भगौड़े आर्थिक अपराधियों और परिसंपत्ति
वसूली के लिए 9 सूत्री कार्य योजना
1. जी-20 देशों के बीच सुदृढ़ और सक्रिय सहयोग, ताकि भगौड़े आर्थिक अपराधियों के संकट से व्यापक एवं कारगर ढंग से निपटा जा सके.
2. कानूनी प्रक्रियाओं में सहयोग बढ़ाया जाएगा और उसे सुदृढ़ किया जाएगा. इन प्रक्रियाओं में अपराध के कारण बरामद की गई संपत्तियों को कारगर ढंग से सील करना; भगौड़े अपराधियों को शीघ्र स्वदेश लाना और अपराध के कारण बाहर गए धन को सक्षमतापूर्वक स्वदेश वापस लाना शमिल है.
3. जी-20 देशों द्वारा एक ऐसी व्यवस्था कायम करने के लिए संयुक्त प्रयास करना, जो सभी भगौड़े आर्थिक अपराधियों को सुरक्षित स्थान हासिल करने से रोक सके.
4. भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र समझौते के सिद्धांत (यूएनसीएसी), संक्रमण कालीन संगठित अपराध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र समझौता (यूएनओटीसी), को विशेष रूप से ‘‘अंतर्राष्ट्रीय सहयोग’’ के संबंध में, पूरी तरह और कारगर ढंग से लागू किया जाना चाहिए.
5. वित्तीय कार्रवाई कार्य दल (एफएटीएफ) का आह्वान किया जाना चाहिए कि वह आर्थिक अपराधों को वरीयता प्रदान करे और ऐसे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करे, जो सक्षम प्राधिकारियों और एफआईयूज़ के बीच जानकारी के समय पर और व्यापक आदान प्रदान को संभव बना सके.
6. एफएटीएफ को भगौड़े आर्थिक अपराधियों की एक मानक परिभाषा तैयार करने का काम सौंपा जाना चाहिए.
7. एफएटीएफ को भगौड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिए उनकी पहचान, प्रत्यर्पण और न्यायिक प्रक्रियाओं के बारे में आमतौर पर स्वीकृत और मानक प्रक्रियाओं का एक समूह विकसित करना चाहिए, जो सम्बद्ध देशों के घरेलू कानून के अधीन जी-20 देशों का मार्गदर्शन कर सके और उनकी सहायता कर सके.
8. प्रत्यर्पण के सफल मामलों, प्रत्यर्पण की मौजूदा प्रणालियों की खामियों और कानूनी सहायता आदि सहित, अनुभव और उत्कृष्ट पद्धतियों की जानकारी साझा करने के लिए एक सामान्य मंच स्थापित किया जाना चाहिए.
9. जी-20 फोरम को ऐसे आर्थिक अपराधियों, जिनकी उनके देश में कर देयता हो, की संपत्तियों का पता लगाने की दिशा में काम करने पर विचार करना चाहिए ताकि उन्हें जब्त किया जा सके.