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विशेष लेख


अंक संख्या 09,28 मई - 03 जून,2022

एआईएम-प्राइम

देश में विज्ञान आधारित गहन प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन

 

 

गहन प्रौद्योगिकी की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास और देश को डिजिटल रूपांतरित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर करने हेतु अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), नीति आयोग ने देशभर में विज्ञान आधारित गहन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स औरउद्यमों को प्रोत्साहन तथा समर्थन प्रदान करने की एक पहल के तौर पर 31 मार्च, 2021 को एआईएम-प्राइम का शुभारंभकिया. राष्ट्रव्यापी एआईएम-प्राइम कार्यक्रम का समापन 10 मई, 2022 को एआईएम-प्राइम प्लेबुक के विमोचन के साथ हुआ. प्लेबुक के बारे में विस्तार से जानने से पहले, आइए पहले समझते हैं कि एआईएम-प्राइम कार्यक्रम में क्या कुछ शामिल है.

एआईएम-प्राइम कार्यक्रम

एआईएम प्राइम (प्रोग्राम फॉर रिसर्चर्स इन इनोवेशन, मार्केट रेडीनेस एंड एंटरप्रेन्योरशिप) कार्यक्रम का उद्देश्य मिश्रित शिक्षण पाठ्यक्रम का उपयोग करके 12 महीने की अवधि में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन से प्रारंभिक चरण के विज्ञान-आधारित, गहन प्रौद्योगिकी अवधारणाओं को बाजार में प्रोत्साहन देना था. इस संबंध में, एआईएम ने इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम को शुरू करने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के साथ हाथ मिलाया, जिसे-एक गैर-लाभकारी प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर  वेंचर सेंटर- ने  कार्यान्वित किया. गहन प्रौद्योगिकी उच्च ज्ञान सामग्री के साथ अत्यधिक गहन अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) का परिणाम है. नतीजतन, उद्यमशीलता की यात्रा में विभिन्न पहलुओं पर जोर देने और जोखिम कम करने की प्रक्रिया को नेविगेट करने तथा ऐसे विचारों को बाजार में लाने के लिए एक अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है.

 

कार्यक्रम के प्रथम वर्ग में मजबूत विज्ञान आधारित गहन तकनीकी व्यावसायिक विचारों के साथ प्रौद्योगिकी डेवलपर्स (प्रारंभिक चरण के गहन तकनीकी स्टार्ट-अप, और वैज्ञानिक/ इंजीनियर/ चिकित्सक) को आमंत्रित किया. यह कार्यक्रम एआईएम-वित्त पोषित अटल इनक्यूबेशन केंद्रों के मुख्य, कार्यकारी अधिकारियों और वरिष्ठ इनक्यू- बेशन प्रबंधकों के लिए भी खुला था जो गहन तकनीकी उद्यमियों की सहायता कर रहे हैं. पहले समूह में विज्ञान आधारित स्टार्टअप, फैकल्टी उद्यमी और इनक्यूबेटर प्रबंधक शामिल थे, जहां उन्होंने एक इनक्यूबेटर के साथ मिलकर अपने विचार को आगे बढ़ाने का काम किया. इस दल में 40 संगठन और 64 प्रतिभागी शामिल थे, जो 7 राज्यों के 23 विभिन्न शहरों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. कोहोर्ट ने औद्योगिक स्वचालन, आईओटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स, ऊर्जा और पर्यावरण, स्वास्थ्य और पुनर्वास, तथा भोजन, पोषण और कृषि सहित विज्ञान-आधारित क्षेत्रों की एक विस्तृत विविधता का प्रतिनिधित्व किया. कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 17 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संकाय सदस्य शामिल हुए, जिन्होंने सामूहिक रूप से परामर्श देने के लिए 640 घंटे से अधिक समय बिताया. उन्हें एक डीप टेक स्टार्टअप प्लेबुक, क्यूरेटेड वीडियो लाइब्रेरी, और पीयर-टू-पीयर लर्निंग अवसरों तक सुगम्यता प्रदान की गई. एआईएम-प्राइम कार्यक्रम विशेष रूप से भारत में गहन तकनीकी विज्ञान उपक्रमों के तेजी से विस्तार के लिए तैयार किया गया है, जो केवल आवश्यक बुद्धिमत्ता और समर्थन प्रदान करता है बल्कि वह अवसर भी प्रदान करता है जिसके वे हकदार हैं.

