अस्पताल प्रशासन में पारंपरिक और नए कॅरिअर के अवसर
निधि प्रसाद
भारत का स्वास्थ्य परिचर्या क्षेत्र अपने विस्तारित कवरेज, सेवाओं, नवाचारों, प्रौद्योगिकी और सार्वजनिक और साथ ही निजी संस्थाओं द्वारा बढ़ते खर्च के कारण तीव्र गति से बढ़ रहा है, जिससे यह राजस्व और रोज़गार दोनों के मामले में भारत का सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया है. स्वास्थ्य परिचर्या उद्योग में अस्पताल और स्वास्थ्य परिचर्या केंद्र, चिकित्सा उपस्कर, नैदानिक परीक्षण, आउटसोर्सिंग, टेलीमेडिसिन, चिकित्सा पर्यटन, स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं. भारत में अस्पताल उद्योग कुल स्वास्थ्य परिचर्या बाजार का 80 प्रतिशत हिस्सा है. अस्पताल नैदानिक और गैर-नैदानिक पेशेवरों को रोज़गार के अवसर प्रदान करते हैं. जिस तीव्र गति से अस्पताल उद्योग फलफूल रहा है, उसे देखते हुए अनिवार्य रूप से इस क्षेत्र में जनशक्ति की अधिक आवश्यकता होगी. इसलिए, अस्पताल प्रशासन में कॅरिअर चुनना एक बुद्धिमानी भरा निर्णय होगा.
अस्पताल प्रशासन क्या है?
अस्पताल प्रशासन में ऐसे पेशेवर शामिल होते हैं जो प्रमुख जिम्मेदारियों को संभालते हैं जिसमें केंद्र के वित्त की देखरेख, कर्मचारियों को काम पर रखना और प्रबंधन करना, गुणवत्ता देखभाल प्रदान करने के तरीकों की जांच करना और लागू करना, केंद्र / विभाग के लक्ष्य निर्धारित करना, नीतियों और प्रक्रियाओं को वर्तमान कानूनों के साथ संरेखित करना, लॉजिस्टिक्स, मार्केटिंग और मेडिकल बिलिंग के साथ-साथ कई अन्य संबंधित कर्तव्यों को संभालने के अलावा प्रबंधकों और निदेशक बोर्ड के साथ संचार करना, कार्यक्रम तथा बजट तैयार करना शामिल है.
अस्पताल प्रबंधन में कॅरियर के अवसर
मानव संसाधन प्रबंधक
मानव संसाधन (एचआर) प्रबंधक के रूप में, आप अस्पताल के लिए नैदानिक और गैर-नैदानिक-दोनों प्रकार के पेशेवरों को काम पर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. मानव संसाधन प्रबंधकों को नर्सिंग निदेशक, चिकित्सा निदेशक, विभाग प्रमुख आदि भी कहा जाता है, जिनका मुख्य कार्य अस्पताल के कार्य-संचालन को बनाए रखना, आउट पेशेंट का प्रबंधन करना, उपचार केंद्रों का प्रबंधन करना और रोगी के साथ-साथ कर्मचारियों की स्वास्थ्य परिचर्या सुनिश्चित करना है.
क्रय एवं विपणन
अस्पताल प्रबंधक के रूप में, आप सभी प्रशासनिक कार्य जैसे वित्त, लेखाकरण, विपणन आदि कार्य संभालेंगे.
अस्पताल प्रचालन
आप अस्पताल प्रचालन के प्रबंधन और अस्पताल के दिन-प्रतिदिन के प्रचालन में भी शामिल होंगे. पूरे देश में आपको एक विभाग से लेकर अस्पताल शृंखलाओं तक का प्रबंधन करना होगा और सभी पर नजर रखनी होगी.
शैक्षणिक
अस्पताल प्रशासन में स्नातक व्यक्ति अस्पताल प्रबंधन पाठ्यक्रम चलाने वाले विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी कॅरिअर के अवसरों का पता लगा सकता है जिसमें आप उभरते अस्पताल प्रबंधकों को अपना ज्ञान प्रदान करेंगे.
