सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लिपिकीय कार्यों के अवसर
विजय प्रकाश श्रीवास्तव
हमारे देश में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार हो रहा है और सार्वजनिक तथा निजी-दोनों क्षेत्र के बैंक अपने नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि महानगरों एवं बड़े शहरों में निजी बैंकों की शाखाएं अधिक हैं, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (सा.क्षे.बैं.) की शाखाएं देश के प्रत्येक कोने में हैं. इन दोनों क्षेत्रों के बैकों में भर्ती प्रक्रियाएं भी भिन्न हैं. निजी क्षेत्र के बड़े बैंक भर्ती, कैम्पस-सलेक्शन के माध्यम से तथा अनुबंधात्मक स्टाफ पर कुछ निर्भरता के साथ जनशक्ति एजेंसियों से करते हैं. निजी क्षेत्रों के अलग-अलग बैंकों की प्रक्रियाएं भी अलग-अलग होती हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भर्ती-प्रक्रिया साधी, मानक एवं प्रणालीबद्ध होती है. उनके सभी अधिकारी एवं लिपिकीय कर्मचारी पूर्णकालिक नियमित कर्मचारी होते हैं.
बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आई.बी.पी.एस.) - जिसका कार्यालय मुम्बई में है, को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विभिन्न पदों के लिए भर्ती-परीक्षा संचालित करने का कार्य सौंपा गया है. बैंक आई.बी.पी.एस. को रिक्तियों की संख्या बताते हैं. आई.बी.पी.एस. विभिन्न-विभिन्न केंद्रों पर चयन-परीक्षाएं लेता है. भर्ती-प्रक्रिया में उम्मीदवारों के निष्पादन तथा रिक्तियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, आई.बी.पी.एस., नियुक्ति के लिए संबंधित बैंकों को उम्मीदवारों की अनुशंसा करने के लिए उम्मीदवारों की एक सूची तैयार करता है. आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बैंक इन उम्मीदवारों को नियुक्ति-प्रस्ताव करते हैं. आमतौर पर इन बैंकों के लिए भर्ती-प्रक्रिया वार्षिक रूप में संचालित की जाती है. सभी 19 राष्ट्रीयकृत बैंकों में लिपिकों की आवश्यकता के लिए आई.बी.पी.सी. ने हाल ही में एक नई अधिसूचना प्रकाशित की है. इन बैंकों की सूची तथा इनके मुख्यालयों के स्थानों (स्थान कोष्ठक में दिए गए हैं) का उल्लेख नीचे किया गया है:-
*इलाहाबाद बैंक (कोलकाता)
*केनरा बैंक (बेंगलुरू)
*इंडियन ओवरसीज बैंक (चेन्नै)
*यू.सी.ओ. बैंक (कोलकाता)
*आन्ध्र बैंक (हैदराबाद)
*सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (मुम्बई)
*ऑरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (गुरुग्राम)
*यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (मुम्बई)
*बैंक ऑफ बड़ौदा (वड़ोदरा)
*कॉर्पोरेशन बैंक (मेंगलौर)
*पंजाब नैशनल बैंक (नई दिल्ली)
*युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (कोलकाता)
*बैंक ऑफ इंडिया (मुम्बई)
*देना बैंक (मुम्बई)
*पंजाब एंड सिंध बैंक (नई दिल्ली)
*विजया बैंक (बेंगलुरू)
*बैंक ऑफ महाराष्ट्र (पुणे)
*इंडियन बैंक (चेन्नै)
*सिंडिकेट बैंक (मणिपाल)
सा.क्षे.बैं. (पी.एस.बी.) में लिपिकों के लिए पात्रता: सभी विषयों के स्नातक, आई.बी.पी.एस. द्वारा विज्ञापित लिपिकीय पदों के लिए आवेदन करने के पात्र हैं. अपेक्षित न्यूनतम अंकों की कोई शर्त नहीं है. स्नातक डिग्री विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त होनी चाहिए. उम्मीदवार कम्प्यूटर-साक्षर हों और उन्हें कम्प्यूटर चलाने तथा उस पर कार्य करने का ज्ञान हो. इसके लिए उनके पास कम्प्यूटर परिचालन/भाषा में प्रमाणपत्र या डिप्लोमा अथवा डिग्री होनी चाहिए अथवा उन्होंने हाई स्कूल/कॉलेज/संस्थान में कम्प्यूटर/सूचना प्रौद्योगिकी का, एक विषय के रूप में अध्ययन किया हो.
यद्यपि, परिवीक्षाधीन अधिकारियों की भर्ती अखिल भारतीय आधार पर की जाती है, किंतु लिपिकीय भर्तियां राज्यवार की जाती हैं जिनमें संघ प्रदेश भी शामिल हैं. उम्मीदवार केवल एक ही राज्य/संघ शासित प्रदेश की रिक्तियों के लिए आवेदन कर सकते हैं. नियमों के अनुसार उम्मीदवार राज्य/संघ शासित प्रदेश की राजभाषा में निपुण होना चाहिए. अर्थात् उम्मीदवार को उस राज्य/संघ शासित प्रदेश की राजभाषा पढऩे/लिखने और बोलने का ज्ञान होना चाहिए जिस राज्य/संध शासित प्रदेश के लिए उन्होंने आवेदन किया है.
उक्त उल्लिखित अपेक्षाएं करने वाले सभी उम्मीदवारों को पहले प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित होने के लिए बुलाया जाएगा. इस परीक्षा का निर्धारित समय एक घंटा होता है, यह परीक्षा ऑनलाइन ली जाएगी और इसमें प्रश्न अंग्रेजी भाषा (३० प्रश्न) संख्यात्मक क्षमता (३५ प्रश्न) तथा तर्क-क्षमता (३५ प्रश्न) के होंगे. आपके सम्मिलित अंक मैरिट निर्धारित करेंगे, किंतु अगली प्रक्रिया के लिए पात्र होने हेतु प्रत्येक प्रश्न-पत्र में न्यूनतम अर्हता अंक प्राप्त करना भी अनिवार्य है, रिक्तियों की संख्या के आधार पर आई.बी.पी.एस. कट-ऑफ निर्धारित करेगा. इस कट ऑफ को पार कर के मैरिट में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में बैठना होगा. यह परीक्षा भी कम्प्यूटर आधारित ऑनलाइन परीक्षा होगी. इस परीक्षा में प्रश्न सामान्य वित्तीय जानकारी (५० प्रश्न), सामान्य अंग्रेजी (४० प्रश्न), तर्क-क्षमता, कम्प्यूटर अभिरुचि तथा मात्रात्मक अभिरुचि (५० प्रश्न) के होंगे. तर्क क्षमता एवं कम्प्यूटर अभिरुचि को एक भाग में रखा गया है जिसमें कुल ५० प्रश्न होंगे. मुख्य परीक्षा की अधिकतम अवधि २ घंटे ४० मिनट (कुल १६० मिनट) होगी. इस परीक्षा में अर्हता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवार को सभी भागों में अलग-अलग न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त करने होंगे. न्यूनतम सम्मिलित अंक भी निर्धारित हैं. अंग्रेजी के भाग को छोडक़र अन्य सभी प्रश्न हिंदी एवं अंग्रेजी-दोनों में होंगे. चूंकि प्रारंभिक तथा मुख्य परीक्षा-दोनों में प्रश्न केवल वस्तुनिष्ठ प्रकृति के बहु-विकल्प वाले होंगे, इसलिए उम्मीदवारों को उत्तर-पुस्तिका में अंकित करने के लिए केवल सही उत्तर चुनना होगा. विवरणात्मक उत्तर लिखने की कोई आवश्यकता नहीं होगी.
गलत उत्तरों के लिए अंक काटने का भी प्रावधान है. प्रत्येक गलत उत्तर के लिए उम्मीदवार १/४ अंक गवां देंगे. अर्थात् यदि उम्मीदवार ने ४ गलत उत्तर दिए हैं तो एक अंक काट लिया जाएगा. इसलिए परीक्षा, अपने अधिकतम अंक प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ सावधानीपूर्वक एवं सजगता के साथ दें. प्रारंभिक परीक्षा की मैरिट सूची में अर्हताप्राप्त करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके आधार पर ही आप मुख्य परीक्षा में बैठ सकेंगे. अंतिम चयन अंतिम परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लिपिकीय पदों पर चयन के लिए २०१६ से कोई साक्षात्कार नहीं लिया जाता. इस तरह, सम्पूर्ण चयन-प्रक्रिया में अब कम समय लगता है. विभिन्न भागों में शामिल किए जाने वाले प्रश्नों के उदाहरण नीचे दिए गए हैं :-
अंग्रेजी :- कम्प्रीहेंसन, वोकेबलरी, ग्रामर, वर्बल एबिलिटी तथा सेंटेंस फोर्मेशन के प्रश्न इस भाग में शामिल किए जाते हैं. ग्रामर संबंधी प्रश्न टेंसेस, आर्टिकल्स, प्रिपोजिशन, डिग्रीज ऑफ कम्पेरीजन, सबजेक्ट-वर्ब एग्रीमेंट, कंजक्शन्स, पाट्र्स ऑफ स्पीच, स्टैण्डर्ड कन्स्ट्रक्शन, एडवब्र्स, आदि के हो सकते हैं. अंग्रेजी प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा दोनों का भाग है. परीक्षा प्रणाली दर्शाती है कि कठिन प्रश्नों का स्तर प्रारंभिक परीक्षा की तुलना में मुख्य परीक्षा में ऊंचा होता है.
सामान्य जानकारी : इस भाग में पर्यावरण एवं सामाजिक मामलों, प्रसिद्ध व्यक्तियों तथा घटनाओं आदि के आपके ज्ञान की परीक्षा ली जाएगी. प्रश्नों में ऐतिहासिक घटनाओं की तारीखों, आविष्कारों, खोजों, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकास, भूगोल, प्रसिद्ध लेखकों तथा कलाकारों से संबंधित प्रश्न हो सकते हैं.
वित्तीय जानकारी : वित्तीय मामलों के साथ बैंकों का संव्यवहार. इसलिए उम्मीदवारों से आशा की जाती है कि उन्हें वित्त से जुड़े मामलों की कुछ जानकारी हो. प्रश्न अर्थ-व्यवस्था, बैंकिंग भूदृश्य (रिजर्व बैंक, भुगतान बैंक जैसे विभिन्न बैंकों सहित), बजट जनसंख्या, सेबी, एन.पी.सी.आई., आर.आर.डी.आई., नीति आयोग, आदि जैसे संगठनों की भूमिका पर हो सकते हैं.
तर्क-क्षमता : तर्क-क्षमता भाग में प्रश्न आपके विश्लेषण करने एवं समस्या का समाधान करने के कौशल को परखने के हो सकते हैं. किसी पाठ या डाटा के रूप में दी गई सूचना के आधार पर आपको अपना सही निष्कर्ष देना होगा. प्रश्न वर्बल या विजुअल (नॉन-वर्बल) तर्क-संगतता पर हो सकते हैं, जिनमें वर्ण या अंक शृंखला एनालोगी, समय-क्रम, विषय (असमान) सूचना का पता लगाना आदि से जुड़े प्रश्न शामिल हो सकते हैं.
संख्यात्मक क्षमता : यह भाग संख्या एवं मूल गणितीय कार्यों जैसे जोड़, घटा, गुणा एवं भाग से संबंधित होता है. किसी विशेष शृंखला में गायब या अगले अंक का पता लगाने, अनुपात परिकलन, फ्रैक्शन आदि पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं.
मात्रात्मक अभिरुचि : इस भाग में गणितीय परिकलन में आपकी परिशुद्धता का पता लगाया जाता है. इस भाग में प्रश्न शुद्ध अंकीय परिकलन से लेकर अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति, ग्राफ तथा टेबल्स, प्रतिशतता आदि पर हो सकते हैं. प्रश्न सामान्यत: दसवीं कक्षा के स्तर के होते हैं.
तैनाती : बैंक अपनी सेवाएं शाखाओं तथा वैकल्पिक डिलीवरी चैनलों के माध्यम से देते हैं. वैकल्पिक डिलवरी चैनल का अर्थ ए.टी.एम., प्वाइंट ऑफ सेल्स आदि से है. बैंकों का मूल कार्य जमा-राशि स्वीकार करना और ऋण देना है. इन कार्यों के अतिरिक्त, बैंक विदेशी-मुद्रा, साख-पत्र, गारंटी जारी करने, क्रेडिट कार्ड जारी करने, डिपोजिटरी सेवा, वित्तीय समावेशन, स्वर्ण बिक्री, म्युचुअल फंड, बीमा पॉलिसी आदि से भी जुड़े होते हैं.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लिपिकों का कॅरिअर सामान्यत: भर्ती-प्रशिक्षण से प्रारंभ होता है. लगभग प्रत्येक बैंक का अपना निजी प्रशिक्षण संस्थान देश के विभिन्न भागों में होता है. प्रशिक्षण की अवधि एक से दो सप्ताह की होती है. प्रशिक्षण-कार्यक्रम में बैंकिंग से संबंधित कानून एवं प्रक्रियाएं अपनी ग्राहक नीतियों को जानें, जमा तथा ऋण योजनाओं, ग्राहक सेवा के अनिवार्य तत्व आदि जैसे विषय शामिल होते हैं. चूंकि अधिकांश बैंक कार्य अब प्रौद्योगिक आधारित हैं, इसलिए आपको दिए जाने वाले प्रशिक्षण में फाइनेंस, फ्लेक्सिक्यूब-जो भी मामला हो, जैसे बैंक के प्रौद्योगिक प्लेटफार्म जैसे कार्य शामिल होंगे आपको संचार टीम-वर्क आदि जैसे मृदु-कौशलों में भी प्रशिक्षित किया जाएगा. इसी भर्ती-प्रशिक्षण के बाद, आपको अपने कॅरिअर के दौरान कईं और प्रशिक्षणों में उपस्थित होने के अवसर मिलेंगे.
आपकी पहली तैनाती किसी शाखा में अधिकांशत: डिपोजिट अनुभाग में किए जाने की संभावना होती है, जहां आपका कार्य चालू, बचत बैंक/सावधि जमा खाते खोलने और ग्राहकों को अन्य संबंधित सेवाएं देने से संबंधित होते हैं. आपमें से कुछ व्यक्तियों की रोकड़ तथा अन्य अनुभागों में भी तैनाती की जा सकती है. आपको अधिकांश ज्ञान अपने कार्य के दौरान मिलेगा.
कॅरिअर उन्नति : विश्व में ऐसे बहुत अधिक संगठन नहीं हंै जो व्यक्तियों की उन्नति को केवल एक विशेष संवर्ग में सीमित कर के, उन्हें किसी उच्च संवर्ग में आगे बढऩे का अवसर देते हों. उदाहरण के लिए अनेक संगठनों में लिपिक के रूप में कार्य ग्रहण करने वाला कोई व्यक्ति केवल वरिष्ठ लिपिक या प्रधान लिपिक तक के पदों पर पदोन्नत हो सकता है और वह कभी भी अधिकारी का पद प्राप्त नहीं कर सकता. इस संबंध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अत्यधिक उदार हैं. प्रत्येक लिपिक को, अपेक्षाएं पूरी करने की शर्त पर यहां अधिकारी बनने के अवसर होते हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से वरिष्ठ व्यक्ति सेवानिवृत्त हो रहे हैं और कनिष्ठ व्यक्तियों को उच्च पदों पर पदोन्नति के अवसर मिल रहे हैं. कई बैंकों में २-३ वर्ष की सेवा रखने वाले लिपिकों को कनिष्ठ प्रबंधन में अधिकारी संवर्ग में कार्य ग्रहण करने का अवसर मिल रहा है. कनिष्ठ प्रबंधक के बाद मध्य प्रबंधन और तत्पश्चात् वरिष्ठ प्रबंधन पद आते हैं. सबसे ऊंचा कार्यपालक ग्रेड होता है जिसमें उप महाप्रबंधक एवं महाप्रबंधक शामिल होते हैं. महाप्रबंधक बनने के बाद कार्यपालक निदेशक (ई.डी.) और उसके बाद प्रबंध निदेशक (एम.डी.) बनने के अवसर होते हैं. यह आश्चर्यजनक लग सकता है किंतु ऐसे व्यक्तियों के भी उदाहरण हैं कि किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में लिपिक के रूप में कार्य ग्रहण करके वे कार्यपालक निदेशक या प्रबंध निदेशक के पद पर पहुंचे हैं.
यदि आपको पदोन्नति शीघ्र चाहिए तो आपको जल्दी ही सी.ए.आई.आई.बी. परीक्षा उत्तीर्ण कर लेनी चाहिए. केवल प्रैक्टिसरत बैंकर्स को ही इस व्यावसायिक परीक्षा में बैठने की अनुमति होती है. यह परीक्षा प्रत्येक तीन प्रश्न-पत्रों वाले दो भागों में होती है. यह परीक्षा प्रत्येक छह महीनों में और भारतीय बैंकिंग तथा वित्त संस्थान द्वारा ली जाती है. इसके अतिरिक्त बैंकिंग व्यवसाय, सिद्धांतों तथा उत्पादों की अच्छी समझ आपको लिपिकीय संवर्ग से अधिकारी संवर्ग में और उसके बाद अधिकारी संवर्ग में उच्च वेतनमानों तक पदोन्नत होने में निश्चित रूप से आपके लिए सहायक होगी.
अधिकारी बनने पर आपको देश के किसी भी भाग में तैनात किया जा सकता है. किंतु बैंक अपने कनिष्ठ अधिकारियों को अपने गृह राज्य या आस-पास के क्षेत्रों में रखने का प्रयास करते हैं. आपको बैंक की विदेश स्थित शाखाओं में कार्य करने के अवसर भी मिल सकते हैं.
लिपिक के रूप में आपका अनुभव आपको अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में अधिकारी के पद के लिए उपस्थित होते समय आपको प्राथमिकता भी दिला सकता है.
सफलता के आवश्यक गुण
एक सफल कॅरिअर बैंकर बनने के लिए आप ग्राहक अनुकूल होने के साथ अच्छा संचार तथा अंतर-वैयक्तिक कौशल रखते हों, उन्नति एवं सफलता प्राप्त करने के लिए अंकों के प्रति आकर्षण, धैर्य तथा सीखने की इच्छा तथा अन्य सहायक गुण रखते हों.
परीक्षा नीति
आई.बी.पी.एस. द्वारा अंगीकृत सायकोमीट्रिक टैस्टिंग मॉडल का उद्देश्य उम्मीदवारों की समझ, परिशुद्धता और गति की जांच करना है. अच्छी खबर यह है कि ये सहज अथवा स्वाभाविक प्रकृति की नहीं है. कुछ प्रयासों के साथ कोई भी व्यक्ति इनका विकास कर सकता है, जो इस परीक्षा में सहायक होंगी और आपको भावी कॅरिअर तथा जीवन के अन्य पहलुओं में भी सहायता करेंगी.
इस परीक्षा में अर्हता प्राप्त करने के लिए आप नमूना तीन पक्षीय नीति की योजना बना सकते हैं-
(१) समझ एवं मूल्यांकन : प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा को प्रत्येक भाग में शामिल किए जाने वाली परीक्षा-पद्धति तथा प्रश्नों की प्रकृति एक व्यापक समझ बनाएं. इसकी जानकारी प्राप्त करके आप कोई भी अवसर छोड़े बिना व्यापक तैयारी कर सकते हैं. यह सूचना ऐसे मित्रों से आसानी से मिल सकती है जो यह परीक्षा पहले दे चुके हैं. आप वेबसाइट, प्रतियोगिता-पुस्तकों तथा गाइड आदि की भी सहायता ले सकते हैं. इसकी जानकारी मिलने पर आप यह मूल्यांकन कर सकते हैं कि आप अपने गुणों एवं कमजोरियों के साथ कहां खड़े हैं. यह एक वस्तुनिष्ठ एवं वास्तविक मूल्यांकन होना चाहिए. यह स्पष्ट है कि कमजोर क्षेत्र के लिए अधिक प्रयास करना आवश्यक है. आई.बी.पी.एस. लिपिकीय परीक्षा एक नमूना परीक्षा है, किंतु अच्छा करने के लिए यह जानना जरूरी है कि इसमें क्या शामिल होता है.
(२) पठन : पुराने प्रश्नपत्रों एवं प्रश्नों के समाधान वाले मॉडल/उदाहरण प्रश्नपत्रों को पढ़ें जिनसे यह पता लग सके कि प्रश्न के उत्तर किस तरह प्राप्त हुए हैं, तर्क-क्षमता, संख्यात्मक क्षमता और मात्रात्मक अभिरुचि से जुड़े प्रश्नों के संबंध में यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है. उत्तर पद्धति को पढऩे एवं विश्लेषण करने से आप एक प्रणालीबद्ध तरीके से सही उत्तर दे सकेंगे. सामान्य एवं वित्तीय जानकारी के लिए आपको एक अच्छी संदर्भ पुस्तक लेना और नियमित आधार पर समाचार पत्र पढऩा आवश्यक है. इसी तरह, अंग्रेजी के लिए आप एस.एस.सी. छात्रों की कोई व्याकरण पुस्तक ले सकते हैं. इसके अतिरिक्त, इस विशेष परीक्षा के लिए बनाई गई कोई गाइड अपने पास रखें. इस संबंध में प्रतियोगिता के लिए अच्छी पत्रिकाएं आपकी सहायता कर सकती हैं. इस परीक्षा की तैयारी के लिए अधिक धन-राशि खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती.
(३) अभ्यास : इस परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विशेष रूप से अपनी गति की जांच एवं निर्माण करने के लिए अत्यधिक अभ्यास करना आवश्यक है. मॉडल प्रश्न-पत्र इसमें आपकी सहायता करेंगे. ऐसे बहु-प्रश्न पत्रों का उत्तर लिखने से आपको यह पता लग जाएगा कि आपको कहां सुधार करना जरूरी है. यह ध्यान रखें कि प्रत्येक प्रश्न का एक ही सही उत्तर होता है जो किसी तर्क पर आधारित होता है. यदि आप उस तर्क/कारण का पता लगा लेते हैं तो आपका उत्तर सही होगा और इसके लिए आपको अभ्यास करना आवश्यक होगा. इंटरनेट ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों कई नि:शुल्क संसाधन अभ्यास देते हैं. जब आप अपनी तैयारी के अंतिम चरण पर हों उस समय कृत्रिम माहौल में कुछ अभ्यास प्रश्न-पत्रों का उत्तर लिखें. इसका यह अर्थ होगा कि आप प्रश्न-पत्रों का उत्तर उसी तरह देंगे जैसे कि आप एक ही दी गई समय-सीमा में वास्तविक परीक्षा में देते हैं. बहुविकल्प वाले प्रश्नों का उत्तर देने की दो अलग दृष्टि होती है. चयन पद्धति में सही उत्तर अंकित किया जाता है क्योंकि उसके बारे में कोई शंका नहीं होती. एलिमिनेशन पद्धति में ऐसे उत्तरों को अनदेखा कर देते हैं जो सही नहीं लगते और इस तरह संभावित भागों उत्तर पर हम शून्य हो जाते हैं.
(लेखक एक कॅरिअर काउंसलर हैं. ई-मेल v2j25@yahoo.in)
चित्र: गूगल के सौजन्य से