 

इस कार्यक्रम के लाभों का उद्देश्य 12 महीनों की अवधि में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के माध्यम से विशिष्ट मुद्दों का समाधान करना है. कार्यक्रम के लिए चुने गए उम्मीदवारों को एक व्यापक व्याख्यान शृंखला, लाइव टीम प्रोजेक्ट, अभ्यास और परियोजना-विशिष्ट परामर्श के माध्यम से गहन शिक्षा प्राप्त हुई. उम्मीदवारों को नवाचार और उद्यमिता से संबंधित विभिन्न विषयों पर वैश्विक विशेषज्ञों से सीखने का अवसर मिला. उन्हें एक विचार को सक्रिय रूप से बाजार में लाने के लिए एक अंतत: विषय टीम के साथ काम करने, अपनी परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए सलाहकार पैनल तक पहुंच प्राप्त करने, गहन प्रौद्योगिकी विचारों के व्यावसायीकरण के लिए संसाधन  के रूप में संकलित विशेष टूलकिट तक पहुंच और अंतर्दृष्टि तथा दुनियाभर के विभिन्न उद्योग विशेषज्ञों से व्याख्यान तक अतिरिक्त पहुंच का अवसर मिला. उम्मीदवारों को पीयर-टू-पीयर लर्निंग और अन्य अनुभवी स्टार्टअप संस्थापकों और नवाचार प्रबंधकों से सीखने और समझने का अवसर भी मिला. नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने कहा, 'स्टार्टअप अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण भाग का प्रतिनिधित्व करते हैं जो दुनिया के भविष्य के उद्योगों को आकार देते हैं और इस तरह भविष्य की नौकरियों, उत्पादों और अर्थव्यवस्था को मूर्तरूप दे सकते हैं. बड़े पैमाने पर सामाजिक प्रभाव (उदाहरण के लिए, टीकों, दवाओं, निदान, जलवायु परिवर्तन प्रतिरोधी फसलों, कार्बन ग्रहण प्रौद्योगिकियों आदि के माध्यम से) डालने की उनकी क्षमता के कारण विज्ञान-आधारित स्टार्टअप विशेष रूप से रोमांचक हैं, परंतु भविष्य और स्थिति खुद को दुनिया के एक अग्रणी नवाचार-नेतृत्व वाले देश के रूप में भारत को ऊंची छलांग लगाने का अवसर भी प्रदान करते हैं. एआईएम प्राइम जैसे कार्यक्रम ऐसे वाहनों का पोषण कर सकते हैं जो पूंजी को उच्च जोखिम-लाभ की गतिविधियों में आकर्षित कर सकते हैं - कुछ ऐसा जो देश में उच्च विकास दर हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है’. अन्य कार्यक्रम लाभों में प्राइम प्लेबुक, विज्ञान आधारित उद्यमियों और उद्यमों के लिए एक गाइड, प्राइम लाइब्रेरी, कार्यक्रम से जुड़े संकाय और विशेषज्ञ सलाहकारों द्वारा साझा किया गया एक क्यूरेटेड संसाधन, और प्राइम क्लासरूम के हिस्से के रूप में व्याख्यान प्राइम वीडियो, एक ओपन-एक्सेस वीडियो संग्रह शामिल है.

 

एआईएम-प्राइम प्लेबुक क्या है?

एआईएम-प्राइम प्लेबुक का लक्ष्य प्रयोगशाला से बाजार तक विज्ञान आधारित उद्यमों के निर्माण में शामिल शैक्षणिक शोधकर्ताओं, उद्यमियों और इन्क्यूबेटरों के लिए एक व्यापक संसाधन का निर्माण करना है.

