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नौकरी फोकस


अंक संख्या-24, 10-16 सितम्बर,2022

पोषण के क्षेत्र में करियर

कैसे शुरू करें और क्या हैं संभावनाएं

 

प्रतीक सिंह

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के साथ, देश भर में बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं से जुड़ी पोषण संबंधी परिणामों में सुधार लाने और कुपोषण से जुड़े मुद्दे कामिशन मोड पर हल तलाशने के लिए सितंबर महीने को 'पोषण माह' के रुप में मनाया जा रहा है। कुपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य क्षेत्र, उद्योग निकायों, सेवा क्षेत्र और शिक्षाजगत सहित सभी संबंधित पक्षों के बीच आपसी सहयोग और समन्यवय की आवश्यकता है। पोषण संबंधित के विषयों के जानकार या पेशेवर देश में कुपोषण को दूर कर उस पर विजय प्राप्त करने और अपनी मानवीय क्षमता की वास्तविक और अधिकतम स्तर को विकसित करने में मददगार की भूमिका निभा करलक्ष्य को साकार करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पोषण विषय के जानकार पेशेवर होते हैं, जो उनलोगों की मदद करते हैं, जो शरीर के नुकसानदेह या खाने-पीने की गलत आदतों के कारण अनेक प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे होते हैं। पोषण विषय के विशेषज्ञ ऐसे लोगों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उनकी मदद करते हैं। राष्ट्रीय पोषण मिशन के अलावा, निम्नलिखित रुझान पोषण क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों की बढ़ती सकारात्मक मांग की ओर इशारा करते हैं।

प्रतिरक्षा वर्धक: COVID-19 महामारी ने लोगों में प्रतिरक्षा को बनाए रखने और बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में एक अभूतपूर्व जागरूकता पैदा की है, जिससेमानव शरीर वायरस के हमले का कारगर तरीके से मुकाबला कर सके और उसके दुष्प्रवाओं के चंगुल सेअसरदार तरीके से उबर सके। आमलोगों में प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिएभोज्यएवं खाद्य उत्पादक कंपनियां विभिन्न खाद्य उत्पादों में जस्ता, सेलेनियम, विटामिन सी और विटामिन डी के पूरक खाद्य पदार्थों के उत्पादन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके अलावा, लोग स्वस्थ खाने की आदतों के माध्यमसे प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों पर पोषण विषय के विशेषज्ञों की पेशेवर सलाह भी ले रहे हैं।

मानसिक स्वास्थ्य: लंबे लॉकडाउन के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए अब उन लोगों पर ध्यान केंद्रित हो गया है, जो तनाव, चिंता और अवसाद से पीड़ित है। लोग अपने रोजना के भोजन शैली में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले एंटीऑक्सिडेंट,जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन बी और अन्य बायोएक्टिव घटकों को शामिल करने इत्यादि को लेकर पोषण पेशेवरों की सलहा ले रहे हैं।

शैक्षणिक

विज्ञान विषय (आम तौर पर) या किसी अन्य विषय वर्ग से भी, 12 वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद बी.एससी. पोषण एवं आहार विज्ञान और उसके बाद पोषण और आहार विज्ञान मेंएमएससी किया जा सकता है। एमएससी न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्समें पोषण के चार प्रमुख विशेष क्षेत्र होते हैं जो इस प्रकार हैं:-

