योग में कॅरिअर के अवसर
डॉ. आर. एलनगोवन
योग एक ऐसी साधना है जिससे व्यक्ति दैवीय चेतना प्राप्त कर सकता है. योग एक जीवनशैली है और कई रोगों का इलाज है. आज दुनियाभर में लोग योगाभ्यास करते हैं. हाल के वर्षों में योग कॅरिअर के एक आकर्षक विकल्प के रूप में भी उभरा है. किसी व्यक्ति को योगाभ्यासी बनने के लिए कम से कम 66 दिनों के अभ्यास की आवश्यकता होती है. आइए, पहले समझते हैं कि किसी भी योगाभ्यासी को क्या ज्ञान होना चाहिए.
प्रार्थना, मस्तिष्क विशेष रूप से हाइपोथैलेमस में कंपन को सक्रिय करती है, जिससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है. यह कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग को बढ़ावा देता है.
क्रियाएं स्वायत्त तंत्रिका तंत्र में सुधार करती हैं. ये तीन दोषों (वात- तंत्रिका तंत्र, पित्त - पाचन तंत्र, कफ - श्वसन तंत्र) को संतुलित करती हैं और विषाक्त पदार्थों को खत्म करती हैं।
पवनमुक्तासन शृंखला
- साइनोवियल द्रव बढा़ते हैं,
- अस्थिबंध और स्नायु को फैलाते हैं,
- प्रतिरक्षक शक्ति और मस्तिष्क क्षमता को बढ़ाते हैं,
- अतिरेक मुक्त तत्वरूपों को बाहर निकालते हैं,
- अतिरिक्त कैल्शियम-ऑक्सालेट घनता को बाहर निकालते हैं.
सूर्य नमस्कार और आसन हार्मोन के स्राव को संतुलित करते हैं. प्रतिदिन बीस मिनट ये अभ्यास करने की सलाह दी जाती है. सूर्य नमस्कार शरीर को मजबूत बनाता है, लचीलेपन का निर्माण करता है, सहनशक्ति में सुधार करता है, और कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस विकसित करता है. संतुलित आसन महत्वपूर्ण मांसपेशियों को सक्रिय रूप से संलग्न करने और छोटी मांसपेशियों तथा पैरों के जोड़ों को मजबूत करने के लिए संतुलन प्रदान करते हैं. स्थिर स्थिति में (न्यूनतम 10-30 सेकंड) आसन संकुचित मांसपेशियों को, मांसपेशियों के लचीलेपन के माध्यम से लंबा करने और जोड़ों की गतिशीलता बनाए रखने में सक्षम बनाते हैं. मुद्राएं और यौगिक अभ्यास, प्रमस्तिष्कमेरू द्रव (मस्तिष्क के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी में विनियमित) के रूप और दबाव को नियंत्रित करते हैं जिससे न्यूरॉन्स उच्च विद्युत अंतर्निहित शक्तियां उत्पन्न कर सकते है. प्रमस्तिष्कमेरू द्रव, मूड बदलने वाले हार्मोन को रक्त में प्रवेश करने से रोकता है, जो मस्तिष्क के कार्य पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है. प्राणायाम सहनशक्ति को बढ़ाता है और विषाक्त पदार्थों को निकालता है, सभी रोगों को ठीक करता है, विद्युत गतिविधि को सक्रिय करता है और पृथ्वी, जल, अग्नि तथा वायु तत्वों को संतुलित करता है. अधिकतम चिकित्सीय लाभ प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन 15 मिनट प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है. बंध केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करते हैं. ध्यान अपनी विद्युतीय गतिविधि से मन को शुद्ध करता है, फैलाव आधारों को सक्रिय करता है, विचारविहीन अवस्था की ओर ले जाता है और रक्त प्रवाह बढ़ाता है. दिन में कम से कम 20 मिनट या तो सुबह या शाम को ध्यान करने की सलाह दी जाती है. योग लार में इम्युनोग्लोबुलिन-ए को बढ़ावा देता है. सवेरे के समय यह दोगुनी मात्रा में फैट बर्न करता है. योग हृदयवाहिनी, शक्ति और लचीलेपन में सुधार करता है. योगाभ्यास अनुभूति के लिए धूसर पदार्थ और संचार के लिए श्वेत पदार्थ को बढ़ाता है. योग श्वेत पदार्थ की शुद्धता को बढ़ाता है जो अवसाद का मुकाबला करने में मदद करता है जो मूड बदलने वाले हार्मोन विशेष रूप से सेरोटोनिन के कम स्राव के कारण होता है.
