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संपादकीय लेख


Issue no 30, 23-29 October 2021

 

पर्यटन क्षेत्र के सतत और समावेशी विकास के लिए विशेष प्रयास

आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में साक्षात्कार शृंखला के अंतर्गतइस अंक में प्रस्तुत हैपर्यटन क्षेत्र के बारे में केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी का साक्षात्कार कोविड-19 महामारी ने पर्यटन क्षेत्र को सबसे अधिक प्रभावित किया है. आपका मंत्रालय इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए क्या उपाय कर रहा है?

सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न संकट के मद्देनजर पर्यटन क्षेत्र को सहायता देने के लिए कई उपाय किए हैं.  पर्यटन क्षेत्र सहित उद्योग के लिए व्यापार निरंतरता तथा नौकरी प्रतिधारण सहित कई विनियामक और वित्तीय राहत उपाय किए गए हैं. सरकार ने कोविड की स्थिति में सुधार के साथ घरेलू पर्यटन क्षेत्र को फिर से खोलने की अनुमति दी. लघु अवधि के उपाय के रूप मेंमंत्रालय घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. देश ने घरेलू पर्यटन में उल्लेखनीय सुधार देखा हैकई पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में पर्यटक आने लगे हैं. अब हम इनबाउंड टूरिज्म खोलने की तैयारी कर रहे हैं और महामारी के बाद इनबाउंड टूरिज्म को बढ़ाने के उपाय कर रहे हैं. भारत पहले ही विदेशी पर्यटकों के लिए 5 लाख मुफ्त ई-पर्यटक वीजा की घोषणा कर चुका है. हमें विश्वास है कि अपने उद्योग हितधारकों के साथ मिलकर काम करकेहम जल्द ही अपने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन को पूर्व-महामारी के स्तर पर ले आएंगे. उचित समय पर आवश्यक प्रोटोकॉल और सावधानियों के साथ क्षेत्र का पुनरुद्धारइसे फिर से खोलने पर निर्भर है. इसलिएइन प्रत्यक्ष उपायों के अलावाविश्वास बहाली में कोविडरोधी टीकाकरण की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. भारत में ९५ करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं. यह उपलब्धि पर्यटन क्षेत्र के शीघ्र पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

विदेशों में भारतीय पर्यटन स्थलों की मार्केटिंग के बारे में क्या योजना है?

भारत में टीकाकरण अभियान में अभूतपूर्व गति और पैमाना प्राप्त करने के साथसरकार इनबाउंड पर्यटन के कैलीब्रेशन पर विचार करेगी. हालांकि यह अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन पर रोक हटाने पर निर्भर हैफिर भी हम अति सक्रिय दृष्टिकोण अपना रहे हैं और मांग बढ़ने की स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहते हैं. पर्यटन मंत्रालय विदेशों में भारतीय पर्यटन स्थलों की मार्केटिंग के लिए कई कदम उठा रहा है. मंत्रालय विदेशी बाजारों में भारतीय पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए विदेशों में भारतीय मिशनों के साथ भी काम कर रहा है. हम चुनिंदा विदेशी बाजारों में भारत के प्रचार और मार्केटिंग के लिए महत्वपूर्ण स्रोत बाजारों में विपणन प्रतिनिधियों को नियुक्त करने की प्रक्रिया में हैं. मंत्रालय विदेशी बाजारों में अतुल्य भारत को बढ़ावा देने के लिए अपनी डिजिटल मार्केटिंग कार्यनीतियों को भी मजबूत कर रहा है.

पर्यटन के विकास के लिए मंत्रालय की योजनाओं और प्रोत्साहनों के बारे में बताएं?

