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Volume 47

सी.एस.आई.आर.-यू.जी.सी. नेट परीक्षा कैसे उत्तीर्ण करें

उषा अल्बुकर्क़ एवं निधि प्रसाद

जो स्वाभाविक अभिरुचि रखते हैं, अध्यापन उनके लिए एक आकर्षक तथा चुनौतीपूर्ण कॅरिअर बन सकता है. यद्यपि, आज प्रशिक्षित अध्यापकों की बेहद कमी है, किन्तु यह एक ऐसा व्यवसाय है जो बड़ी संख्या में उन युवकों को आकर्षित करता है जो अध्यापन को कम कार्य-घंटों और नियमित वार्षिक अवकाशों वाले किसी सुरक्षित व्यावसायिक कॅरिअर के रूप में देखते हैं. यह एक विशेषज्ञतापूर्ण क्षेत्र भी है. उच्च शिक्षा के लिए प्रशिक्षित एवं शैक्षिक रूप से प्रेरित व्यक्तियों की आवश्यकता होती है.

किसी अध्यापन कॅरिअर में कार्य के अनेक क्षेत्र होते हैं. इनमें प्राथमिक स्कूल स्तर पर अध्यापक, माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल स्तरों पर प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों और स्नातकोत्तर अध्यापकों, कॉलेजों में लेक्चरर, विश्वविद्यालयों में रीडर तथा प्रोफेसरों, प्रशासकों, पर्यवेक्षकों, सलाहकारों और अनुसंधानकर्ताओं के पद शामिल हैं, किसी कॉलेज या विश्वविद्यालय में लेक्चरर छात्रों की किसी कक्षा में लेक्चर देता है और अनुसंधान, लेखों के लेखन तथा प्रकाशन के लिए अपना समय देता है, जबकि किसी विश्वविद्यालय में कोई रीडर या कोई प्रोफेसर अनुसंधान परियोजनाओं में अनुसंधान कार्यों तथा छात्रों के मार्गदर्शन में अपना पर्याप्त समय देते हैं.

इस क्षेत्र में होनहार तथा श्रेष्ठ व्यक्तियों को चुनने के लिए, सरकार कॉलेज एंव विश्वविद्यालय स्तर की लेक्चरशिप के लिए और अपनी पीएच.डी या अनुसंधान के लिए भारतीय नागरिकों के कनिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति (जे.आर.एफ.) देने के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए नेट/राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा जैसी परीक्षाएं संचालित करती है.

सी.एस.आई.आर.-यू.जी.सी. नेट क्या है?
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी.एस.आई.आर.) तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) दो अलग सरकारी विभाग हैं और दोनों अपनी संबंधित प्रवेश परीक्षाएं संचालित करते हैं. पहली परीक्षा विज्ञान विधा के लिए तथा दूसरी परीक्षा अन्य सभी विधाओं के लिए संचालित की जाती है.
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी.एस.आई.आर.) ने, वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रति उत्साह रखने वाले युवा प्रतिभाओं को मान्यता देने के लिए एक अनुसंधान अध्येतावृत्ति योजना प्रारंभ की है. इस लक्ष्य के साथ सी.एस.आई.आर. ने देश भर में शैक्षिक तथा वैज्ञानिक संस्थाओं में पीएच.डी. करने में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों को कनिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति (जे.आर.एफ.) के रूप में वित्तीय सहायता देने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा- राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) चलाई.
इन दोनों के बीच जो अंतर है उसे नीचे विस्तार से समझाया गया है :
यू.जी.सी.-सी.बी.एस.ई. नेट
यू.जी.सी. (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) एक संवैधानिक संगठन है, जिसकी स्थापना केन्द्रीय सरकार ने १९५६ में की थी. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय विश्वविद्यालयों को मान्यता देना और ऐसे मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों को निधि प्रदान करना है.
अध्यापन व्यवसाय और अनुसंधान के क्षेत्र में आने वाले व्यक्तियों के लिए न्यूनतम मानक स्थापित करने के क्रम में लेक्चरर के पद के लिए और भारतीय नागरिकों के लिए क.अ.अ. (जे.आर.एफ.) प्रदान करने के लिए वि.अ.आ. (यू.जी.सी.) की ओर से अब केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई.) यह परीक्षा संचालित करता है. यह परीक्षा कला, मानविकी, सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य आदि जैसी विधाओं में संचालित की जाती है.
सी.एस.आई.आर.-यू.जी.सी.नेट
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी.एस.आई.आर.) एक प्रमुख राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास (आर.एंड डी.) संगठन है और विश्व के सबसे बड़े सार्वजनिक रूप से निधियत अनुसंधान एवं विकास संगठनों में से एक है. सी.एस.आई.आर. संयुक्त सी.एस.आई.आर.-यू.जी.सी. नेट संचालित करती है, जो जीवन विज्ञान, भौतिकीय विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, गणितीय विज्ञान तथा भू-वायुमंडलीय महासागर एवं ग्रहीय विज्ञान सहित विज्ञान के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की एक प्रवेश परीक्षा है.
सी.एस.आई.आर.-यू.जी.सी. नेट वर्ष में दो बार जून एवं दिसंबर में संचालित की जाती है. अधिक विवरण के लिए सी.एस.आई.आर. की वेबसाइट (www.csirhrdg.res.in) देखें.
अध्येतावृत्ति एवं लेक्चरशिप :
उक्त परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को दो पृथक मैरिट सूचियों अर्थात् जे.आर.एफ. सूची और नेट सूची में रखा जाता है. पहली मैरिट सूची में शामिल उम्मीदवारों को लेक्चरशिप के लिए पात्रता सहित कनिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्तियां दी जाएंगी. दूसरी मैरिट सूची में आने वाले उम्मीदवारों को इंजीनियरी विज्ञानों को छोडक़र, केवल लेक्चरशिप के लिए पात्रता (नेट) दी जाएगी. नेट उम्मीदवारों को अन्य योजनाओं तथा परियोजनाओं में जिनमें जे.आर.एफ. उपलब्ध हैं, वरीयता दी जाएगी.
आयु-सीमा:
जे.आर.एफ.:- नेट के लिए आयु-सीमा २८ वर्ष है और नेट-लेक्चरशिप के लिए कोई आयु-सीमा नहीं है. अनुसूचित जाति (अ.जा.), अनुसूचित जनजाति (अ.ज.जा.), अन्य पिछड़े वर्गों (अ.पि.व.), शारीरिक विकलांग (शा.वि.) तथा महिला उम्मीदवारों को आयु में पांच वर्ष की छूट दी जाती है.
सी.एस.आई.आर. नेट के लिए पात्रता :
इच्छुक उम्मीदवार विज्ञान विधा में मास्टर डिग्री धारी होने चाहिएं. पात्रता परीक्षा में उन्होंने ५५ प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त किए हों और किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से पाठ्यक्रम पूरा किया हो.
नेट के लिए पात्रता :
मानविकी (भाषाओं सहित) तथा सामाजिक विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान एवं अनुप्रयोग, इलेक्ट्रॉनिकी विज्ञान आदि में यू.जी.सी. द्वारा मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थाओं से मास्टर डिग्री या समकक्ष परीक्षा में न्यूनतम ५५' अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए पात्र होते हैं. गैर- सम्पन्न वर्ग के अन्य पिछड़े वर्गों (अ.पि.व.)/अनुसूचित जाति (अ.जा.)/अनुसूचित जन जाति (अ.ज.जा.)/ विकलांग व्यक्ति (विक.व्य.) वर्ग के जो उम्मीदवार मास्टर डिग्री या समकक्ष परीक्षा में न्यूनतम ५०' अंक (राउंड ऑफ किए बिना) प्राप्त करते हैं वे इस परीक्षा के लिए पात्र होते हैं.
जो उम्मीदवार अर्हक मास्टर डिग्री (अंतिम वर्ष) परीक्षा में बैठे हैं या बैठ रहे हैं तथा जिनका परिणाम अभी नहीं आया है और जिन उम्मीदवारों की अर्हता परीक्षाओं में विलंब हुआ है, वे भी इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं तथापि, ऐसे उम्मीदवारों को प्रवेश अनंतिम रूप से दिया जाएगा और यदि वे अपनी मास्टर डिग्री परीक्षा या समकक्ष न्यूनतम ५५' अंकों [अ.पि.व (गैर-सम्पन्न वर्ग)/अ.जा./अ.ज.जा./ शा.वि. (शारीरिक विकलांग) वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ५०' अंक] के साथ उत्तीर्ण करते हैं तो केवल उसके बाद ही उन्हें जे.आर.एफ./सहायक प्रोफेसर पात्रता के लिए पात्र माना जाएगा. ऐसे उम्मीदवारों को नेट परिणाम की तारीख से दो वर्षों के अंदर अपनी पी.जी.डिग्री परीक्षा अंकों की अपेक्षित प्रतिशतता के साथ उत्तीर्ण कर लेनी चाहिए अन्यथा उन्हें अयोग्य माना जाएगा.
जे.आर.एफ.
कनिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति या जे.आर.एफ. रु. २५०००/- प्रति माह की अध्येतावृत्ति है जो एक वर्ष में दो बार होने वाली लिखित परीक्षाओं के माध्यम से पात्र एवं चुने हुए उम्मीदवारों को सी.एस.आई.आर. और यू.जी.सी.- दोनों द्वारा दी जाती है. यह अध्येतावृत्ति छात्रों को उनके डॉक्टोरल अध्ययन के लिए दी जाती है.
सी.एस.आई.आर.-यू.जी.सी. नेट की प्रश्न-पत्र पद्धत्ति:
परीक्षा निम्नलिखित विषयों के लिए ली जाती है:-
*रासायनिक विज्ञान
*पृथ्वी विज्ञान
*जीवन विज्ञान
*गणितीय विज्ञान
*भौतिकीय विज्ञान
परीक्षा की अवधि तीन घंटे होती है.
सी.एस.आई.आर. परीक्षा अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और प्रतिष्ठित होती है और अधिकांश उम्मीदवारों का सपना होती है अधिकांशत: विज्ञान स्नातकोत्तर छात्र अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी सच्ची प्रतिबद्धता, कार्य-समर्पण एवं कठोर परिश्रम के साथ सी.एस.आई.आर. परीक्षा देते हैं. यह परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्र के पास विश्वविद्यालय/अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला और मार्गदर्शन को चुनने का विकल्प होता है. देश में इस समय अनेक अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों की कमी है, इसलिए इस क्षेत्र में अवसर विद्यमान हैं.
यू.जी.सी.-नेट सी.एस.आई.आर. परीक्षा उत्तीर्ण करने का सफलता मंत्र
जीवन में, और विशेष रूप से यदि यह प्रवेश-परीक्षाओं के बारे में हो तो सभी सफलता प्राप्त करना चाहते हंै. इसलिए वास्तविक सफलता मंत्र क्या है. अपना शत-प्रतिशत दें क्योंकि आप को कई अवसर नहीं मिलेंगे. किसी प्रतिस्पर्धा परीक्षा की तैयारी में वास्तविक तथ्य संकल्पनात्मक ज्ञान नहीं बल्कि प्रश्नों को उत्तर देना है. अंतत: प्रतिस्पर्धा इस पर निर्भर करती है कि निर्धारित समय-सीमा में आप कितने प्रश्नों का सही उत्तर देने में समर्थ रहते हैं.
क्या प्रश्नों का अभ्यास करना ही पर्याप्त है?
वास्तव में यही सच है! प्रश्नों का बार-बार अभ्यास करने से आप अपनी सफलता के निकट आ जाएंगे. यदि आप वास्तव में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको प्रश्नों का समाधान करने का अभ्यास करना आवश्यक है. सी.एस.आई.आर.-यू.जी.सी. नेट परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार संभवत: अपनी विषय सामग्री से परिचित होते हैं, इसलिए उन्हें केवल परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर कार्य करना आवश्यक होता है. आप जितने प्रश्नों का समाधान तथा अभ्यास करेंगे आप उस विषय पर उतनी ही मजबूत पकड़ बनाएंगे और परीक्षा में बैठते समय आप अधिक आश्वस्त होंगे. इसलिए यदि आप किसी प्रतिस्पर्धी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो अभ्यास ही सफलता का एक मात्र मंत्र है.
अध्ययन की एक योजना बनाएं
प्रश्नों का अभ्यास करने के अतिरिक्त, अध्ययन की एक योजना बनाना आवश्यक है और उस योजना का कड़ाई से पालन आपको अपने बेहतर समय प्रबंधन में सहायता करेगा.
सी.एस.आई.आर.-नेट उत्तीर्ण करने के बाद कॅरिअर के अवसर कॅरिअर के निम्नलिखित क्षेत्र हैं:-
*किसी भी कॉलेज में सहायक प्रोफेसर
*कनिष्ठ वैज्ञानिक
*तकनीकी स्टाफ
आप अपने विषय क्षेत्र के आधार पर सी.एस.आई.आर. की प्रयोगशालाओं के अतिरिक्त डी.आर.डी.ओ., आई.एस.आर.ओ., बी.ए.आर.सी., आई.जी.सी.ए.आर. की तथा अन्य प्रयोगशालाओं में भी कार्य ग्रहण कर सकते हैं.
कई निजी संस्थाएं भी सी.एस.आई.आर. नेट अंकों के आधार पर उम्मीदवारों को अपनी सेवाओं में रखते हैं.
(उषा अल्बुकर्क़ एवं निधि प्रसाद कॅरिअर्स स्मार्ट प्राइवेट लिमिटेड में क्रमश: निदेशक एवं सीनियर काउंसिलिंग सायकोलॉजिस्ट हैं. ई-मेल:- careerssmartonline@gmail.com)