- यौगिक अभ्यास न्यूरोजेनेसिस (न्यूरॉन्स के पोषण की प्रक्रिया) को बढ़ातेे हैं. अधिक शराब का सेवन न्यूरोजेनेसिस को प्रभावित करता है.
- योग माइटोकॉन्ड्रिया को सक्रिय करता है जो कोशिकाओं को ऊर्जा उत्पन्न करने तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है और बीमार होने से बचाता है. योग पूर्ण आरोग्यता प्राप्त करने में मदद करता है.
- योग और हल्के स्ट्रेच सोने से पहले मेलाटोनिन छोड़ते हैं.
- योग संतुलित हार्मोनल स्थिति को बढ़ाता है जो नई सक्रिय रक्त कोशिकाएं बनाने में सहायता करती हैं.
- योगाभ्यास, मस्तिष्क के उन हिस्सों को शुद्ध करता है जो भावनात्मक व्यवहार को स्थिर करते हैं. योग दीर्घकालिक स्मृति में भी सुधार करता है.
- योगाभ्यास ऑक्सीटोसिन के स्राव और डोपामाइन तथा सेरोटोनिन जैसे मूड बदलने वाले हार्मोन के साथ इसकी अंतर-संबंधता को संतुलित करता है.
- योग ऑप्टोजेनेटिक्स की प्राकृतिक प्रक्रिया के रूप में कार्य करता है.
- योगाभ्यास डीएनए क्षति को रोकने में मदद करते हैं.
- योगाभ्यास अवसाद से निपटने के लिए मस्तिष्क के मार्ग और शरीर के सभी हिस्सों के माध्यम से ऊर्जा को रूपांतरित करता है. इस प्रक्रिया को बायोएनेर्जेेटिक्स के रूप में जाना जाता है.
सात्विक आहार
सात्विक आहार जीवन, नैतिक सदगुण, शक्ति, स्वास्थ्य, निष्पादन, खुशी, आंतरिक शुद्धि और संतुष्टि को बढ़ाता है. आधा कप फलियां एक औंस मांस के बराबर प्रोटीन प्रदान करती हैं और मशरूम भी उतना ही प्रदान करता है. मेवे (मुख्य रूप से बादाम और अखरोट), बीज (कद्दू के बीज) और एवोकैडो में ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं जो तंत्रिकाओं की रक्षा करते हैं और ज्ञान संबंधी कार्यप्रणाली (स्मृति) में सुधार करते हैं. वे मछली और चिकन के समान पोषक तत्व प्रदान करते हैं. दूध, दही और दाल में चिकन के बराबर प्रोटीन होता है. सोयाबीन में मांस से दोगुना प्रोटीन होता है. कटहल मांस का एक अच्छा विकल्प है. मूंगफली में अंडे की तुलना में दोगुना अधिक प्रोटीन होता है. मुख्य रूप से मांस की वस्तुओं से प्राप्त होने वाले विटामिन बी 12 को अनाज और दही, छाछ तथा अन्य डेयरी उत्पादों से भी प्राप्त किया जा सकता है. यह लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में सहायक है.
योगाभ्यास और सात्विक आहार थर्मोजेनेसिस (मैटाबॉलिज़्म) की प्रक्रिया को सक्रिय करते हैं. स्वास्थ्यवर्धक आहार, मूड बदलने वाले हार्मोन बनाता है. स्वास्थ्यवर्धक आहार के लिए प्रतिदिन सीमित चीनी (126 मिलीग्राम से कम), नमक (5 ग्राम से कम) तथा वसा (न्यूनतम वसा पुरुष - 5 से 6 प्रतिशत, महिलाएं - 13 से 14 प्रतिशत, अधिकतम वसा पुरुष 20 से 25 प्रतिशत, महिलाएं 29 से 35 प्रतिशत) और फल सब्जियां (400 से 500 ग्राम), मेवे और बीज (50 ग्राम) की आवश्यकता होती है. स्वास्थ्यवर्धक आहार स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक वजन (बीएमआई 18.5 - 24.9 किग्रा / एम 2) को बनाए रखने में मदद करता है. कोविड-19 महामारी के तनाव को दूर करने के लिए योगाभ्यास और सात्विक आहार सामान्य रूप से लोगों में प्रतिरक्षक शक्ति और स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं.