रोग विषयक पोषण

जन स्वास्थ्य पोषण

खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी

खेल आधारित पोषण

लोकप्रिय पाठ्यक्रम

बीएससी पोषण और आहार विज्ञान

बीएससी रोग विषयक पोषण और आहार विज्ञान

खाद्य विज्ञान और पोषण में बीएससी

पोषण और आहार योजना में डिप्लोमा

पोषण और आहार विज्ञान में डिप्लोमा

स्वास्थ्य शिक्षा में डिप्लोमा

एमएससी रोग विषयक पोषण

एमएससी भोजन विज्ञान

एमएससी सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण

एमएससी पोषण और डायटेटिक्स

एमएससी बाल चिकित्सा आहार विज्ञान में

एम..परिवार और उपभोक्ता विज्ञान

एम..डायटेटिक्स अध्ययन

एम..खाद्य अध्ययन

एम..खाद्य प्रौद्योगिकी

पोषण और खाद्य विज्ञान में डिप्लोमा

मानव पोषण में डिप्लोमा

पोषण विशेषज्ञ पाठ्यक्रमों के लिए शीर्ष कॉलेज

आईसीएमआर - राष्ट्रीय पोषण संस्थान, हैदराबाद

दिल्ली विश्वविद्यालय

मद्रास विश्वविद्यालय

डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय

उस्मानिया विश्वविद्यालय

मैसूर विश्वविद्यालय

जी.बी. पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर

बॉम्बे विश्वविद्यालय

श्रीमती नाथीबाई दामोदर ठाकरे विश्वविद्यालय

गुरु नानक देव विश्वविद्यालय

एमजीआर विश्वविद्यालय, चेन्नई

मदुरै कामराज विश्वविद्यालय

श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, चेन्नई

नौकरी प्रोफ़ाइल

आपके पास चाहे स्नातक की डिग्री हो या मास्टर की, पोषण विशेषज्ञ पाठ्यक्रम में विशेषज्ञता का चुनाव करने के बाद देश और विदेश दोनों जगहों पर करियर और रोजगार के पर्याप्त अवसरों के द्वार खुल जाएंगे। सरकार से लेकर निजी क्षेत्र तक लगभगसभी उद्योगों को ऐसे पेशेवरों की जरूरत होती है। एक पोषण विषय के पेशेवर आमलोगों, परिवारों, समुदायों और संगठनों को उनके भोजन, जीवन शैली और मानसिकता में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करताहै ताकि अधिक से अधिक स्वास्थ्य संवर्धन हो सके। पहले से चिन्हित की गई बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों की मदद करने के लिए एक लाइसेंस प्राप्त स्वास्थ्य देखभाल करने वाले पेशेवर के साथ काम करना चाहिए और शरीर में जैव रासायनिक संतुलन और विषाक्तता की पहचान,जिसकी वजह से सेहत खराब होती है, को उचित आहार, पोषण और व्यायाम के जरिए लोगों को उनके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में पोषण विशेषज्ञ मदद करते हैं।

रोग विषयक पोषणविद्: रोक विषयक पोषण और आहारिकी और सबसे प्रमुख और सभीअन्य विषयों में से एक है। चिकित्सीय आहार की जानकारी प्रमुख लक्ष्य आहार के पोषण और स्वास्थ्य पहलुओं के बारे में बहुत सटीक और सही तरीके से विभिन्न प्रकार के संक्रामक/फैलने वाली औरगैर-संक्रामक/गैर-संचारी रोगों की सहायता/उपचार करना है।

इस क्षेत्र का दायरा कुछ इस प्रकार है: (i) बी.एससी. न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स अस्पतालों में डायटीशियन और हेल्थ क्लीनिक्स, हेल्थ सेंटर्स, मल्टीनेशनल कंपनियों, स्कूलों, स्पा और होटलों और रेस्त्रां में न्यूट्रिशनिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं।

(ii) एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ (आरडी) बनें - स्नातक गैर सरकारी संगठनों और निजी संगठनों में परियोजना सहायक, परियोजना सहयोगी और मुख्य पोषण विशेषज्ञ के रूप में काम कर सकते हैं।

जन स्वास्थ्य पोषण विशेषज्ञ: सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण का एक अन्य क्षेत्र है जो कुपोषण/अति-पोषण के कारण होने वाली जन स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि महिलाओं में एनीमिया, विशेष रूप से युवा स्कूल/कॉलेज की लड़कियों में,बच्चों का स्टंटिंग और वेस्टिंग, विटामिन ए की कमी से होने वाली बीमारियों पर केंद्रित है। गरीब समुदाय और आमलोगों में, मधुमेह, आयोडीन की कमी, मोटापा, आदि से प्रभावित व्यक्ति। इस क्षेत्र का दायरा इस प्रकार है: (i) स्नातक पीएचएफआई (पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया) जैसे संगठन में परियोजना सहायक, परियोजना सहयोगी के रूप में काम कर सकते हैं। देश मेंडब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, अन्य स्वास्थ्य संगठन, और यहां तक ​​कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों के साथ और काम के जरिए व्यापक अनुभव प्राप्त करते हैं (ii) एनजीओ या निजी संगठनों में मुख्य पोषण विशेषज्ञ के रूप में काम करते हैं। (iii) पोषण आधारित पत्र-पत्रिकाओं में एक लेखक के रूप में भी काम कर सकते हैं (iv) ऐसे विषेशज्ञ एक जन स्वास्थ्य नीति निर्माता के रूप में भी काम कर सकते हैं (v) ऐसे लोगों के पास एक स्थायी खाद्य पोषण विशेषज्ञ के रूप में भी काम करने का विकल्प होता है।

खेल पोषण विशेषज्ञ: खेल पोषण मुख्य रुप से विशिष्ट पोषण और आहार आवश्यकताएं विभिन्न खेल-खिलाड़ियों के के लिए जरुरी दिशा-निर्देशों से संबंधित होती है, जो उनके खेल की श्रेणी, भार वर्ग, ऊंचाई और वजन के अनुपात आदि पर निर्भर करता है। इस क्षेत्र का दायराइस प्रकार है: (i) खेल प्रशिक्षण, जिम और फिटनेस केंद्रों में पोषण विशेषज्ञ के रूप में कार्य करना (ii) औसत जिम जाने वाले के लिए डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अंशकालिक कोच के रूप में कार्य करना (iii) फिटनेस स्ट्रीमिंग प्रोग्रामर के रूप में कार्य करना (iv) प्रमाणित पूरक और विशेष पोषण विशेषज्ञ बनना (v) भारतीय खेल प्राधिकरण और विभिन्न अन्य सार्वजनिक और निजी खेल प्रतिष्ठानों में पोषण विशेषज्ञ के रूप में शामिल हों सकते हैं।

खाद्य विज्ञान प्रौद्योगिकीविद्: अगर आपको लगता है कि आपके पास शोध के लिए वैज्ञानिक सोच या स्वभाव है और आप प्रयोग करना पसंद करते हैं साथ ही पोषण और आहार में रुचि के साथ-साथ एक विश्लेषणात्मक क्षमता वाला दिमाग है तो यह क्षेत्र सिर्फ आप जैसे लोगों के लिए ही है। क्षेत्र का दायरा इस प्रकार है: (i) विभिन्न प्रकार के खाद्य उद्योगों के अनुसंधान एवं विकास केंद्रों में खाद्य वैज्ञानिक के रूप में कार्य (ii) खाद्य लेखा परीक्षक/खाद्य गुणवत्ता नियंत्रक के रूप में कार्य (iii) खाद्य विश्लेषक/खाद्य संवेदी मूल्यांकनकर्ता के रूप में कार्य करना (iv) खाद्य उद्योग के साथ एक अनुसंधान सहयोगी के रूप में कार्य करें (v) भारतीय खाद्य और मानक प्राधिकरण (FSSAI) में एक सलाहकार के रूप में कार्य करें।

आय

पोषण का क्षेत्र एक बहुमुखी कार्य क्षेत्र है। आप अपने कौशल, हुनर और अनुभव के अनुसार अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं। एक अनुभवी आहार विशेषज्ञ का औसत शुरुआती न्यूनतम औसत वेतन5 लाख प्रति वर्ष या उससे अधिक हो सकता है। स्वास्थ्य और फिटनेस कोच के रुप में काम करने वालों का वेतन इस बात परनिर्भर करता है कि वे किस तरह के लोगों (ग्राहकों) के साथ काम कर रहे हैं। यदि आप सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के तहत काम करने का लक्ष्य रखते हैं, तो आपके पास व्यापक एक्सपोजर और संतोषजनक आय अर्जित कर सकते हैं। पोषण ब्लॉगर लाखों रुपये तक कमासकते हैं यदि उनके ब्लॉग पर दी गई पाठ्य सामग्री की गुणवत्ता बेहतर है और पाठकों की अधिकतम संख्या भी अधिक है। यदि आप एक फ्रीलांसर हैं और ऑनलाइन पोर्टल और मीडिया पर ग्राहकों के साथ काम कर रहे हैं, तो आपके पास अधिक कमाई करने के विकल्प और सुविधा दोनों है क्योंकि इसके तहत अलग-अलग से आप अपनी विशेषज्ञता के अनुसार शुल्क और वेतन प्राप्त कर सकते हैं।

संक्षेप में, पोषण में करियर एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसमें बहुत सारे अवसर सामने आ रहे हैं क्योंकि अब आमलोगों के साथ साथ प्रशासन भी स्वास्थ्य और सेहत को लेकर पहले से ज्यादा जागरुक हो चुकी है और इसका असर देश की अर्थव्यवस्था के साथ साथ समुदाय और परिवार पर भी पड़ता है।

(लेखक करियर कंसल्टेंट और नीट कोच हैं। उनसे prateeksinghtalks@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)। लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं।