कार्य-स्थल पर नई और उभरती चुनौतियों की जबरदस्त भरमार है। परिवर्तन और अप्रचलन का किसी व्यवसाय के पतन तथा अन्य के निर्गमन दोनों पर ही महत्त्वपूर्ण प्रभाव होता है। कर्मचारियों की नई पीढ़ी में कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जो पूर्व की हमारी पीढ़ी से कुछ भिन्न हैं। बहुत से नियोक्ता अभिरुचि, मनोभाव तथा कार्य नीति-शास्त्र को अत्यधिक महत्त्व देते हैं। सचमुच में वे अपने भर्ती और पदोन्नति के फैसले करते समय रोजगार चाहने वालों म इन सब कौशलों को देखते हैं। यहां पर सभी छात्रों और रोजगार चाहने वालों के लाभ क लिए सफल व्यावसायिकों की महत्वपूर्ण सूक्ति और सलाह उपलब्ध कराई गई है। हम एक ज्ञान वान समाज में रहते हैं। यहा कॅरिअर के मामले म त्वपूर्ण विविधता है जिनमें परंपरागत और नए उभरते क्षेत्र शामिल हैं। शिक्षा के लक्ष्य शिक्षा से जुड़े कई भिन्न लक्ष्य या उद्देश्य हैं:
स वैयक्तिक लक्ष्य : व्यक्तिगत स्बावलंबन के वास्ते वैयक्तिक विकास हेतु योगदान करना।
स सामाजिक लक्ष्य : नागरिकता, सामाजिक दक्षता और समाज सेवा के लिए शिक्षा प्रदान करना।
स ज्ञान लक्ष्य : यह संगत ज्ञान के अधिग्रहण से संबंधित है।
स नैतिक लक्ष्य : यह चरित्र निर्माण से संबंधित है।
स व्यावसायिक लक्ष्य : इसके अंतर्गत व्यक्तियों को उत्पादक रोजगार के जरिए आर्थिक विकास तथा राष्ट्रीय संपत्ति के लिए योगदान हेतु तैयार करना होता है।शिक्षा और रोजगार में शिक्षण नियोजन तथा मानवशक्ति नियोजन के बीच पारस्परिक संबंध विद्यमान हैं। विभिन्न रोजगार क्षेत्रा द्वारा अपेक्षित ज्ञान और कौशल; तथा शिक्षा क्षेत्र में उपलब्ध शिक्षण के ढांचे, कंटेंट और शिक्षण संबंधी प्रक्रियाओं के बीच मेल होना जरुरी है। किसी भी तरह के बेमेल का परिणाम बेरोजगारी तथा कुण्ठा और सामाजिक असंतोष के रूप में उभर कर सामने आता है। अतः व्यावसायिक पेशेवर प्रशिक्षण के जरिये शिक्षा और रोजगार के बीच अंतर को पाटना तथा पुनर्निवेशन जरुरी है। प्राचीन पंरपराओं में शिक्षा केवल रोजगार हेतु तैयारी करना नहीं था। औद्योगिक काल में रोजगार के लिए औपचारिक शिक्षा पूर्व शर्त है। आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए शिक्षित और प्रशिक्षित मानवशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान है। रोजगार क्षेत्र वह स्थान है जहां कोई व्यक्ति अपने वयस्क जीवन का अधिकतर भाग व्यतीत करता है। रोजगार क्षेत्र के विभिन्न उप-क्षेत्र हैं : कृषि, विनिर्माण, व्यवसाय, वित्तीय, सामाजिक और लोक सेवाएं आदि। एक दक्ष श्रमिक बाजार से नियोक्ताओं तथा कर्मचारियों, दोनों की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। रोजगार क्षेत्र को कार्यस्थल की अनुकूलनशीलता को बढ़ावा देने के लिए अवसरों तथा प्रोत्साहनों, दोनों पर गर्व करना चाहिए। कार्य का भविष्य भुगतान रोजगार के लिए कार्य की संकल्पना के निर्बन्धन का विचार २०० वर्ष पूर्व शुरू हुआ और वास्तविक रूप में यह केवल औद्योगिक