अटल इनोवेशन मिशन क्या है?

अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) देशभर में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 2016 में शुरू की गई नीति आयोग की एक प्रमुख पहल है. एआईएम का उद्देश्य हमारे देश के कोने-कोने में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति उत्पन्न करना और प्रोत्साहित करना है. एआईएम का उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नए कार्यक्रमों और नीतियों को विकसित करना, विभिन्न हितधारकों के लिए मंच और सहयोग के अवसर प्रदान करना तथा देश के नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र की देखरेख के लिए एक छत्र संरचना का निर्माण करना है.

 

अटल इनोवेशन मिशन के निम्नलिखित दो मुख्य कार्य हैं:

 

1.            स्व-रोज़गार और प्रतिभा उपयोग के जरिए उद्यमिता को बढ़ावा देना, जिसमें सफल उद्यमी बनने के लिए नवप्रवर्तकों का समर्थन और मार्गदर्शन किया जाएगा.

2.            नवाचार को बढ़ावा देना: एक ऐसा मंच प्रदान करना जहां नवीन विचार उत्पन्न होते हैं.

देश में नवाचार को प्रोत्साहित करने और समर्थन करने के लिए एआईएम के कई कार्यक्रम हैं.

 

अटल टिंकरिंग लैब्स

स्कूलों में रचनात्मक, नवोन्मेषी मानसिकता को बढ़ावा देना. स्कूल स्तर पर, एआईएम देशभर के सभी जिलों में अत्याधुनिक अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) स्थापित कर रहा है. ये एटीएल 1000-1500 वर्ग फुट के समर्पित नवाचार कार्यस्थल हैं जहां 3डी प्रिंटर, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), लघु इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी नवीनतम तकनीकों पर डू-इट-योर (डीआईवाई) किट सरकार से 20 लाख रुपये के अनुदान का उपयोग करके स्थापित की जाती हैं ताकि कक्षा viसे ग्रेडxii तक के छात्र इन तकनीकों के साथ रूबरू हो सकें और इन तकनीकों का उपयोग करके नवीन समाधान खोजना सीख सकें. यह देशभर के लाखों छात्रों के लिए एक समस्या समाधान खोज़ने और नवीन मानसिकता का सृजन करने में सक्षम होगा.

 

अटल इनक्यूबेशन सेंटर

विश्वविद्यालयों और उद्योग में उद्यमिता को बढ़ावा देना. विश्वविद्यालय, ग़ैर सरकारी संगठन, लघु और मध्यम इकाइयां और कॉर्पोरेट उद्योग स्तरों पर, एआईएम विश्व स्तरीय अटल इनक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) स्थापित कर रहा है जिनसे देश के हर क्षेत्र/राज्य में स्थायी स्टार्टअप के सफल विकास और सक्षमता को गति प्राप्त होगी और इससे भारत में तथा वैश्विक स्तर पर वाणिज्यिक और सामाजिक उद्यमिता दोनों ही तरह के अवसर उपलब्ध होंगे. एआईएम मौजूदा इन्क्यूबेटरों को उनके संचालन को बढ़ाने के लिए उन्नयन समर्थन भी प्रदान कर रहा है.

 

अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र

टियर 2, टियर 3 शहरों, आकांक्षी जिलों, आदिवासी, पहाड़ी और तटीय क्षेत्रों सहित भारत के असेवित/अछूते क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार लाभों को बढ़ावा देने के लिए, एआईएम एक अद्वितीय साझेदारी संचालित मॉडल के साथ अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र स्थापित कर रहा है जिसमें एआईएम एक एसीआईसी को 2.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान देगा, बशर्ते कि साझेदार भी इसके समकक्ष या अधिक वित्तपोषण उपलब्ध करवाएं.

 

संकलन: अनीशा बनर्जी और अनुजा भारद्वाजन

स्रोत: पत्र सूचना कार्यालय/ aim.gov.in

व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.