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विशेष लेख


अंक संख्या -41 ,8-14 जनवरी,2022

युवा : आज के राष्ट्र निर्माता

भारत सरकार सन् 1985 से प्रतिवर्ष 12 जनवरी, स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाती रही है. इस संबंध में भारत सरकार की घोषणा में कहा गया, ''यह महसूस किया गया कि स्वामीजी का दर्शन और आदर्श, जिनकी खातिर वह जिए और कार्य करते रहे, भारतीय नौजवानों के लिए बहुत बड़ा प्रेरणा स्रोत हो सकते हैं.

स्वामी विवेकानंद का संदेश साधारण, लेकिन सशक्त था. उन्होंने अपने विचार सीधे जनता, विशेषकर युवाओं तक पहुंचाए. उनके  संदेश ने जाति और पंथ के बंधनों को तोड़कर सार्वभौमिक भाईचारे की बात की. उनके द्वारा प्रकट किए गए उद्गार, उनके विचारों और आदर्शों का महत्व वर्तमान समय में हमारे देश के युवाओं के बीच परिलक्षित होता है. उन्होंने युवाओं की शाश्वत ऊर्जा और सत्य के लिए उनकी अथक खोज को साकार किया है.

भारत इस समय युवा राष्ट्रों में से है और देश की प्रतिभा और सामर्थ्य के सबसे बड़े राजदूत नौजवान हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के नौजवानों को नेतृत्व के संबंध में सदैव स्वामी विवेकानंद के परामर्श का अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित किया है. 2021 के राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि 'ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही हमारे राष्ट्र की बुनियाद हैं.’ श्री मोदी ने युवाओं को स्वामी विवेकानंद का मंत्र दिया. स्वामी जी कहते थे कि शारीरिक फिटनेस के लिए 'लोहे के समान मांसपेशियां और वज्र के समान स्नायु’, व्यक्तित्व विकास के लिए 'स्वयं पर भरोसाऔर नेतृत्व एवं टीम भावना के लिए 'सभी पर भरोसाहोना चाहिए.

व्यक्तियों और संस्थाओं के विकास में स्वामीजी के योगदान को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने हमारे देश की युवा शक्ति का उपयोग करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उनमें से कुछ निम्नलिखित है:

राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव

राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव का उद्देश्य 18 से 25 साल आयु वर्ग के युवाओं के विचारों को जानना है, जो आने वाले वर्षों में लोक सेवाओं सहित कई तरह के व्यवसाय अपनाएंगे. राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (एनवाईपीएफ) 31 दिसंबर 2017 के प्रधानमंत्री के मन की बात संबोधन में व्यक्त किए गए विचार पर आधारित है. प्रधानमंत्री के विचारों से प्रेरणा लेते हुए प्रथम एनवाईपीएफ 2019 का आयोजन 12 जनवरी से 27 फरवरी 2019 तक जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर किया गया. इसका थीम था-''नये भारत की आवाज बनें और समाधान खोजें एवं नीति में योगदान दें’.

टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स)

ओलंपिक और पैरालंपिक स्पर्धाओं में भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय ने सितम्बर, 2014 में टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) प्रारंभ की. यह मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है, जो भारत के शीर्ष खिलाड़ियों की सहायता करने तथा उनकी तैयारियों को ज्यादा असरदार बनाने की दिशा में एक प्रयास है, ताकि वे ओलंपिक में पदक जीत सकें. इस योजना का उद्देश्य भविष्य पर नजर रखना और खिलाड़यों के ऐसे समूह को वित्तीेय सहायता देना है, जो 2024 के पेरिस ओलंपिक और 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पदक जीत सकते हैं. टॉप्स के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता में विदेशी प्रशिक्षण, अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा, उपकरण और कोचिंग कैम्प शामिल हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थियों को लचीले और नवोन्मेमषी शिक्षण प्रारूप उपलब्ध कराती है. इस नीति का लक्ष्य विद्यार्थियों की महत्वांकांक्षाओं, कौशलों, समझ और पसंद को प्राथमिकता देते हुए बेहतर व्यक्ति तैयार करना है. उन्होंने देश के युवाओं को उपलब्ध कराई जा रही बेहतर शिक्षा और उद्यम संबंधी अवसरों को रेखांकित किया. प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम देश में एक ऐसा इकोसिस्टम विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके अभाव में, अक्सर हमारे देश के युवा विदेशों का रुख करते हैं.’

राष्ट्रीय युवा महोत्सव 

युवा कार्य विभाग 1995 से इसका आयोजन कर रहा है. इसका उद्देश्य देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा का परिचय देने के लिए एक साथ एक मंच पर लाना है; जहां एक लघु भारत का निर्माण करते हुए युवा औपचारिक और अनौपचारिक रूप से अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक विशिष्टता पर विचारों का आदान-प्रदान करते हैं. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, सांप्रदायिक सद्भाव की भावना, भाईचारे, शौर्य और साहस को बढ़ावा देना भी है. इसका मूलभूत उद्देश्य युवाओं और जनता की साझेदारी से 'एक भारत श्रेष्ठ भारतकी भावना, आत्मा और अवधारणा का प्रसार करना है. राष्ट्रीय युवा महोत्सव हर साल 12 से 16 जनवरी तक मनाया जाता है.

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई)

यह योजना देश में कौशल विकास को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने के लिए 2015 में प्रारंभ की गई थी. ऐसा निशुल्क अल्पावधि कौशल प्रशिक्षण तथा कौशल प्रमाणन के लिए युवाओं को नकद पुरस्कारों से प्रेरित करते हुए किया गया था. इस कौशल प्रमाणन योजना का उद्देश्य बड़ी संख्या में भारतीय युवाओं को बेहतर आजीविका अर्जित करने में सहायता देने के लिए उद्योग की दृष्टि से उपयुक्त कौशल प्रशिक्षण ग्रहण करने में समर्थ बनाना है. यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय कौशल अहर्ता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के अनुसार प्रदान किया जा रहा है, जिसके पाठ्यक्रम में सॉफ्ट स्किल, उद्यमिता, वित्तीय एवं डिजिटल साक्षरता शामिल हैं. पीएमकेवीवाई विशेष क्षेत्रों और सरकारी निकायों, कंपनियों/ औद्योगिक संस्थाओं के परिसरों में प्रशिक्षण को प्रोत्साहन देने की परिकल्पना करती है तथा उपलब्ध क्वालीफिकेशन पैक्स (क्यूपी) और राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (एनओएस) में रोज़गार विशेष के लिए प्रशिक्षण को परिभाषित नहीं किया गया है.

सांस्कृतिक विरासत युवा नेतृत्व कार्यक्रम (सीएचवाईएलपी)

युवाओं में नेतृत्व के उपयुक्त गुण विकसित करने की दृष्टि से उनमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति प्रेम, परस्पर समझ विकसित करने, भारतीय संस्कृति और विरासत के बारे में उनकी जागरूकता बढ़ाने के लिए इस योजना की परिकल्पना की गई. इस कार्यक्रम में पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले वंचित बच्चों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया. उन बच्चों को बेहतर तरीके से समझ आए, इसके लिए उनके के साथ उन्हीं की भाषा में संवाद किया गया. यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाले स्वायत्त  संगठन सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) ने इस योजना के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया. यह योजना सांस्कृतिक जागरूकता के प्रचारकों के लिए युवाओं में नेतृत्व के गुणों को बढ़ावा देने का आधार तैयार करेगी.

फिट इंडिया मूवमेंट

माननीय प्रधानमंत्री ने फिटनेस को हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी का अभिन्न अंग बनाने के लिए 2019 में फिट इंडिया मूवमेंट का शुभारंभ किया था. इस मूवमेंट का मिशन व्यवहार में बदलाव लाना और शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय जीवनशैली की दिशा में बढ़ना था. इस मिशन को हासिल करने के लिए फिट इंडिया के तहत विविध तरह की पहल और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है: फिटनेस को आसान, मज़ेदार और मुक्त गतिविधि के रूप में बढ़ावा देना; केंद्रित प्रचारों के माध्यम से फिटनेस को बढ़ावा देने वाली विभिन्न शारीरिक गतिविधियों के बारे में जागरूकता फैलाना; मौलिक खेलों को बढ़ावा देना; प्रत्येक स्कूल, कॉलेज/ विश्वविद्यालय, पंचायत/गांव तक फिटनेस पहुंचाना; सूचनाएं साझा करने, जागरूकता फैलाने और फिटनेस की निजी कहानियों को साझा करने को प्रोत्साहित करने के लिए भारत के नागरिकों के लिए मंच तैयार करना.

युवा-लेखकों को परामर्श देने के लिए प्रधानमंत्री की योजना 

देश में पढ़ने, लिखने और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने तथा वैश्विक स्तर पर भारत और भारतीय लेखन को प्रदर्शित करने के लिए मई 2021 में आरंभ की गई युवा - नवोदित लेखकों (30 वर्ष से कम आयु) को प्रशिक्षित करने के लिए एक लेखक परामर्श कार्यक्रम है. युवा, भारतञ्च75 परियोजना (आजादी का अमृत महोत्सव) का एक हिस्सा है. यह योजना विस्मृत नायकों, स्वतंत्रता सेनानियों, अज्ञात और भूले-बिसरे स्थानों और राष्ट्रीय आंदोलन में उनकी भूमिका और अन्य संबंधित विषयों पर लेखकों की युवा पीढ़ी के दृष्टिकोण को नवोन्मेमषी एवं रचनात्मक तरीके से सामने लाने से संबद्ध है.  इस प्रकार यह योजना लेखकों की एक धारा विकसित करने में सहायता करेगी जो भारतीय विरासत, संस्कृति और ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए विषयों के अलग-अलग पहलुओं पर लिख सकते हैं. इस योजना के तहत लिखी गई पुस्तकों का प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत करेगा. इसके अलावा संस्कृति और साहित्य के आदान-प्रदान को सुनिश्चित करने के लिए इनका अन्य भारतीय भाषाओं में भी अनुवाद किया जाएगा, जिससे संस्कृति और साहित्य का आदान-प्रदान सुनिश्चित होगा. युवा रचनात्मक दुनिया के भावी नेताओं की बुनियाद रखने में बेहद सफल रहेगी.

स्रोत:एमएसडीई/पीआईबी/ एमवाईएएस

(संकलन : अनुजा भारद्वाजन एवं अनीशा बनर्जी)