स्वच्छता पखवाड़ा
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिये गूगल टॉयलेट लोकेटर शुरू किया जायेगा
शहरी विकास मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों और शहरी निकायों से ‘स्वच्छता पखवाड़ा‘ के अधीन शहरी क्षेत्रों में शौचालयों का गहन ऑडिट करने को कहा है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे काम कर रहे हैं और पूर्ण उपयोग में लाये जा रहे हैं। राज्य और शहरी निकायों से कहा गया है कि पानी की उपलब्धता में कमी को दूर करते हुए व्यक्तिश: आवासीय शौचालयों और सामुदायिक और आवासीय शौचालयों के संचालन का प्रभावी ऑडिट करने के लिये समुदाय प्रतिनिधियों से संपर्क किया जाये। राज्यों और शहरों से कहा गया है कि पखवाड़ा की शुरूआत में कम से कम दो ‘विशेष अभियान‘ चलाये जायें तथा एक सप्ताह बाद लाभार्थियों को शौचालयों का निर्माण कराने के लिये एकजुट करें। व्यवहार बदलाव सम्प्रेषण के भाग के तौर पर ‘असली तरक्की’ अभियान के होर्डिंग्स और पोस्टरों में स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान स्कूटर या टीवी सेट रखने की अन्य जरूरतों की तरह शौचालयों के निर्माण को प्राथमिकता दिये जाने को प्रमुखता से और व्यापक रूप से प्रदर्शित किया जाना है। राज्य और स्थानीय निकायों से कहा गया है कि प्रस्तावित गतिविधियां संचालित करते समय व्यापक प्रसार के लिये और स्वच्छता व्यवहारों के प्रति लोगों को प्रेरित करने के वास्ते मीडिया का सहारा लिया जाये। शहरी विकास मंत्रालय शीघ्र ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों के लिये ‘गूगल टायलेट लोकेटर‘ की शुरूआत करेगा जो उपयोग हेतु नज़दीकी शौचालय को ढूंढने में सहायता करेगा।
इस बीच शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किये गये स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 के अधीन यथापेक्षित पखवाड़ा भर की विषयांतर्गत गतिविधियों के अधीन स्वच्छता जागरूकता सृजन गतिविधियों के संचालन में 500 शहरों में अलीगढ़ अग्रणी रहा है। मंत्रालय द्वारा आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों के मूल्यांकन के दौरान अलीगढ़ को सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए हैं। आईईसी कार्यनिष्पादन का मूल्यांकन मंत्रालय ने किया है जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 की अन्य गतिविधियों का मूल्यांकन भारतीय गुणवत्ता परिषद ने किया है। इस संबंध में अन्य सर्वोच्च 10 स्थानों पर आने वाले शहर हैं: वसाई-विरार (महाराष्ट्र), हैदराबाद, गुरूग्राम, चंडीगढ़, मदुरै (तमिलनाडु), वडोदरा और राजकोट (गुजरात), तिरूपति (आंध्र प्रदेश) और मैसूर (कर्नाटक)।
-रो.स.