स्वास्थ्य बीमांकक
बीमा क्षेत्र से अधिक निकटता से संबंधित, स्वास्थ्य बीमांकक के रूप में काम करते समय, आपको अस्पतालों में स्वास्थ्य परिचर्या प्रदायगी से जुड़े वित्तीय जोखिमों का आकलन और मूल्यांकन करने की आवश्यकता होगी. जिम्मेदारियों में आंतरिक और बाहरी जोखिमों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य बीमा उत्पादों का उचित निर्धारण और मूल्य निर्धारण करना भी शामिल हो सकता है. इस क्षेत्र में आने के लिए गणित, सांख्यिकी या डेटा-उन्मुख क्षेत्र में एक उन्नत डिग्री की सिफारिश की जाती है.
स्वास्थ्य संवर्धन विशेषज्ञ
सरकारी और निजी-दोनों क्षेत्रों के अस्पताल और स्वास्थ्य परिचर्या केंद्र स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए पेशेवरों को नियुक्त करते हैं. विशिष्ट कार्यों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग, शराब के सेवन के साथ-साथ विशिष्ट बीमारियों (डेंगू, मलेरिया, कैंसर, हृदय, आदि) जैसे मुद्दों के बारे में सूचना का प्रचार- प्रसार शामिल है. इस अस्पताल प्रबंधन प्रोफ़ाइल की वरिष्ठ स्तर की भूमिकाओं में प्रशिक्षण और कार्यशालाएं, साझेदारी बनाना, सामुदायिक अभियान और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं. व्यवसाय पर ध्यान देने के साथ स्वास्थ्य प्रशासन में डिग्री की आवश्यकता होती है, लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य में मास्टर योग्यता भी लाभदायक होती है. इसके अलावा, प्रासंगिक उद्योग में कुछ वर्षों का अनुभव आपके कॅरिअर की संभावनाओं को बढ़ा सकता है.
स्वास्थ्य परिचर्या कार्यपालक के रूप में आप निम्नलिखित क्षेत्रों में काम कर सकते हैं:
· अस्पताल स्वास्थ्य बीमा संगठन
· सलाहकारी फर्में स्वास्थ्य परिचर्या संघ
· क्लीनिक निजी अस्पताल
· मानसिक स्वास्थ्य संगठन सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग
· पुनर्वास केंद्र विश्वविद्यालय और अनुसंधान संस्थान
पाठ्यक्रम और पात्रता
अस्पताल प्रशासन में स्नातक: किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान में अस्पताल प्रशासन में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए, आपको 10+2 स्तर पर विज्ञान स्ट्रीम में न्यूनतम 50त्न अंक या समकक्षधारी होना चाहिए. इसके अतिरिक्त, आपको एक प्रवेश परीक्षा भी पास करनी पड़ सकती है.
अस्पताल प्रबंधन में स्नातकोत्तर
अस्पताल/स्वास्थ्य परिचर्या प्रबंधन दो वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता है. किसी भी विधा में स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए पात्र होता है. कुछ छात्र एमबीबीएस/बीडीएस/बीपीटी पूरा करने के बाद यदि वे नैदानिक पक्ष से प्रशासनिक पक्ष में जाना चाहते हैं तो अस्पताल प्रबंधन के लिए नामांकन करते हैं.