क्रांति के बाद सामने आया। कार्य के अन्य सभी स्वरूपों, विशेषकर गृह कार्य और पारिवारिक कार्य को तुच्छ समझा गया और इन्हें खुशहाली और विकास के संकेतकों के रूप में सांख्यिकी के अंतर्गत नहीं रखा गया। ऐसा विश्वास किया जाता है कि समाज का आधार इस बात से उभरता है जिसमें लोगों का कार्य तीन प्रकार से बांटा जाता है : भुगतान कार्य, स्वयं का कार्य तथा सामाजिक कार्य। प्रमुख समाज-विज्ञानी इमहोफ का अनुमान है कि भविष्य में भुगतान रोजगार लोगों के जीवनकाल का केवल ६ः भाग होगा; व शिक्षा में अधिक समय खर्च करेंगे; भुगतान के कार्य घण्टे कम होंगे तथा जीवन प्रत्याशा लंबी होगी। १०० वर्ष पूर्व लोग अपने जीवन का ३५ः हिस्सा लाभपूर्ण रोजगार में खर्च करते थे। आज यह आंकड़ा १३ः से नीचे आ गया है तथा भविष्य में गिरकर ६ः होने की आशा है। इस बात पर जोर दिया जाता है कि शिक्षा को एक गतिविधि तथा शैक्षणिक कार्य के रूप में सम्मान दिया जाना चाहिए।संक्षेप में कहा जाए तो समाज ५ प्रकार के कार्यों को मान्यता देता है : भुगतान रोजगार;स्वयं का कार्य; नागरिक से नागरिक हेतु कार्य; सामुदायिक कार्य और शैक्षणिक कार्य। यह कार्य पोर्टफॉलियो एक समकक्ष आय पोर्टफॉलियो'' के साथ धन-अर्जन और धन-बचत अवयवों से जोड़ा जा सकता है। स्वरोजगारी लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है; मिडिल मैनेजमेंट विलुप्त हो रहा है; प्रमुख गतिविधियों की आउट-सोर्सिंग और डाउन-सैजिंग की वजह से कई व्यवसाय बंद हो रहे हैं विवाचन के अवसर बढ़ रहे हैं; और अंतर्राष्ट्रीय श्रम तथा व्यवसाय आंदोलन गति पकड़ रहा है। इन सबके प्रभावों से बड़े पुराने औद्योगिक देशों में पूर्ण रोजगार की प्राप्ति नहीं हो सकेगी। भविष्य के लिए रोजगार की ढूंढ हाल की एक सामाजिक रिपोर्ट में संभावित नियोक्ताओं तथा रोजगार चाहने वालों के लिए निम्नलिखित परामर्श दिया गया है :-
नियुक्ति : यदि आपने निम्नलिखित में से कोई भी विशेषता प्रकट की तो संभावित नियोक्ता आपको अस्वीकार कर सकता है :
स आप बहुत स्पष्ट रोजगार और प्राधिकार का क्षेत्र चाहते हैं।
स आपको केवल एक क्षेत्र का कार्य अनुभव है।
स आपका कार्यानुभव एकल उद्योग क्षेत्र का है।
स आपने किसी बड़ी फ़र्म में कार्य किया है; आपने किसी उग्र स्थिति का सामना नहीं किया है।
स आप अनुबंध नहीं चाहते और स्थाई रोजगार लेना चाहते हैं।
प्रतिपूर्ति : आपका नियोक्ता निम्नलिखित के बारे में आपकी पूछताछ का अनिच्छुक होगा।
स ऐसा वेतन जिसके निर्धारित घटक ऊंचे हैं, लेकिन निष्पादन से जुड़ा अंश कम है।
स एक पैकेज जिसका फर्म आवास जैसे मुद्दों को लेकर ध्यान रखती है।
स प्रतिवर्ष न्यूनतम नियत वेतनवृद्धि क साथ वेतन ढांचा। पदाधिक्य-दोष : आप अपने रोजगार से हाथ धो सकते हैं भले ही आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं, क्योंकि
स आपकी कम्पनी का किसी अन्य कम्पनी में विलय हो रहा है।
स आपकी फ़र्म नए व्यवसाय की तरफ बढ़ रही है और आपका विभाग इसमें फ़िट नहीं है।
स आपकी फर्म ने नए व्यवसाय का विचार छोड़ दिया है तथा आपकी आवश्यकता नहीं है।
स आपके विभाग के कामकाज की आउटसोर्सिंग हो सकती है।
स आपकी कम्पनी में दोहरी व्यवस्था को कम करने के लिए आंतरिक पुनर्गठन।
सही विकल्प : मिड डे-सितंबर ६, २००१ म छपी रिपोर्ट के अनुसार कॅरिअर विकल्प को प्रभावित करने वाले चार कारण हैं :
स मेरी शक्तियां और कमजोरियां क्या हैं?
स मैं अपनी शक्तियों पर कैसे ध्यान केंद्रित कर सकता हूं और अपनी कमजोरियों
को कैसे दूर सकता हूं। ज्+यादातर लोग अपना कॅरिअर नहीं चुनते, उनका कॅरिअर उन्हें चुनता है। वे एक लाइन के कार्य में घुस जाते हैं क्योंकि उन्हें कोई न कोई रोजगार चाहिए होता है या उन्हें कोई
बता देता है उनके लिए अमुक रोजगार अच्छा हो सकता है। कॅरिअर की पूर्णता के लिए किसी को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह वही कर रहा है जिसमें वह अच्छा है। ऐसे में कोई भी आनंदित जीवन व्यतीत करेगा।
उद्देश्य : रुचि के संबंध में अच्छे गुणों का विकास होता है। एक काम को चुनना कुछ न कुछ अर्थपूर्ण और संगत कार्य करना है।
माहौल : यह जानना जरुरी है कि किसी के स्टाइल, मिजाज और सिद्धांतों के लिए कैसा कार्य माहौल उपयुक्त है।
दृष्टिकोण : गुण, उद्देश्य और माहौल आदि कार्य के तरीके तथा कार्य की पसंद के बारे में होते हैं। दृष्टिकोण यह परिभाषित करता है कि किस प्रकार शेष जीवन के लिए फ़िट होता है। उभरते कॅरिअर विकल्प स्नातकपूर्व डिग्री पूरा करने पर विकल्पः स्नातकों के लिए निम्नलिखित अवसर उपलब्ध हैं :
स रोजगार : निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र, सरकारी (केंद्र/राज्य), शिक्षण, अनुसंधाान एवं विकास।
स एक उद्यमी के रूप में स्व-रोजगार।
स प्रशिक्षण (अप्रेंटिस)।
स आगे अध्ययन : भारत में या विदेश म (बाह्य ब्रेन ड्रेन); प्रौद्योगिकी या प्रबंधन या व्यवसाय में (आंतरिक ब्रेन ड्रेन), ज्+यादातर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाएं पास करनी होती हैं (गेट, कैट, जीआरई, जीमैट ...). सफलता के प्रमुख मानदंड रोजगार संतुष्टि; धन, प्रतिष्ठा; सम्मान; धारणा (जैसे कि समाज द्वारा महसूस किया जाता है); खाली गतिविधियां; लक्ष्य और उन्हें पूरा करना; यात्रा (विशेषकर विदेश यात्रा); स्वतंत्रता; (बच्चों की सफलता)।
रोजगार प्रवाह समाचार पत्रिकाएं लगभग हर वर्ष रोजगार प्रवाह से संबंधित सर्वेक्षण और अनुमान प्रस्तुत करती हैं। ऐसी दो रिपोर्टों का सारांश नीचे दिया जा रहा है। तीव्र रोजगार इंडिया टुडे-मिलेनियम सीरिज वाल्यूम ३- ने १० तीव्र रोजगारों की सूची तैयार की है :-
स टिशू इंजीनियर्स (ये मानव निर्मित चमड़ी, कृत्रिम उपास्थि; यकृत, हृदय, गुर्दों के टिशू से संबंधित मामले देखते हैं)।
स जीन प्रोग्रामर (ये डिजिटल जिनोम मानचित्रों से संबंधित कार्यों की देखरेख करते हैं जिनसे तकनीशियन मदवार निर्धारण, जीन थेरेपी और कुछेक कैन्सर सहित रोगों के बचाव से जुड़े ब्यौरे तैयार करते हैं)।
स औषध शास्त्री' (थेरेपी प्रोटीन वेक्सीन, जिनमें सब्जियां; गाय का दवा युक्त सम्मिलित है, से जुड़े मामलों की देखरेख करते हैं)।
स फ्रेंकनफूड मॉनीटर्स (तेजी से उपजने वाली मछलियों; फ्रिज-रेसिस्टेंट से संबंधित कार्यों की देखरेख करते हैं)।
स डॉटा माइनर्स (डॉटा संग्रह से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यों तथा मार्किटर्स और मरक-वैज्ञानिकों हेतु व्यवहार पद्धति को चिह्नित करते हैं)।
स हॉट-लाइन हैंडीमैन (गृह इलेक्ट्रॉनिक्स की देखरेख के लिए दूरस्थ डॉयगनास्टिक्स सुविधा उपलब्ध कराते हैं)।
स वर्चुअल-रियालिटी एक्टर्स (साइबरस्पेस नाटकों में दर्शकों के साथ वार्तालाप की अनुमति प्रदान करते हैं)।
स सीमित प्रसारक-प्रसारणकर्ताओं स तुलनीय (वर्तमान प्रसारण उद्योग को वैयक्तिक रूप में बढ़ावा देने, विज्ञापनदाताओं के साथ ग्राहक संपर्क बढ़ाने से संबंधित कार्य)।
स तुरिंग टैस्टर्स (एलन तुरिंग के सुझाव के अनुरूप कम्प्यूटर इंजीनियरों को बुद्धिमत्ता के आकलन से जुड़े कार्य करने में मदद करना)।
स ज्ञान इंजीनियर (ये वास्तव में वे लोग होते हैं जो आपकी विशेषज्ञता को सॉफ्टवेयर में अनुदित करते हैं - और तब आपको डाउनलोड करते हैं)।
यह जान लेना रुचिकर है कि प्रथम चार जैव-प्रौद्योगिकी से संबंधित हैं तथा शेष सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित हैं। इसी रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि आने वाले समय में निम्नलिखित रोजगार लुप्त हो जाएंगे :
स स्टॉकब्रोकर, ऑटो डीलर्स, मेल कैरियर्स और बीमा तथा रियल एस्टेट एजेंट :
इंटरनेट की वजह से लाखों बिचौलिए मैदान से हट जाएंगे। २००१ की डॉट जॉब ट्रैक रिपोर्ट दि वीक-टीएन सोफ़र्स मोड फ़ीडबैक के उभरते करिऍर विकल्प २००१'' पर आयोजित सर्वेक्षण पर आधारित है। इस सर्वेक्षण में ७० से अधिक उभरते रोजगारों की पहचान की गई है। इसके तहत निकले कुछेक निष्कर्ष इस प्रकार हैं :
स नई प्रौद्योगिकी से महत्वपूर्ण रूप से हमारा जीवन प्रभावित हो रहा है।
स आईटी से बाहर; और परंपरागत मुख्य क्षेत्र के रोजगारों से बढ़कर भी जीवन है।
स सृजनात्मक, परिश्रमी, उत्साही व्यक्ति के लिए आज विश्व एक शुक्ति है।
सर्वेक्षण में निम्नलिखित १२ हॉट जॉब ट्रैक्स की पहचान की गई है :
डिजाइन : रणनीतिक कॉरपोरेट चिह्नित डिजाइन; ग्राफिक्स; टेक्सटाइल; फैशन ;डिजाइन औद्योगिक डिजाइन; पैकेजिंग; पर्यावरण डिजाइन; मीडिया प्रिंट; फिल्म; इन्टरनेट और अन्य डिजिटल अंतरापृष्ठ; एनिमेशन; वेब डिजाइन; ज्वैलरी डिजाइन।
मनोरंजन : एनिमेशन; केबल; सेटेलाइट; फिल्म; एफएम रेडियो; संगीत; इवेंट प्रबंधन।
बीमा : जीवन और गैर-जीवन बीमा, साथ मे विपणन/बिक्री कार्यकारियों; सर्वेक्षक, नुकसान
अनुमाकर्ता सहित।
हेल्थकेअर : काउंसलिंग (स्ट्रेस मैनेजमेंट, फिटनेस); प्रबंधक-अस्पताल प्रशासन।
इन्फोटैक : रोजगार अवसर; नेटवर्क प्रोग्रामिंग; संस्थापन प्रबंधन; इंटरनेट अनुप्रयोग;
ई-कॉमर्स; वेब-सिक्यूरिटी; आईटी आधारित सेवाएं; सीआरएम : डॉटा डिजिटाइजेशन;
जीआईएस; डीएसपी; आईटी मार्केटिंग; तकनीकी लेखन।
प्रत्यक्ष बिक्री - उपभोक्ता सामान विधि : कॉरपोरेट और अंतर्राष्ट्रीय विधि में विशेषज्ञता के उपरांत आधुनिक विधि स्नातक विधिक कार्यकारियों के रूप में निगमित क्षेत्र में कार्य ग्रहण कर रहे हैं।
लेसर : ग्राहक संपर्क कार्यकारी; ट्रैवल एंड टूर एग्ज्ािक्यूटिव; विपणन कार्यकारी।
मीडिया : प्रिंट, टीवी, ऑन लाइन स्रोत, साथ में निम्नानुसार रोजगार के विकल्प हैं- ऑन लाइन संपादक, कंटेंट स्पेशलिस्ट, वेब कार्यकारी, टीवी पत्रकार।
लोक संपर्क : लोक संपर्क अधिकारी/ अतिथि संपर्क अधिकारी; जन-संपर्क कार्यकारी।
विपणन शोध : विपणन कार्यकारी, शोध कार्यकारी।
टेलीकॉम : विपणन/बिक्री/फ्रेंचाइज्ा कार्यकारी। कर्मचारियों की नई पीढ़ी आर ग्लेसर और सी ग्लेसर ने अपनी पुस्तक मैनेजिंग बाइ डिजाइन'' में कर्मचारियों के नए मूल्य'' की निम्नलिखित विशेषताओं की चर्चा की है :-
स बेहतर शिक्षित, अधिक अत्याधुनिक।
स अधिक चलता-फिरता, कम वफ़ादार।
स प्राधिकारियों का सम्मान तथा समय- अनुकूल संस्थानों तथा परंपराओं की स्थापना करना।
स संतुलित जीवन का चुनाव; कार्य के लिए समान समय का आबंटन, लेसर और परिवार (व्यक्तिगत संबंध)।
स रोजगार से मनोभावी + आर्थिक पुरस्कार स्वीकार करना।
स मिडिल क्लास जीवन-शैली या ऊपर के स्तर का जीवन स्तर हासिल करना।
स कार्य स्थल पर अधिक मुक्त, प्रामाणिक संबंधों की तलाश।
स व्यक्तिगत अनोखेपन पर जोर देना।
स अर्थपूर्ण, संगत कार्य की चाह।
स निर्णय लेने की प्रक्रिया में मजबूत ऐच्छिक भागीदारी।
स क़ानूनी अधिकारों को समझना तथा उनका पालन।
स व्यक्तिगत जरुरतों के तुष्टीकरण को नहीं टालने को वरीयता देना।
स अधिक स्वायत्त तथा कम स्वतंत्रता। महिलाओं के लिए रोजगार की
संभावनाए कहावत है कि जो हाथ बचपन को सहारा देते हैं, विश्व पर राज उन्हीं का होता है।
लेकिन पिछले कई दशकों से इन हाथों ने आश्रय देने की भूमिका से काफी आगे बढ़ते हुए विश्व पर वर्चस्व क़ायम किया है। अधिक से अधिक महिलाएं विश्व में कामकाज से जुड़ती जा रही हैं तथा परंपरागत रूप स पुरुषों के कामकाज के गढ़ में उन्होंने सेंध लगा दी है। आर्थिक उदारीकरण और आजादी के नए मंत्र ने महिलाओं के लिए बाजार में नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। दरअसल अब ऐसा कोई क्षेत्र अछूता नहीं रह गया है जहां पर महिलाओं ने प्रवेश नहीं किया है। आज भारत में महिलाएं अपने मन के मुताबिक रोजगार से जुड़ सकती हैं जो पहले कभी नहीं होता था।
आजकल के महत्वपूर्ण रोजगार क्षेत्र संभावित कॅरिअर्स की सूची असीमित है। यहां पर कुछ ऐसे सुसंगत रोजगारों को उजागर करने का प्रयास किया गया है जो वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य में विश्व के उभरते क्षेत्रों के बारे में है। किसी को भी अपने रोजगार का मार्ग विभिन्न कारणों को ध्यान में रखते हुए तय करना होगा जैसे कि छात्र की अभिरुचि तथा सीखने की योग्यता, परिवार की वित्तीय स्थिति, उच्चतर शिक्षा के लिए अवसर, पाठ्यक्रम की अवधि, लिंग कारक, घर से शैक्षिक संस्थान का सामीप्य तथा शीघ्र रोजगार की संभावनाएं आदि। ये संभावनाएं सांकेतिक हैं तथा पूर्ण नहीं हैं। किसी भी आकांक्षी को अपनी पसंद का क्षेत्र ढूंढने के वास्ते और अधिक जानकारी हासिल करनी चाहिए; जैसे कि एनिमेशन एवं मल्टीमीडिया वास्तुकला, जैव-प्रौद्योगिकी, बायो-इन्फारमैटिक्स, नृत्यकला, सिविल सेवाएं,आपदा प्रबंधन, वित्तीय व्यवसाय, चार्टर्ड अकाउण्टेंट कोस्ट एंड वर्क्स अकाउण्टेंट, कम्पनी सेक्रेटरी, सूचना प्रौद्योगिकी, मैनेजमेंट, नैनोटेक्नोलॉजी, नर्सिंग, समुद्रिक विज्ञान, रोबोटिक्स, विज्ञान और ह्यूमेनिटीज आदि। सूची असीमित है।(लेखक श्री आत्मानंद जैन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, अम्बाला शहर के निदेशक हैं)
रोजगार परामर्श
प्रश्न १ : मैं मैरीन डाइविंग पाठ्यक्रम में शामिल होना चाहता हूं। कृपया मुझे संस्थान तथा प्रवेश की तिथियों के बारे में बताएं। ऐसे बहुत से निजी संस्थान हैं जहां मैरीन डाइविंग पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। लक्षद्वीप प्रशासन का पर्यटन विभाग भी इसी तरह के कार्यक्रम संचालित करता है। अधिक जानकारी आप ूूूण्दंअलकपअमतण् वतह से प्राप्त कर सकते हैं। - सुश्री हिना नक्वी
प्रश्न २ : मैंने एमएससी (कम्प्यूटर साइंस) की पढ़ाई पूरी कर ली है। मैं इसी क्षेत्र में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पीएच.डी. करना चाहता हूं। कृपया मुझे ऐसे विश्वविद्यालयों के बारे में बताएं जो पीएचडी संचालित करते हैं तथा फ़ीस की भी जानकारी दें। भरथियार विश्वविद्यालय एम.फ़िल. संचालित करता है लेकिन आप पद पर उपलब्ध विभिन्न मुक्त विश्वविद्यालयों तथा दूरस्थ शिक्षण संस्थानो की वेबसाइटें भी देख सकते हैं।
-जयंती घोष
प्रश्न ३ : मैंने एमएससी (बॉटनी) और पादप टिशू कल्चर, रीकम्बीनेट डीएनए टेक्नोलॉजी, इम्युनोलॉजी में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में एक व्यावसायिक पादप टिशू कल्चर कंपनी में कार्यरत हूं। मैं पादप टिशू कल्चर में शोध करना चाहता हूं। कृपया मुझे बताएं कि कौन से संस्थान/विश्वविद्यालय इस
तरह के कार्यक्रम संचालित करते हैं। पादप टिशू कल्चर रिसर्च पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा करने के उपरांत छात्र अपना स्वयं का पादप टिशू कल्चर उद्योग विकसित कर सकते हैं; आर एंड डी विभागों मे शोधकर्ता कार्मिक के रूप में काम कर सकते हैं; पादप टिशू कल्चर पढ़ा सकते हैं; पादप टिशू कल्चर उद्योगों को परामर्शी सेवाएं दे सकते हैं। जैव- प्रौद्योगिकी और संबद्ध क्षेत्रों में पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थानों की सांकेतिक सूची हेतु आप वेबसाइट पर लॉग आन कर सकते हैं।
- डॉ. रीना कुमारी
प्रश्न ४ : मैंने जीव विज्ञान में एमएससी की है तथा वर्तमान में इग्नू से पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा में डिप्लोमा कर रहा हूं। कृपया मुझे बताएं कि क्या एक आहारविज्ञानी बनने के लिए उपर्युक्त डिग्रियां पर्याप्त हैं? प्रत्येक बड़े अस्पताल में आहारविज्ञानी का पद होता है। अन्य स्वास्थ्य क्लबों तथा
फिटनेस संस्थानों में यही व्यवस्था होती है। यहां तक कि सरकार के अधीन स्वायत्त संस्थाओं और गैर-सरकारी संगठनों में भी रिक्तियां होती हैं। आहार विज्ञानी के लिए आपका डिप्लोमा पर्याप्त योग्यता है। - सुश्री हिना नक्वी
प्रश्न ५ : मैंने गेट (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन) में संतोषजनक स्कोर हासिल किया है। मैं उत्तर भारत में अध्ययन का इच्छुक हूं। कौन-सा स्ट्रीम श्रेष्ठ है जिसमें मैं एम.ई. कर तथा इसके लिए विश्वविद्यालयों को कैसे अल्पसूचीबद्ध करूं। विकल्पों का चयन करने के लिए एमई/एमटेक के संबंध में समाचार-पत्रों की अधिसूचनाओं तथा संस्थानों की वेबसाइटों को देखने का यह उचित समय है। स्ट्रीम कोई भी अच्छा या बुरा नहीं है आप अपने कॅरिअर लक्ष्य के मुताबिक क्षेत्र की पहचान करें। हम आपके लिए संस्थानों की पहचान या अल्पसूचीकरण नहीं कर सकते क्योंकि आप विभिन्न संस्थानों में आवेदन करके ही इस बात का पता लगा सकते हैं कि किस पाठ्यक्रम हेतु आप पात्रता मानदण्डों को पूरा करते हैं।