रोज़गार समाचार
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विशेष लेख


Volume-15, 14-20 July, 2018

 

प्रधानमंत्री ने कहा देश में आर्थिक गतिविधि की सकारात्मकता से रोज़गारों में पर्याप्त वृद्धि

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश में रोजग़ारों में व्यापक वृद्धि हुई है और भारत में आर्थिक गतिविधि की सकारात्मकता से और अधिक रोजग़ारों का सृजन हुआ है. स्वराज्य पत्रिका के साथ साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में रोजग़ार वृद्धि के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि वास्तविक समस्या रोजग़ार सृजन की नहीं है बल्कि आंकड़ों की है जो गति को नियंत्रित करते हैं. श्री मोदी ने कहा कि रोजग़ारों के अभाव की अपेक्षा, मुद्दा रोजग़ार संबंधी डाटा का अभाव है. उन्होंने आगे कहा कि रोजग़ारों के आकलन का परंपरागत मैट्रिक्स नये भारत की नई अर्थव्यवस्था में नये रोजग़ारों की गणना के लिये सामान्यत: बहुत पर्याप्त नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम पैरोल डाटा के आधार पर सितंबर 2017 से अप्रैल 2018 तक 70 लाख से अधिक रोजग़ारों का सृजन किया गया. तदनुसार पिछले वर्ष औपचारिक क्षेत्र में 70 लाख से अधिक रोजग़ार सृजित किये गये. उन्होंने कहा कि औपचारिक क्षेत्र में रोजग़ार सृजन का औपचारिक क्षेत्र में भी रोजग़ार सृजन पर परिणामी प्रभाव हो सकता है. प्रधानमंत्री ने यह संदेश देने के लिये अधिक रोजग़ारों का सृजन हुआ है देश में उन्नत आर्थिक और निवेश वातावरण से आंकड़े गिनाये. उन्होंने कहा कि भारत में आजादी के बाद से पिछले वर्ष जुलाई तक कऱीब 66 लाख पंजीकृत उद्यम थे. मात्र एक वर्ष में 48 लाख नये उद्यम पंजीकृत हुए हैं. मुद्रा के तहत 12 करोड़ से अधिक ऋण दिये गये हैं. पिछले एक वर्ष में एक करोड़ से अधिक आवासों का निर्माण किया गया है. प्रति माह सडक़ निर्माण दोगुणा से अधिक रहा है. हाल की एक अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में गऱीबी कितनी तेज़ी से घट रही है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि लोगों के पास रोजग़ार के बिना इतनी अधिक आर्थिक गतिविधि संभव नहीं है. हमारे पास रोजग़ार के बारे में राज्य सरकारों द्वारा प्रदान किया गया डाटा होता है. उन्होंने कहा, अब यदि सभी राज्य अच्छी खासी संख्या में रोजग़ारों का सृजन कर रहे हैं, तो क्या ये संभव हो सकता है कि देश में रोजग़ारों का सृजन नहीं हो रहा हो?

-दूरदर्शन समाचार