पर्यटन मंत्रालय ने देश में पर्यटन के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं तैयार की हैं. स्वदेश और प्रसाद योजनाएं विभिन्न पर्यटन स्थलों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं. 'स्वदेश दर्शन और 'प्रसाद योजनाओं के तहत क्रमश: 5,500 करोड़ रुपये और 1200 करोड़ रुपये से अधिक राशि मंजूर की जा चुकी है. मंत्रालय 'हुनर से रोज़गार तक योजना के तहत पर्यटन क्षेत्र में कार्यबल के कौशल प्रशिक्षण और सीबीएसपी योजना के तहत सेवा प्रदाताओं का क्षमता निर्माण भी करता है. मंत्रालय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रचार और विपणन प्रयासों के लिए पर्यटन उद्योग को बाजार विकास सहायता भी प्रदान करता है.

समावेशी विकास में पर्यटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आगे का रोडमैप क्या है?

प्रधानमंत्री ने पर्यटन को एक संभ्रांतवादी दृष्टि से पुनर्गठित किया है. अब इसे एक ऐसे माध्यम के रूप में देखा जाता है जो स्थानीय समुदायों का कल्याण कर सकता है और उन्हें समृद्ध बना सकता है जो सीधे तौर पर नौकरियों और विकास के अवसरों से लाभान्वित होते हैं. इसका सबसे अच्छा उदाहरण 'केवड़िया मॉडल है जो दृष्टि और निष्पादन दोनों पैमानों पर खरा उतरता है. 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और कई अन्य परियोजनाओं से केवडिया के 100 वर्ग किलोमीटर के दायरे में समुदायों को सीधे लाभ होगाजिससे क्षेत्र में समावेशीसतत् विकास होगा. पर्यटन क्षेत्र समाज के कमजोर वर्गों को सामुदायिक विकास और नौकरियों के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करता है. पर्यटन मंत्रालय राज्यों और उद्योग हितधारकों के साथ साझेदारी में पर्यटन क्षेत्र के सततजिम्मेदार और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को तेज करना चाहता है. स्थानीय आपूर्ति शृंखला के साथ किसी भी गंतव्य पर पर्यटन को एकीकृत करने और इस प्रक्रिया में स्थानीय समुदायों के लिए अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. मंत्रालय स्थानीय समुदायों और युवाओं को अपने क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों से लाभान्वित होने के लिए उनमें क्षमता और कौशल निर्माण करने में भी मदद करेगा.

हाल के वर्षों में भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) की सक्रियता कुछ कम हुई है. क्या इसके काम को आक्रामक तरीके से बढ़ाने की कोई योजना है?

आतिथ्य सेवाएं प्रदान करने में निजी क्षेत्र के विकास के कारण आईटीडीसी अब होटलों और संबंधित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित नहीं करेगा. हालांकिऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें आईटीडीसी देश में संधारणीय और जिम्मेदार पर्यटन विकसित करने के सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. मंत्रालय एक नई पर्यटन नीति बना रहा हैइसमें विभिन्न पर्यटन उप-क्षेत्रों के विकास के लिए विस्तृत कार्यनीति और आईटीडीसी की भविष्य की भूमिका भी बताई जाएगी.

भारत में ग्रामीण और पारिस्थितिकी -पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. इस दिशा में किस प्रकार की पहल की जा रही है?

इसमें कोई संदेह नहीं कि देश में ग्रामीण और पारिस्थितिकी -पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. पर्यटक तेजी से अद्वितीय और लंबे अनुभवों की तलाश में हैं. ग्रामीण और पारिस्थितिकी -पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत के पास एक समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत है. हमें यह देखते हुए कि ग्रामीण समुदायों को कम विशेषाधिकार प्राप्त हैंइन्हें संवेदनशील रूप से प्रोत्साहित करने की भी आवश्यकता है. पर्यटन मंत्रालय ने देश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्यनीति तैयार की हैजिस पर संबंधित मंत्रालयों और उद्योग हितधारकों के साथ परामर्श किया जा रहा है. मंत्रालय देश में ग्रामीण पर्यटन समूहों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करनेक्षमता निर्माणडिजिटीकरणग्रामीण पर्यटन उत्पादों के विपणन और पारिस्थितिकी पर्यटन उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करेगा. पर्यटन मंत्रालय ने ग्रामीण पर्यटन और पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने में मंत्रालय की सहायता के लिए भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान को केंद्रीय नोडल एजेंसी बनाया है. ग्रामीण पर्यटन और पारिस्थितिकी पर्यटन के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है.

कोविड -19 ने पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों की आय को बुरी तरह प्रभावित किया है. इस क्षेत्र में रोज़गार सृजन के बारे में मंत्रालय की क्या  योजना  हैं?

रोज़गार सृजन पर्यटन क्षेत्र की एक प्रमुख विशेषता हैऔर महामारी के बाद हम जैसे-जैसे पर्यटन क्षेत्र के विकास में तेजी लाते हैंयह देश में रोज़गार के नए अवसर पैदा करेगा. विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि पर्यटन उद्योग में 10 लाख रुपये का निवेश कर लगभग 80 नौकरियां पैदा की जा सकती हैं जो किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में अधिक हैं. विदेशी पर्यटकों के अलावा भारत में घरेलू पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. पर्यटन मंत्रालय देश में पर्यटन उद्योग के विकास को गति प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों और उद्योग के साथ मिलकर काम कर रहा है. इससे विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में रोज़गार सृजन होगा. यहां भारी मात्रा में नवाचार और एक बड़ा उद्यमशील समुदाय है जो पर्यटन उद्योग पर दांव लगाने को तैयार है. हमारा उद्देश्य इस समुदाय को नीतिगत स्पष्टता और एक कुशल प्रतिभा पूल प्रदान करना है. पर्यटन मंत्रालयअपने संस्थानों और अन्य मंत्रालयों के माध्यम सेयुवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान करनेउनकी रोज़गार क्षमता बढ़ाने और पर्यटन तथा आतिथ्य उद्योग में कौशल की कमी को दूर करने के लिएपहले से कार्यरत लोगों को फिर से कौशल प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है. दो और तीन स्तरीय गंतव्यों को विकसित करने पर फोकस के साथ दूरस्थ और दूर-दराज के स्थानों पर भी रोज़गार के अवसर सुनिश्चित किए जाएंगे. हम आतिथ्य क्षेत्र की ब्रांड छवि को बढ़ाने और क्षेत्र के भीतर कौशल की बेहतर अवधारणा सुनिश्चित करने के लिए कुछ क्षेत्र-विशिष्ट शैक्षणिक संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के टैग की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिए भी विचार कर रहे हैं.

क्या आप भी कोविड चुनौती को अवसर में बदलने के लिए चिकित्सा और वैक्सीन पर्यटन की ओर देख रहे हैं?

भारत चिकित्सा पर्यटन के लिए एक आकर्षक गंतव्य है और इसके लिए मंत्रालय की एक केंद्रित रणनीति है. कोविड-19 के बादभारत खुद को समग्र उपचार प्रदान करने वाले एक वेलनेस टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना चाहेगा. भारत को इस रूप में बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ब्रांड 'हील इन इंडिया शुरू कर रहा है. जहां तक टीकाकरण का सवाल हैइसके लिए अपने देश के लोगों को प्राथमिकता दी गई है. वैक्सीन पर्यटन की कोई योजना नहीं है.

तीर्थ पर्यटन और आध्यात्मिक सर्किट को बढ़ावा देने के लिए क्या विशेष प्रयास किए जा रहे हैं?

भारत गंगा नदी का घर है जो दुनिया का सबसे बड़ा तीर्थस्थल हैजहां हर साल 20 मिलियन से अधिक लोग डुबकी लगाते हैं. नमामि गंगे से बने अभिसरणों और अभियान के तौर पर नदी की सफाई से यह संख्या और बढ़ेगी.

