कॅरिअर का चयन किसी व्यक्ति की सामाजिक और शैक्षणिक अभिरुचि
पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति के जीवन में सामाजिक और पारिवारिक अपेक्षाओं के
अलावा उसकी जरूरतें भी उपयुक्त कॅरिअर को चुनने में मददगार होती हैं।
कोई व्यक्ति अपने जीवन में क्या बन सकता है इसके पीछे आंतरिक और बाह्य कारणों के
अलावा उसकी अकादमिक क्षमता, लक्षित कॅरिअर की प्राप्ति के लिए संघर्ष, दृढ़ प्रतिज्ञा
परिश्रम और संपर्क, ये सब निर्णायक कारण होते हैं।
गृह विज्ञान में कॅरिअर के नियोजन में इसी तरह के कारकों का प्रभाव होता है। छात्र
वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर गृह विज्ञान को एक विषय के रूप में रखने का विकल्प देते
हैं। छात्रों ने यदि वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर गृह विज्ञान और अंग्रेजी में अच्छे अंक प्राप्त
किए हैं तो वे गृह विज्ञान में उच्चतर अध्ययन अर्थात् स्नातक बीएससी गृह विज्ञान की
पढ़ाई कर सकते हैं।
कॉलेजों में गृह विज्ञान की पांच बड़ी शाखाओं की पढ़ाई होती है। जैसे कि खाद्य एवं पोषण,
बाल विकास, गृह प्रबंध्, वस्त्र एवं पहनावा,विस्तार एवं संपर्क आदि।
दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र गृह विज्ञान पर आधरित पाठ्यक्रमों-पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा,
बाल विकास एवं परिवार कल्याण सेवाओं का अध्ययन कर सकते हैं।
स्नातक स्तर पर बीएससी गृह विज्ञान को आगे पास कोर्स तथा ऑनर्स पाठ्यक्रम में बांटा जाता
है।पास कोर्स के लिए मूल विषय हैं - सामाजिक विज्ञान का परिचय, मनोविज्ञान, समाजविज्ञान,
अर्थशास्त्र, जीवन विज्ञान, शरीर विज्ञान आदि।अंग्रेजी एक अर्हक विषय के रूप में होती है।
छात्रों को तीन वर्ष की अवधि में गृह विज्ञान आधारित व्यापक विषयों का अध्ययन करना
होता है। खाद्य विज्ञान : शरीरविज्ञान और प्रोत्साहक स्वास्थ्य, सामान्य पोषण, समुदाय
पोषण तथा आहार विज्ञान, पोषक जैव-रसायन विज्ञान।
संसाधन प्रबंध् के मूल तत्व : आवास,आंतरिक एवं स्पेस डिजाइन, परिवार वित्त एवं
उपभोक्ता अध्ययन, आंतरिक सजावट के मूल तत्व।
मानव विकास के मूल तत्व : बाल्य विकास,किशोरावस्था, यौवन, मानवाधिकार और परिवार
अधिकारिता
फैब्रिक एवं ऍपैरल साइंस : फैब्रिक साइंस,ऍपैरल कंस्ट्रक्शन, ऍपैरल एवं टेक्सटाइल डिजाइन
संचार एवं विस्तार के मूल तत्व : मीडिया प्रणाली, विस्तार कार्यक्रम, प्रबंधन एवं
उद्यमशीलता विकास, विकास पत्राकारिता।
बीएससी गृह विज्ञान ऑनर्स में समाजविज्ञान का परिचय समाज एवं संस्कृति मनोविज्ञान का परिचय, प्रोत्साहक स्वास्थ्य तथा शरीर विज्ञान, अनुप्रयुक्त अर्थशास्त्र, अनुप्रयुक्त रसायन शास्त्र और
भौतिकी, अनुप्रयुक्त जीवविज्ञान आदि प्रमुख मूल विषय होते हैं। अंग्रेजी का अर्हक विषय
के रूप अध्ययन कराया जाता है। पांच प्रमुख विषयों में से किसी एक में विशेषज्ञता
निम्नानुसार हो सकती है :-
खाद्य एवं पोषण के मूल तत्व : पारिवारिक पोषण, पोषक जैव रसायन शास्त्र, समुदाय
पोषण, खाद्य विज्ञान एवं संसाधन, खुराक थेरेपी।
संसाधन प्रबंध् का परिचय : परिवार एवं उपभोक्ता अध्ययन, आवास एवं स्पेस
डिजाइन, डिजाइन विकास, आंतरिक डिजाइन एवं सजावट, उद्यमशीलता तथा सांस्थानिक
प्रबंध्।
मानव विकास का परिचय : अपने आप को जानें, भारत में परिवार के सामाजिक-सांस्कृतिक
आयाम, मानव विकास के मूल तत्व, सिदान्त,लिंग सशक्तिकरण तथा न्याय, मानवीय
विकास, बाल एवं वयस्कों की कार्यक्रम आवश्यकताएं।
फैब्रिक और ऍपैरल विज्ञान के मूल तत्व :
बच्चों और किशोरों के लिए ऍपैरल, फैब्रिक साइंस, भारतीय परिधन, उन्न्त ऍपैरल निर्माण,
ऍपैरल एवं वस्त्रा डिजाइन
संचार एवं विस्तार के परिवर्तन : महिलाओं से जुड़े मुद्दे एवं चिंताएं, मीडिया प्रणाली
एवं संचार प्रौद्योगिकी, स्थाई विकास-प्रयास एवं दृष्टिकोण, विकास संचार एवं
पत्राकारिता विस्तार कार्यक्रम डिजाइन और प्रबंधन
यह विषय पास और ऑनर्स दोनों पाठ्यक्रमों में बहुविषयक प्रकृति का है। यह विषय अपने
छात्रों के व्यक्तित्व के चहुंमुखी विकास में मदद करता है। इसके तहत छात्रों को विषय
वस्तु के व्यावहारिक और सैदान्तिक पक्ष की जानकारी मिलती है। पाठ्यक्रम के अंतर्गत
छात्र अपनी विशेषज्ञता में इन्टर्नशिप के दौरान तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक कौशल
प्राप्त करते हैं। कुल मिलाकर पाठ्यक्रम से छात्रों में सकारात्मक विकास का संचार होता
है।
दिल्ली में गृह विज्ञान लेडी इर्विन कॉलेज और इंस्टीट्यूट ऑफ होम इकोनोमिक्स में
संचालित किया जाता है। कई अन्य संस्थान गृह विज्ञान में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम और
गृह विज्ञान आधारित पाठ्यक्रम संचालित करते हैं। कई विदेशी विश्वविद्यालय भी
अपने गृह विज्ञान पाठ्यक्रमों और गृह विज्ञान आधरित पाठ्यक्रमों के साथ भारत
में प्रवेश कर रहे हैं। निम्नलिखित विश्वविद्यालयों को भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्नातक स्तर पर एक विषय के रूप में गृह विज्ञान का अध्ययन कराने हेतु मान्यता प्रदान की हुई है।
आन्ध्र विश्वविद्यालय, वॉलटेर
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
आन्ध्र प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, हैदराबाद
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा
बंगलौर विश्वविद्यालय, बंगलौर
दयालबाग, आगरा
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर
हिसार कृषि विश्वविद्यालय, हरियाणा
हि.प्र. कृषि विश्वविद्यालय, हि.प्रविश्वविद्यालय, शिमला
इंदौर विश्वविद्यालय, इंदौर
जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता
जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र
लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ
मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नै
एम.एम. विश्वविद्यालय, बड़ौदा
एमएसडी विश्वविद्यालय, अजमेर
एम.डी. विश्वविद्यालय, रोहतक
नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर
नागार्जुन विश्वविद्यालय, आन्ध्र प्रदेश
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना
राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालय, पिलानी
एसएनडीटी वूमैन्स यूनिवर्सिटी, मुंबई
गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी
सूची सांकेतिक है
जो छात्रा गृह विज्ञान के लिए पर्याप्त अंक अर्जित नहीं करते हैं वे दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत
विभिन्न कॉलेजों में संचालित किए जाने वाले अन्य गृह विज्ञान आधरित प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रमों
में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे पाठ्यक्रमों के नाम हैं :- पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, बाल
विकास और परिवार कल्याण, महिला अध्ययन, विशेष बाल आवश्यकता शिक्षा, टेक्सटाइल
डिजाइनिंग, फैशन डिजाइनिंग आदि।
छात्र गृह विज्ञान के विभिन्न विशेषज्ञता पाठ्यक्रमों के कौशल एवं ज्ञान की समझ हेतु पॉलीटेक्नीक
में भी प्रवेश ले सकते हैं।
(लेखक दिल्ली प्रशासन में गृह विज्ञान के प्रवक्ता हैं)