कॅरिअर के विकल्प
जब से संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करके योग के महत्व को मान्यता दी है, तब से कई संस्थान योग शिक्षा और योग स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में जुट गए हैं. अब हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां अपारंपरिक व्यवसाय, कॅरिअर और नौकरी के अवसरों के लिए विकल्प तेजी से खुल रहे हैं. कॅरिअर के विकल्प के रूप में योग गतिशील, नया, फलता-फूलता और रोमांचकारी है.
भारत सरकार ने 2014 में आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) की स्थापना की थी. इस सरकारी निकाय को वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में विकास, शिक्षा और अनुसंधान का काम सौंपा गया है. सरकार द्वारा अब योग को जीवन शैली के रूप में बढ़ावा देने के साथ, इस क्षेत्र में कई अवसर सामने आए हैं. शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को इस बारे में पेशेवर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं कि दूसरों को कैसे योग की सेवा प्रदान की जाए.
भारतीय योग संघ, योग अलाएंस और विश्व योग संगठन जैसे संगठन योग विद्यालयों, संस्थानों और शिक्षकों को एक वैश्विक निर्देशिका बनाने के लिए पंजीकृत करते हैं. यह तब उपयोगी हो जाता है जब कोई शिक्षक की तलाश में होता है, या यदि कोई योग प्रशिक्षक विशिष्ट स्थानों पर शिक्षण और कोचिंग के अवसरों की तलाश करता है. यह समुदाय, सूचनाओं के आदान-प्रदान में सक्षम बनाता है, योग की दुनिया में नवीनताओं से खुद को अद्यतन रखता है और आयोजनों के लिए भी सहायता प्रदान करता है.
एक उद्योग के रूप में स्वास्थ्य और आरोग्य, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक साबित हो रहा है. योग एक्सेसरीज में अब समर्पित ग्राहकों के लिए एक अलग बाजार है. इसके अतिरिक्त, सात्विक आहार उद्योग ने गाय के शुद्ध घी के उत्पादों, सूखे मेवों, स्वास्थ्यवर्द्धक पेय पदार्थों, मोटे अनाजों पर आधारित वस्तुओं और खाना पकाने के शुद्ध तेल जैसे जैविक खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित कर एक बड़ा बदलाव किया है.
इसके अलावा, योग पर्यटन ने भी एक नए यात्रा प्रचलन के रूप में उड़ान भरी है. कॉर्पोरेट तनाव के संकट में टूटने से बचने के लिए, लोग योगा रिट्रीट का विकल्प चुनते हैं जो आज की जीवनशैली के तनाव से राहत प्रदान करते हैं. सुरम्य स्थानों पर प्रतिदिन योगाभ्यास और ध्यान सत्र, यौगिक भोजन और मंत्र जाप, ये विशेष कार्यशालाएं इस उद्योग में व्यवसाय के लिए एक और अवसर हैं. नौकरी के अन्य अवसरों में शामिल हैं:
- कॉर्पोरेट योग प्रशिक्षक
- फिटनेस ट्रेनर
- आरोग्य प्रशिक्षु
- योग प्रशिक्षक
- व्यक्तिगत प्रशिक्षक
- विशेष शिक्षक
- योग इवेंट मैनेजमेंट
- योग चिकित्सक
- योग विशेष प्रशिक्षक
- समग्र जीवन शैली के कोच
- कायाकल्प चिकित्सा और वैकल्पिक चिकित्सा उपचार
- हीलिंग टेक्सटाइल्स मैन्यूफैक्चरिंग
- आयुर्वेदिक/पर्यावरण के अनुकूल वस्त्र उद्योग
- स्मार्ट योगा मैट बनाना
- फिटनैस और स्वास्थ्य संबंधी वीडियो उद्योग
योग सफल और शांतिपूर्ण जीवन जीने की कला है. यह सभी स्तरों पर स्वस्थ जीवन जीने की शैली है. यह सकारात्मक बदलाव का एक माध्यम है. योग रचनात्मकता और व्यक्तित्व विकास का विज्ञान है. यह सत्य की खोज या वास्तविकता को जानने की यात्रा है. योग मानव जीवन का समग्र अनुभव है. यह एक जीवित परंपरा है और देवत्व को साकार करने की एक सिद्ध प्रणाली है.
यह क्षेत्र विभिन्न क्षमताओं में कॅरिअर के लिए अच्छी संभावनाएं प्रदान करता है.
(लेखक, योग विज्ञान और चिकित्सा संकाय, मीनाक्षी अकादमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च, चेन्नै तमिलनाडु में प्रोफेसर हैं. ई-मेल: relangovantnpesu@gmail.com )
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.
(चित्र: गूगल के सौजन्य से)