भारत में बड़ी संख्या में तीर्थ और आध्यात्मिक स्थान हैं जैसे अमृतसर में स्वर्ण मंदिरतिरुपति में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर और माता वैष्णो देवी तीर्थ. ये बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों और आध्यात्मिक पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. यह देश की अनूठी ताकत और रणनीतिक अवसर है. 500 मिलियन वैश्विक बौद्ध और दक्षिण-पूर्व एशिया तथा पूर्वी एशिया में रहने वाली 90 प्रतिशत आबादी के बावजूदसारनाथ और गया के आसपास केंद्रित बौद्ध सर्किट भारत में आने वाले 0.005 प्रतिशत बौद्धों को आकर्षित करता है. पर्यटन मंत्रालय ने तीर्थ और आध्यात्मिक स्थलों के विकास के लिए एक विशेष योजना 'प्रसाद शुरू की है. बेहतर बुनियादी ढांचे और सेवाओं के साथबड़ी संख्या में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को  इन स्थानों की यात्रा के लिए आकर्षित किया  जा सकता है. पर्यटन मंत्रालय आईआरसीटीसी के साथ तीर्थ और आध्यात्मिक स्थलों को कवर करने वाली विशेष पर्यटक ट्रेनें चलाने के लिए भी काम कर रहा है.

कई देशों में विदेशी पर्यटकों के बारे में उदार नीतियां हैं. आगमन पर वीजा के मुद्दे पर मंत्रालय का क्या रुख है?

भारत ने 170 से अधिक देशों के लिए ई-पर्यटक वीजा की शुरुआत करके अपनी वीजा नीति को उदार बनाया है. ई-वीजा को कई देशों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और इसे प्राप्त करने वालों की संख्या बढ़ रही है. पर्यटन मंत्रालय वीजा व्यवस्था को उदार बनाने और इसे पूरी तरह से परेशानी मुक्त बनाने के लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर और भी उपाय करेगा.

'आजादी का अमृत महोत्सव के तहत नई पहल के बारे में बताएं.

हम 'आजादी का अमृत महोत्सव बड़े पैमाने पर मना रहे हैं. हमने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े 75 ऐतिहासिक स्थानों की पहचान की है और 'आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में इन्हें पर्यटन स्थलों के रूप में  बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. हम पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन की पूरी क्षमता के दोहन और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को यहां की संस्कृति के बारे में जानने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. मंत्रालयदुनियाभर से पर्यटकों को भारत आमंत्रित करने के लिए 15 अगस्त 2022 से 'विज़िट इंडिया ईयर शुरू करने की भी योजना बना रहा है ताकि वे भारत की अनूठी सांस्कृतिक तथा प्राकृतिक विरासत को देख-समझ सकें और भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के समारोहों का हिस्सा बन सकें.

अगले 15-20 वर्षों में भारतीय पर्यटन क्षेत्र किस दिशा में अग्रसर होगा?

भारतीय पर्यटन क्षेत्र का भविष्य बहुत अच्छा हैऔर हमारी दीर्घकालिक परिकल्पना भारत को दुनिया के शीर्ष संधारणीय और जिम्मेदार गंतव्यों में से एक बनाना है. संपर्कबुनियादी ढांचा और सर्वांगीण विकास में तेजी से प्रगति के साथदेश में पर्यटन का तेजी से बढ़ना तय है. पर्यटन क्षेत्र में संधारणीयता को बढ़ावा देनेपर्यटन क्षेत्र के डिजिटीकरण और दीर्घकालिक गंतव्य प्रबंधन की दिशा में रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथभारत पर्यटन में एक विश्व नेता के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है. भारत 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पर्यटन क्षेत्र की क्षमता का उपयोग करेगा.

(साक्षात्कारकर्ता आकाशवाणीनई दिल्ली में फ्रीलांस न्यूज एंकर हैं).

साक्षात्कारकर्ता : एस. रंगाबशियम

चित्र साभार: गूगल