विभिन्न मार्ग जिनके माध्यम से आप अस्पताल प्रबंधन/प्रशासन अध्ययन कर सकते हैं:
विधा स्नातक स्नातकोत्तर
मार्ग-1 विज्ञान (पीसबी) एवं अंग्रेजी एक मुख्य एमबीबीएस या अस्पताल प्रबंधन/प्रशासन में
विषय लेकर बारहवीं कक्षा बीडीएस मास्टर
मार्ग-2 अंग्रेजी एक मुख्य विषय के रूप में लेकर न्यूनतम 50% अंको अस्पताल प्रबंधन/प्रशासन किसी भी विधा में बारहवीं कक्षा के साथ किसी भी मास्टर
विधा में स्नातक
मार्ग-3 अंग्रेजी एक मुख्य विषय के रूप में लेकर न्यूनतम 50% अंकों अस्पताल प्रबंधन में डिप्लोमा(स्नाकोत्तर)
किसी भी विधा में बारहवीं कक्षा के साथ किसी भी विधा में स्नातक
अपेक्षित कौशल
अस्पताल प्रशासन में एक सफल कॅरिअर बनाने के लिए आवश्यक सार्वभौमिक कौशल में निम्नलिखित शामिल हैं:
· प्रभावी संचार कौशल
उद्योग का ज्ञान
· नेतृत्व के गुण
· गहन सोच
· समस्या समाधान/संकट प्रबंधन कौशल
· डेटा विश्लेषण कौशल
कार्य विवरण
· अस्पताल प्रबंधकों की मुख्य जिम्मेदारी में अस्पताल में विभिन्न विभागों की योजना बनाना और समन्वय करना शामिल है.
· स्वास्थ्य परिचर्या प्रबंधकों को मानव संसाधन तथा विशिष्ट नैदानिक क्षेत्रों से लेकर सामान्य निरीक्षण तक के कार्यों में अस्पताल के भीतर विभिन्न स्थापनाओं में देखा जा सकता है.
· किसी व्यक्ति को उनकी विशेषज्ञता और रुचि के क्षेत्र के अनुसार अस्पताल में भर्ती, वित्त, लेखा आदि में शामिल किया जा सकता है.
· स्वास्थ्य परिचर्या प्रबंधक नीतियों और कार्य-ढांचे की स्थापना करते हैं, मानव संसाधनों का प्रबंधन करते हैं, बजट और अन्य वित्तीय संसाधनों का आवंटन करते हैं, रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं, और आईटी सिस्टम और डेटाबेस का रखरखाव और प्रबंधन करते हैं.
· रोगी की गुणवत्ता पूर्ण परिचर्या, उपचार और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों के प्रबंधकों को डॉक्टरों, चिकित्सकों, नर्सों, सर्जनों, स्वास्थ्य सूचना तकनीशियनों, फार्मासिस्टों और अन्य पेशेवरों के साथ समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता है.
· प्रबंधकों को शेड्यूल तैयार करना होता है और पूरे स्टाफ के लिए विशिष्ट जरूरतों को पूरा करना होता है, जिसमें रोगी परिचर्या पर समग्र रूप से ध्यान दिया जाता है.
संस्थानों की सूची
यह कार्यक्रम चलाने वाले कई विश्वविद्यालय और संस्थान हैं जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं :
· खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली
· इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक हेल्थ, अनेक स्थानों पर
· अपोलो अस्पताल प्रशासन संस्थान, हैदराबाद
· भारतीय स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान संस्थान, दिल्ली, बैंगलोर, जयपुर
· प्रबंधन स्कूल, मणिपाल विश्वविद्यालय, मणिपाल
· अखिल भारतीय स्वच्छता और जन स्वास्थ्य संस्थान, पश्चिम बंगाल
· देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर
· त्रिपुरा इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, त्रिपुरा
· सशस्त्र बल चिकित्सा कॉलेज, पुणे
· सिम्बियोसिस सेंटर ऑफ हेल्थ केयर
· बिड़ला प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान, पिलानी
कुछ दूरस्थ शिक्षा पद्धति वाले पाठ्यक्रम भी हैं जो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, नई दिल्ली द्वारा (दो वर्ष का अनुभव रखने वाले एमबीबीएस उम्मीदवारों के लिए) और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) द्वारा संचालित है, और कुछ संबंधित अनुभव वाले स्नातकों के लिए स्वास्थ्य प्रशासन में पीजी डिप्लोमा प्रदान करते है.
