रोज़गार परामर्श
 
  
फार्मेसी व्यवसाय के विस्तृत क्षेत्र - राकेश आर. सोमानी

फार्मेसी, विज्ञान की एक ऐसी शाखा है जो औषधिओं की खोज, विकास, उत्पादन और वितरण से संबंधित है। फार्मेसी नाम की उत्पत्ति यूनानी जड़ी फार्माकोन से हुई है, जो एक औषधि है। औषधि वह तत्व हैं जिनका उपयोग रोगों के निदान, रोकथाम, इलाज या मुक्ति के लिए किया जाता है। वे
पौधों, सामुद्रिक या रासायनिक तत्वों में, किसी भी रूप में हो सकते हैं। उन्हें पौधें से प्राकृतिक
रूप से प्राप्त किया जा सकता है अथवा प्रयोगशालाओं में तैयार किया जा सकता है।
फार्मासिस्ट स्वास्थ्य देखभाल दल के औषध् विशेषज्ञ होते हैं जो कि रोगियों को उनकी
चिकित्सा पद्वति के सफलतापूर्वक प्रबंधन में सूचनाएं और परामर्श देकर मदद करते हैं।
फार्मासिस्टों को रोगियों के स्वास्थ्य से संबंधित ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता होती है। फार्मासिस्ट सर्वाधिक अभिगम्य स्वास्थ्य देखभाल व्यावसायिकों में से होते हैं।
भारत में औषधीय उद्योग का वर्तमान परिदृश्य
स्वतंत्रता से लेकर भारतीय औषध् व्यवसाय का तेजी के साथ विकास हुआ है और विश्वव्यापी सस्ते मूल्यों पर गुणवत्तापूर्ण दवाओं के उत्पादन के लिए एक प्रतिष्ठित उद्योग के रूप में उभरकर सामने आया है। भारतीय औषधि उद्योग, जिसने आज अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की है, विश्व औषधि बाजार के
वॉल्यूम में चौथे और मूल्यों में 13वें स्थान पर अपनी उपस्थिति हासिल की है और करीब 40
लाख अमरीकी डॉलर की घरेलू बिक्री के अलावा 2.6 मिलियन अमरीकी डॉलर के निर्यात के आंकड़े को छू लिया है।
भारत में करीब 26,000 दवा कंपनियां हैं और इनमें से 300 संगठित क्षेत्र में हैं। दुनिया में थोक
औषधिओं की मांग का 40% हिस्सा भारत पूरा करता है। अमरीका में औषधि अनुसंधान प्रयोगशालाओं में कार्य करने वाले 15% वैज्ञानिक भारतीय हैं। देश के भीतर कार्यरत विनिर्माण इकाइयां देश की औषधि की मांग का 80% हिस्सा पूरा करती हैं। औषधि उत्पादन क्षेत्र
प्रौद्योगिकी और अनुसंधान ज्ञान से संपन्न है। यह उद्योग 18000 करोड़ रुपए मूल्य की दवाओं का
उत्पादन कर रहा है तथा प्रतिवर्ष इसमें 9 प्रतिशत की वृदि दर्ज की जा रही है। भारत वैक्सीन
(सीरम, बायोकॅन, शांटा और भारत) का वैश्विक स्रोत बनकर उभर रहा है। अस्पतालों, नर्सिंग होमों तथा दवा कम्पनियों की बढ़ती हुई संख्या से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि इस क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ रही है। अतः देश और विदेश में दवा उद्योग की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के वास्ते सुयोग्य फार्मासिस्टों की आवश्यकता है। फार्मेसी में रोजगार के साथ - साथ स्वयं का व्यवसाय शुरू करने की बहुत अच्छी संभावनाएं हैं।
फार्मेसी पाठ्यक्रमों से प्राप्त होने वाले सामान्य रोजगार
स फार्मासिस्ट (अस्पताल/क्लीनिकल/कम्युनिटी)
स खुदरा/थोक कैमिस्ट/औषधि व्यवसाय
स औषध् थेरेपिस्ट
स औषधि निरीक्षक, विश्लेषक (सरकारी सेवाएं)
स कैमिकल/ड्रग तकनीशियन
स पैथोलॉजिकल प्रयोगशालाएं
स अनुसंधान एवं विकास (मौलिक एवं अनुप्रयुक्त)
स बायो.- टैक उद्योग
स अकेडमिशियन
स बिक्री एवं विपणन
स औषधि उद्योग (उत्पादन/क्यूए - क्यूसी/प्रलेखन)
स क्लीनिकल अनुसंधान संगठन
कार्य की प्रकृति
1. अस्पताल फार्मासिस्ट : इसके अन्तर्गत स्टॉक की खरीद, दवाइयों तथा अन्य चिकित्सा
उपकरणों का रखरखाव और वितरण आते हैं। संबंधित व्यक्ति को स्टॉक नियंत्रण, भण्डारण,
आदेश जारी करने, लेबलिंग और औषधलय के वित्तीय बजट और लेखा का रखरखाव कार्य
करना होता है। फार्मासिस्टों को औषधिओं की आपूर्ति तथा दवाओं के उपयुक्त रूप में इस्तेमाल
के संबंध् में रोगियों, डॉक्टरों तथा नर्सों को मिलना होता है।
2. खुदरा फार्मासिस्ट : यह कार्य खुदरा चिकित्सा भण्डार से जुड़ा है। फार्मासिस्ट सामान्य उपभोक्ताओं को निर्धरित पर्ची के अनुरूप औषधिओं की आपूर्ति करता है। प्री - पैकेज्ड खुराकों की बढ़ती उपलब्ध्ता के साथ फार्मासिस्ट निर्धरित पर्चियों के आधार पर दवाइयों की बिक्री करते हैं तथा दवाइयों के इस्तेमाल के बारे में सलाह देते हैं। मेडिकल/विपणन प्रतिनिधिओं के रूप में वे मेडिकल प्रेक्टिश्नरों को दवाओं या चिकित्सा उत्पादों के प्रयोग की क्षमताओं तथा एडमिनिस्ट्रेशन के साथ-साथ
इसके प्रयोग के दुष्प्रभावों या सावधानियों के बारे में अवगत कराते हैं। इसके अंतर्गत नियमित
रूप से मेडिकल प्रेक्टिश्नरों, अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होमों, स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा करना पड़ता
है। इससे जुड़े व्यक्ति को बहुत दौरे भी करने पड़ते हैं।
3. औद्योगिक फार्मासिस्ट : हालांकि ज्यादातर कंपनियां पूर्व - सूत्रबद्व दवाइयां तैयार करती हैं,
बड़ी संख्या में फर्में स्वायत्त शोध् कार्य के जरिए नई औषधियाँ भी तैयार कर रही हैं।
औद्योगिक फार्मासिस्ट क्लीनिकल ट्रायल करते हैं, जहां दवाओं का सुरक्षित परीक्षण किया
जाता है और नई औषधियाँ तैयार करने हेतु अनुसंधान और अन्य कार्य प्रभावकारी तरीके
से किए जाते हैं। औषधीय उत्पादन में विपणन, बिक्री और गुणवत्ता नियंत्रण में उत्पादन
प्रक्रिया, पैकेजिंग, भण्डारण तथा डिलीवरी कार्य के पर्यवेक्षण और प्रबंधन का कार्य किया
जाता है।
4. अनुसंधान फार्मासिस्ट : अनुसंधान फार्मासिस्ट अच्छी औषधिओं तथा उनके फार्मूलेशन के लिए
दवा कम्पनियों, अनुसंधान संगठनों तथा प्रयोगशालाओं में अनुसंधान गतिविधिओं में संलग्न रहते हैं
फार्मासिस्टों के लिए विशेष कॅरिअर विकल्प
फार्मासिस्टों के लिए और भी बहुत सी रोजगार की संभावनाएं हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल
हैं:-
स न्यूक्लियर फार्मेसी
स पोषण समर्थित फार्मेसी
स ऑन्कोलॉजी फार्मेसी
स मनोविज्ञान फार्मेसी
स फारेंसिक फार्मेसी
स जहर नियंत्रण
स फार्माको थेरेपी
स जिरियाट्रिक/पिडियाट्रिक फार्मेसी
स पोषण समर्थित फार्मेसी
फार्मासिस्ट के कौशल
तीक्ष्ण कौशल :
फार्मासिस्टों को फार्माकोलॉजी, फार्माकोग्नोसी, कैमिस्ट्री, फार्मास्युटिकल कैमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, फार्मेसी व्यवहार (औषधि प्रभाव, औषधि निगरानी, चिकित्सा प्रबंधन सहित) फार्मास्युटिक्स, फार्मेसी कानून, शरीरक्रिया विज्ञान, शरीर रचना विज्ञान, जैव-रसायन विज्ञान, बलगति विज्ञान, नेफ्रोलॉजी,
हेप्टोलॉजी और कम्पाउंडिंग मेडिकेशन।अतिरिक्त पाठ्येत्तर गतिविधिओं के अंतर्गत रोग स्थिति प्रबंधन और चिकित्सीय कार्यों पर जोर देते हुए मौलिक रोग निदान संबंधी गतिविधियाँ आती हैं।
सॉफ्ट कौशल :
यह उस क्षेत्र पर निर्भर करता है, जहां पर फार्मासिस्ट कार्य करता है। बिक्री एवं विपणन
के लिए फार्मासिस्ट एक अच्छा वक्ता होना चाहिए। उसका अच्छा सम्प्रेषण कौशल हो तथा
व्यक्तियों की अच्छी समझ रखने और अंतर-वैयक्तिक कौशल से सम्पन्न हो तथा रोगियों के दिमाग पर अच्छा प्रभाव डाल सकने में सक्षम हो।
योग्यता :
भारत में फार्मेसी से संबंधित 500 से अधिक संस्थान हैं जिनमें विभिन्न स्तरों पर भिन्न-भिन्न
प्रकार के कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। फार्मेसी से जुड़े मुख्य पाठ्यक्रम हैं-फार्मेसी में
2 वर्षीय डिप्लोमा (डी.फार्मा.), 4 वर्षीय बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा.), 2 वर्षीय मास्टर ऑफ फार्मेसी (एम.फार्मा) तथा पीएचडी कार्यक्रम। हाल में फार्मेसी व्यवसाय से संबंधित सर्वोच्च संस्था भारतीय फार्मेसी परिषद (पीसीआई) ने फार्मा.डी. के रूप में 3 वर्षीय और 6 वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अस्पताल और क्लीनिकल फार्मासिस्टों की बढ़ती मांग को पूरा करना है। संबंधित राज्य सरकारें विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा
(सीईटी) आयोजित करती हैं।
फार्मेसी व्यवसाय में योग्यता आधारित रोजगार की संभावनाएं
फार्मेसी में डिप्लोमा (डी.फार्मा.)
स खुदरा व्यापारी (दवाइयों की दुकान)
स वितरण फार्मासिस्ट
स स्नातक (बी.फार्मा)
स विपणन (चिकित्सा प्रतिनिधि)
फार्मेसी में स्नातक (बी. फार्मा.)
स दवा उद्योग
- क्यूए/क्यूसी
- उत्पादन/विनिर्माण
- नियामक मामले नई औषधि संबंधी आवेदन-पत्र दाखिल करना आदि
स विपणन चिकित्सा प्रतिनिधि
स औषधि निरीक्षक
स स्नातकोत्तर अध्ययन एम. फार्मा/एमबीए
स क्लीनिकल रिसर्च
स बीमा क्षेत्र
स प्रबंधन, उद्योग अनुप्रयोग में विभिन्न प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम
स्नातकोत्तर एम.फार्मा
स फार्मेसी में मास्टर
स अकादमिक
स आर एंड डी वैज्ञानिक बेसिक/अनुप्रयुक्त अनुसंधान
स सीआरओ क्लीनिकल रिसर्च संगठन
स उत्पादन
स्नातकोत्तर प्रबंधन अध्ययन,एमबीए
बी.फार्मा की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए औषधीय प्रबंधन में एमबीए एक अच्छा
विकल्प है। इसमें प्रवेश लेने के लिए उम्मीदवार को संबंधित राज्य सरकार द्वारा आयोजित
संयुक्त प्रवेश परीक्षा और तदुपरांत होने वाली समूह चर्चा/व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए
उपस्थित होना चाहिए। औषधि विपणन के क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ रही हैं। इस क्षेत्र में
कॅरिअर शुरू करने वालों के लिए उज्ज्वल भविष्य की कोई सीमा नहीं है। औषधि विपणन
क्षेत्र में औषधीय विपणन कार्यकारी की प्रमुख भूमिका है। कोई भी व्यक्ति चिकित्सा प्रतिनिधि/
अनुसंधान कार्यकारी/उत्पाद कार्यकारी/व्यवसाय विकास कार्यकारी के रूप में कॅरिअर
शुरू कर सकता है तथा 2 या 3 वर्ष के उपरांत उसकी प्रबंधकीय स्तर तक पदोन्नति हो सकती है।
एम.फार्मा. (पीजी) दो वर्षीय पाठ्यक्रम है जो विशेष रूप से अनुसंधान गतिविधिओं पर केंद्रित है। भारत में प्रमुख शाखाओं में फार्मास्युटिक्स, फार्माकोलॉजी, फार्मास्युटिकल कैमिस्ट्री, फार्माकोग्नोसी, गुणवत्ता आश्वासन, औद्योगिक फार्मेसी, फार्मा प्रबंधन तथा क्लीनिकल फार्मेसी आदि हैं।
पीएचडी (फार्मेसी में)
स अकादमिक (फार्मेसी कॉलेज/विश्वविद्यालय विभाग)
स अनुसंधान
स पोस्ट-डॉक्टरेट (विदेश)
फार्मासिस्टों की केंद्र तथा राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभागों में भी आवश्यकता होती है।
औषधि निरीक्षक या सरकारी विश्लेषक के रूप में उसे यह सुनिश्चित करना होता है कि
दवाओं का निर्माण और बिक्री मानक गुणवत्ता के अनुरूप हो। खाद्य एवं सौंदर्य प्रसाधन
उद्योगों या ऐसे किसी उद्योग में, जहां इस आश्वासन की जरूरत पड़ती हो कि नए उत्पादन प्रभावकारी और सुरक्षित हैं, भी रोजगार के बेहतरीन अवसर उपलब्ध् हैं।
शिक्षण व्यवसाय में भी व्यावसायिकों के लिए उत्कृष्ट अवसर मौजूद हैं। पश्चिमी विकसित
देशों में उत्कृष्ट रोजगार के साथ-साथ उच्चतर शिक्षण तथा अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ी
मात्रा में अवसर उपलब्ध् हैं। इन देशों में फार्मास्युटिकल कॅरिअर सर्वाधिक लाभदायक
रोजगार है। कुछेक पश्चिमी देशों में उच्चतर शिक्षा हासिल करने के वास्ते कुछ अंग्रेजी भाषा
परीक्षा में छात्रों को सफल होने की आवश्यकता होती है। इनमें मुख्य हैं :-
दि जीआरई (ग्रेजुएट रिकॉर्ड परीक्षा)
संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा आयोजित की जाने वाली यह ईटीएस (शिक्षण परीक्षण सेवाएं)
की एक मानक परीक्षा है। इसके जरिए छात्र की क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है जिसके लिए
विदेश स्थित लगभग सभी स्नातक स्कूलों और विश्वविद्यालयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि
स्नातक अध्ययन, अध्येतावृत्ति कार्यक्रमों और अनुसंधान कार्यक्रमों आदि में प्रवेश के लिए
मांग होती है।
विदेशी भाषा के रूप में अंग्रेजी की परीक्षा
कई बार टीओईएफएल के जरिए किसी व्यक्ति की कॉलेज स्तर पर अमरीकी अंग्रेजी के
मानक प्रयोग तथा समझ की सफल क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है।
आईईएलटीएस एक अंग्रेजी भाषा का मूल्यांकन होता है
इस परीक्षा का मुख्यतः अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा,व्यावसायिक मान्यता, अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों और वैश्विक गतिशीलता चाहने वालों द्वारा प्रयोग किया जाता है।
स्नातक प्रबंधन प्रवेश परीक्षा (जीएमएटी)
यह परीक्षा स्नातक व्यवसाय अध्ययनों में अकादमिक रूप से सफल होने की अभिरुचि के
निर्धारण के लिए है। इस परीक्षा का प्रयोग एमबीए कार्यक्रम में प्रवेश के लिए विश्व के
सर्वाधिक मान्य व्यवसाय स्कूलों द्वारा एक चयन मानदंड के रूप में किया जाता है।
निष्कर्ष :
वे दिन अब चले गए हैं जब उच्च रैंक पाने वालों की पसंद के विषय चिकित्सा और
इंजीनियरी विषय ही होते थे। फार्मेसी व्यवसाय ने युवाओं को अपनी ओर जबर्दस्त रूप से
आकर्षित किया है तथा भारत जैसे देश में यह सर्वाधिक उत्कृष्ट व्यवसायों में से एक है।
फार्मेसी के अंतर्गत व्यक्तिगत संतोषपूर्ण जीवन के साथ सफल हेल्थकेअर कॅरिअर के
रूप में संतुलन हेतु आवश्यक संसाधन, अवसर और लचीलापन है। फार्मेसी में जीवनपर्यन्त
शिक्षण के अवसर मौजूद रहते हैं जिससे रोजगार के साथ-साथ व्यवसाय विकास भी होता है। सर्वाधिक गतिशील उद्योग-स्वास्थ्य देखभाल के तेजी से अग्रसर हो रहे क्षेत्र में फार्मेसी स्नातकों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। फार्मासिस्ट ऐसे क्षेत्र में प्रतिष्ठित रोजगार का आनंद उठाते हैं जिसमें
उनके बढ़ते कौशल और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। फार्मेसी स्नातकों के लिए बहुत से अवसर हैं तथा वे विभिन्न तरह की बातें सीखते हैं लेकिन रोगियों को उनको इलाज की पद्वति
के बारे में शिक्षित करना उनके लिए हमेशा सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है।
(लेखक : भारती विद्यापीठ- विश्वविद्यालयवत्‌, पुणे में पीएचडी के लिए रिसर्च स्कॉलर हैं)

  

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