का निवेश आएगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये हवाई अड्डा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा और इससे रोज़गार के नये अवसर पैदा होंगे.
लॉजिस्टिक परिदृश्य बदलने वाला
पहली बार भारत में कोई हवाई अड्डा मल्टीमॉडल कार्गो हब के साथ एकीकृत होने जा रहा है. इससे लॉजिस्टिक लागत कम होगी. कार्गो हब की क्षमता २० लाख मीट्रिक टन होगी जो धीरे-धीरे ८० लाख मीट्रिक टन तक बढ़ जाएगी. प्रधानमंत्री के अनुसार यह 'लॉजिस्टिक गेटवे ऑफ इंडिया होगा.
व्यवसाय और रोज़गार के अवसर
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ऐसा वातावरण तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. जिससे युवाओं को रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे. नई विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत यह जिला हब निर्यात पहल के लिए महत्वपूर्ण अवसर देगा. शुरू होने के बाद हवाई अड्डा ६० हजार करोड़ रुपयों का निवेश लाएगा जिससे एक लाख से अधिक लोगों को रोज़गार मिलेगा. इसके साथ ही, इससे क्षेत्र में व्यापार गतिविधियां बढ़ेंगी. इस क्षेत्र के प्रमुख शैक्षिक हब के रूप में उभरने की संभावना है.
हवाई अड्डा सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित किया जा रहा है. इसमें यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट ऐजी का एसपीवी सहित उत्तर प्रदेश सरकार की भागीदारी है. हवाई अड्डे का पहला चरण २०२४ तक पूरा हो जाएगा जिस पर १० हजार करोड़ रुपयों की लागत आएगी.
(भूपेंद्र सिंह, संवाददाता, आकाशवाणी)