अस्पताल प्रबंधन में कॅरिअर के लाभ और नुकसान
लाभ :
· अस्पताल प्रबंधक की कार्य-भूमिका में लोगों के साथ बातचीत करना शामिल है. अत: आप दैनिक आधार पर बड़ी संख्या में लोगों से जुड़ेंगे.
· जब आप किसी ऐसे संगठन में शामिल होते हैं जो मानवता की सेवा और उनकी बेहतरी के लिए काफी हद तक समर्पित होता है, तो आपमें संतुष्टि की भावना होगी.
· आपको दैनिक आधार पर एक ही काम को करने की एकरसता से जूझना नहीं पड़ेगा क्योंकि ग्राहकों के साथ काम करने, कर्मचारियों के प्रबंधन, वित्त को संभालने आदि सहित कार्य की भूमिकाएं व्यापक और विविध होती हैं.
हानि
· यह एक कठिन काम है जिसके लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है. पूरे दिन और रात में भी काम के घंटे बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है.
· चूंकि प्रोफाइल में एक विशेष समय पर विभिन्न कार्यों को संभालना शामिल है, इसके साथ काम का अत्यधिक दबाव भी आता है.
भारत सरकार पहले ही 2025 तक सरकारी स्वास्थ्य परिचर्या व्यय को लगभग 1.6 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद का 2.5 प्रतिशत करने के लिए प्रतिबद्ध है. स्वास्थ्य बीमा, चिकित्सा उपकरण, टेलीमेडिसिन, स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान एवं विकास तीव्र गति से बढ़ रहे हैं. इसके अलावा, कोविड-19 महामारी ने स्वास्थ्य परिचर्या के अवसरंचना ढांचे और चिकित्सा बीमा में निवेश को गति दी है. इसके अलावा, अपोलो, मैक्स, फोर्टिस, वॉकहार्ट, टाटा और कई अन्य बड़ी निजी क्षेत्र जैसी कंपनियों द्वारा देशभर में अत्याधुनिक अस्पताल और क्लीनिक स्थापित किए जा रहे हैं. जैसे-जैसे कॉरपोरेट क्षेत्र में प्रवेश करता है, स्वास्थ्य परिचर्या पेशेवरों की अधिक मांग होती है और होती रहेगी. घरेलू और विदेशी कंपनियों के बीच होने वाले विलय और अधिग्रहण के लिए स्वास्थ्य परिचर्या के विस्तार को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड इस क्षेत्र में उद्यम कर रहे हैं. नतीजतन, स्वास्थ्य परिचर्या क्षेत्र वर्तमान में पेशेवर स्वास्थ्य प्रशासकों के लिए पूरे देश में उभर रहे अस्पतालों और स्वास्थ्य कोविड संस्थानों के प्रबंधन के लिए एक तेज मांग का अनुभव कर रहा है. इसके अलावा, कोविड-19 ने स्वास्थ्य और आरोग्यता के महत्व पर सभी का ध्यान आकर्षित किया है. स्वास्थ्य के बारे में बढ़ती जागरूकता निश्चित रूप से स्वास्थ्य परिचर्या पर प्रति व्यक्ति खर्च को बढ़ावा देगी और स्वास्थ्य उत्पादों और सेवाओं की मांग में वृद्धि करेगी.
कोविड लॉकडाउन और त्वरित डिजिटलीकरण के कारण, स्वास्थ्य परिचर्या विश्लेषण और डेटा प्रोसेसिंग जैसे संबद्ध क्षेत्रों में भी जनशक्ति की मांग बढ़ गई है. स्वास्थ्य परिचर्या प्रबंधन पेशेवरों को इस उद्योग में नई संभावनाएं और अवसर दिखाई देंगे.
(लेखिका परामर्श मनोवैज्ञानिक और कॅरिअर सलाहकार हैं. उनसे nidhiprasadcs@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है) व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं.