भारतीय वायु सेना में कॅरिअर
अपनी प्रभुसत्ता-सम्पन्न ऊंचाईयों के एक रक्षक के रूप में अपनी मातृभूमि के सम्मान तथा गौरव के लिए स्वयं को समर्पित करने का एक अवसर है। एक श्रेष्ठतम तथा अत्यधिक नि:स्वार्थ व्यवसायियों - भारतीय वायु सेना से जुड़ें, जहां अपना श्रेष्ठ देने के लिए, अपने हवाई क्षेत्र की सीमाओं की सुरक्षा की आपकी शपथ, आपकी बहादुरी ‘निर्भीकता’ धैर्य एवं भावना की प्रत्येक कल्पनीय स्थिति में प्रतिदिन परीक्षा ली जाती है।
भारतीय वायुसेना में उन होनहार युवकों तथा युवतियों के लिए अवसर हैं जो अनंत आसमान में ऊंची उड़ान भरना चाहते हैं। भा.वा.से. में कॅरिअर आपको हवाई रक्षक, किसी भी चुनौती को स्वीकार करने के लिए तत्पर बनाता है। अपनी हवाई क्षमता को अंतरिक्ष शक्ति के रूप में हमारे बदलाव का एक महत्वपूर्ण अंग बनें।
क्या आप ऐसा व्यक्ति बनना चाहते हैं? यहां, हम भारतीय वायु सेना में कॅरिअर के अवसरों पर एक नजर डालते हैं।
उड़ान शाखा
ऊंची उड़ान का लक्ष्य
कल्पना करें ऐसी उड़ान की जो ध्वनि की गति से भी तीव्र हो, ऊंचे वृक्षों के ऊपर से गुजरे आसमान को गौरव के साथ छुए और अनन्वेषित क्षेत्रों में उतरें, ये सब कार्य आप एक वायु सेना पायलट के रूप में कर सकते हैं। आप शत्रुओं से लडक़र, सेना तथा नौसेना कार्रवाई के समर्थन में उड़ान भर कर, अग्रवर्ती चौकियों में सैन्य-दलों को पैरा-ड्रॉपिंग सप्लाई करके और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत सामग्री पहुंचाने या हताहत व्यक्तियों को ले जाने जैसे मिशन पूरे करके राष्ट्र की रक्षा कर सकते हैं।
भारतीय वायु सेना में एक लड़ाकू पायलट के रूप में आप 30 एम.के.आई., मिराज-2000, जैगुअर तथा मिग समूह जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू जहाज उड़ा सकते हैं। यदि आपका झुकाव परिवहन विमान उड़ाने की ओर है, तो हम आपको सी-117, सी-130जे, आई.एल.-76, आई.एल.-78 इत्यादि जैसे श्रेष्ठ विमान देते हैं। आप एक हेलिकॉप्टर पायलट भी बन सकते हैं और एम.आई.-17, एम.आई.-26, एम.आई.-35 हेलि-गनशिप आदि उड़ा सकते हैं।
उड़ान अधिकारी के रैंक में कमीशन प्राप्त करने के बाद एक उड़ान शाखा अधिकारी के रूप में आप एक स्क्वाड्रन पायलट के तौर पर उड़ान भरना प्रारंभ करते हैं। अनुभव एवं वरिष्ठता के साथ, आपकी भूमिका और दायित्व बढ़ते हैं, जिससे आप एक उड़ान अनुदेशक, उड़ान कमांडर, स्क्वाड्रन कमांडर और बाद में, एक स्टेशन कमांडर बनते हैं। अपने प्रदर्शन तथा वरिष्ठता के आधार पर आप एयर मार्शल और एयर-चीफ-मार्शल जैसे सर्वोच्च रैंक पर पदोन्नति प्राप्त कर सकते हैं।
तकनीकी शाखा
आपकी भविष्य-निर्माता
अपनी इंजीनियरी डिग्री पूरी करने के बाद, जब आप कोई चुनौतीपूर्ण कॅरिअर की तलाश करते हैं, तो आपको यह पता लगेगा कि केवल कुछ ही ऐसे संगठन हैं जो आपको एक पुरस्करणीय कॅरिअर तथा देश की सेवा करने का एक अवसर दे सकते हैं। भारतीय वायु सेना ही ऐसी एकमात्र संगठन है जो अपको अपनी तकनीकी शाखा में एक चुनौतीपूर्ण एवं पुरस्करणीय कॅरिअर तथा देश की सेवा करने का अवसर देती है।
इस संवर्ग में किसी कमीशन का अर्थ है अत्यधिक परिष्कृत विमानों एवं उपस्करों के संबंध में उन्नत प्रौद्योगिकियों का ज्ञान प्राप्त करना। यहां आप विमान, शस्त्र प्रणालियों, संचार तथा अन्य समर्थन-प्रणालियों के कार्यों से जुड़ेंगे। आप-भारतीय वायु सेना के एक भाग के रूप में श्रेष्ठ कार्रवाई तत्परता में व्यस्त होते हैं। किसी को भी पृथ्वी से लेकर आसमान तक सम्पूर्ण तकनीकी सुविधाओं के संबंध में संसाधनों के रखरखाव और निगरानी में सक्षम होना चाहिए। अपने भविष्य को व्यावसायिक प्रशिक्षण से सम्पन्न करें और सर्वोच्च गौरव की ऊंचाईयों पर पहुंचे।
एक तकनीकी शाखा अधिकारी के रूप में, वायु सेना में आप एक उड़ान अधिकारी का रैंक धारण करेंगे और सीधे इंजीनियरी कार्यों से जुड़ेंगे। सेवा तथा अनुभव बढऩे पर आपको कनिष्ठ अधिकारियों का पर्यवेक्षण करने और उन्हें प्रशिक्षण देने का अतिरिक्त दायित्व सौंपा जाता है। भारतीय वायु सेना, आपको विभिन्न पाठ्यक्रम तथा उच्च तकनीकी योग्यताएं देकर आपके कॅरिअर को नियोजित करता है, ताकि आप, इस क्षेत्र में श्रेष्ठ होने की अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।
ग्राउण्ड ड्यूटी शाखा
कार्य समर्थन प्रणाली
युद्ध की अत्यधिक विपरीत स्थितियों में व्यक्तियों तथा सामग्री का प्रबंधन करने वाली प्राचीन सेनाओं से उद्भूत प्रबंधन एवं प्रशासन विज्ञान नेतृत्व गुणवत्ता तथा मानव-कौशल में श्रेष्ठता की मांग करता है।
परिष्कृत जहाजों तथा शस्त्रों के अतिरिक्त, भारतीय वायु सेना में एक ऑपरेशनल सपोर्ट समूह है, जिसमें अत्यधिक प्रशिक्षित एवं योग्य व्यवसायी हैं जो परिचालन कार्यों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ग्राउण्ड ड्यूटी शाखाओं के अधिकारियों की, मानव, वित्त, सामग्री प्रबंधन, बेहतर मानव संसाधन विकास के लिए शैक्षिक सुविधाओं के सृजन तथा उनके किए उपस्कर, राशन और वस्त्रों की व्यवस्था करने की, महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मेट एवं ए.टी.सी./एफ.सी. शाखाओं में भी अधिकारी सुरक्षित उड्ययन, हवाई यातायात पर्यावरण नियंत्रण के लिए मौसम की स्थितियों का पता लगाने और योधी भूमिका में लड़ाकू जहाजों को समर्थन सेवा देने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
भारतीय वायुसेना में महिलाएं
सभी क्षेत्रों में महिलाओं की व्यापक सहभागिता के लिए सार्वजनिक मांग निरंतर बढ़ रही है। नई पीढ़ी को शामिल करके हम स्वयं को मजबूत करते हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी कर रही हैं, और रक्षा सेवा भी इससे अछूती नहीं है।
भारतीय वायु सेना, अपनी सभी शाखाओं अर्थात् उड़ान, तकनीकी एवं ग्राउण्ड ड्यूटी शाखाओं में महिलाओं के लिए अल्प सेवा कमीशन (एस.एस.सी.) देती है। उड़ान शाखा में भर्ती 14 वर्ष के लिए होती है और इस अवधि का विस्तार नहीं किया जाता तथा तकनीकी एवं ग्राउण्ड ड्यूटी शाखाओं में यह सेवा अवधि 10 वर्ष की होती है, जो सेवा करने की इच्छा, सेवा-आवश्यकताओं और रिक्तियों के उपलब्ध होने की शर्त पर 4 वर्ष आगे बढ़ाई जा सकती है। लेखा, शिक्षा तथा तकनीकी शाखाओं की अल्प सेवा कमीशन प्राप्त महिलाओं को, विभिन्न प्रशिक्षण संस्थापनाओं में, एक व्यापक तथा कठोर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम लेने के बाद, रिक्तियों, सेवा-आवश्यकताओं, उपयुक्तता, मैरिट तथा सेवा इच्छा होने के आधार पर स्थायी कमीशन देने पर विचार किया जा सकता है, महिला अधिकारी भारतीय वायु सेना में एक आकर्षक तथा चुनौतीपूर्ण कॅरिअर अपनाने के लिए तत्पर हैं। अपने सेवा-काल के दौरान वे विभिन्न व्यवसायिक चुनौतियों का सामना करती हैं। उन्हें देश भर में भारतीय वायु सेना संस्थापनाओं और स्क्वाड्रन में पालयट के रूप में तैनात किया जाता है। वे विभिन्न परिचालन स्थानों पर पृथ्वी तथा आसमान में विभिन्न शांति-काल कार्यों और संकट-कालीन अभ्यास करती हैं। अधिकांश महिला अधिकारियों ने न केवल अपने संबंधित व्यवसायों में अपने महत्व को प्रमाणित किया है, बल्कि स्काई डाइविंग पर्वातरोहण, पैरा-जम्पिंग आदि जैसे साहसिक खेलों की दुनिया में भी कदम रखा है।
आज की महिलाएं, जो पुरुषों की तरह ही, समान भार उठाने की इच्छुक हैं वे अपने मनचाहे लक्ष्य प्राप्त कर सकती हैं और भारतीय वायु सेना से बेहतर अवसर और क्या हो सकते हैं।
महिलाओं के लिए आयु तथा शैक्षिक योग्यता मानदण्ड वे ही हैं तो सभी शाखाओं में पुरुष उम्मीदवारों पर लागू होते हैं।
चयन-प्रक्रिया एवं चिकित्सा परीक्षा
चयन-प्रक्रिया विभिन्न प्रवेशों में लिखित परीक्षा के साथ प्रारंभ होती है। उड़ान शाखा के लिए सं.लो.से.आ. द्वारा एन.डी.ए. एवं सी.डी.एस.ई. प्रवेश के लिए लिखित परीक्षाएं ली जाती हैं। इसी तरह उड़ान (एस.एस.सी.) (तकनीकी एवं ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं) के लिए भारतीय वायु सेना द्वारा एक वायु सेना संयुक्त प्रवेश परीक्षा (ए.एफ.सी.ए.टी.) ली जाती है। लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने वालों को आगे की परीक्षा के लिए देहरादून, मैसूर, वाराणसी, गांधी नगर या कांचरापाड़ा में किसी वायु सेना चयन बोर्ड में बुलाया जाता है। एस.एस.सी. के दौरान, चरण-द्ब परीक्षा में पिक्चर परसेप्शन तथा विचार-विमर्श परीक्षा (पी.पी. एवं डी.टी.) शामिल होती हैं और सभी प्रवेशों के लिए चरण-द्ब में इंटेलीजेंस परीक्षा ली जाती है। चरण-द्ब में सफल होने वाले उम्मीदवार चरण-द्बद्ब परीक्षा देने के पात्र होते हैं। इस परीक्षा में मनोवैज्ञानिक परीक्षा, सामूहिक विचार-विमर्श तथा साक्षात्कार शामिल होता है। उड़ान शाखा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार पायलट एप्टीट्यूड बैटरी परीक्षा (पी.ए.वी.टी.) के लिए प्रशासित होते हैं।
अंतिम रूप से अल्प सूची में शामिल किए गए उम्मीदवारों को चिकित्सा परीक्षा के लिए या तो ए.एफ.सी.एम.ई., नई दिल्ली में या आई.ए.एम., बंगलुरू में बुलाया जाता है। ए.एफ.एस.बी. द्वारा अनुशंसित एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से योग्य घोषित उम्मीदवारों को, विभिन्न शाखाओं/उप-शाखाओं में उपलब्ध रिक्तियों की संख्या के आधार पर अखिल भारतीय मैरिट-सूची के क्रम में प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाता है।
वेतन एवं अनुलाभ:
कमीशन प्राप्त होने के बाद प्रारंभिक वेतन, वेतन-बैंड-3/ रु. 15600-39100 में ग्रेड वेतन रु. 5400/- एवं सैन्य सेवा वेतन (एम.एस.पी.) - रु. 6000/- के साथ निर्धारित किया जाता है और इसमें यथा लागू महंगाई भत्ता, परिवहन भत्ता एवं किट रखरखाव भत्ता भी शामिल होते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य भत्ते ड्यूटी की प्रकृति/तैनाती के स्थान के आधार पर लागू होते हैं, जिनमें उड़ान भत्ता, तकनीकी भत्ता, क्षेत्रीय सेवा भत्ता, विशेष प्रतिपूरक (पर्वतीय क्षेत्र) भत्ता, विशेष बल भत्ता, सियाचीन भत्ता, द्वीप समूह विशेष ड्यूटी भत्ता, टैस्ट पायलट एवं उड़ान परीक्षण, इंजीनियर भत्ता, दुर्गम्य क्षेत्र भत्ता एवं दूरवर्ती स्थान भत्ता शामिल हैं। अनुलाभों में सज्जित आवास, स्वयं तथा आश्रितों के लिए चिकित्सा सुविधाएं, यात्रा रियायत, कार एवं मकान क्रय ऋण, कैंटीन सुविधाएं, नि:शुल्क राशन, स्कूल शुल्क प्रतिपूर्ति, स्कूल परिवहन, उपदान, स्वयं के लिए जीवन-बीमा तथा पेंशनरी लाभ हकदारिता के अनुसार शामिल हैं।
*शैक्षिक योग्यता पर अधिक विवरण के लिए www.careerairforce.nic.in देखें
**आयु, प्रशिक्षण प्रारंभ होने वाले महीने के प्रथम दिवस के अनुसार।
***उच्च आयु-सीमा डी.जी.सी.ए. (भारत) द्वारा जारी वैध एवं चालू वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सी.पी.एल.) धारकों के लिए 26 वर्ष की आयु तक शिथिलनीय।
(अन्य शर्तें विज्ञापन के अनुसार होंगी)
पी.सी.-स्थायी कमीशन, एस.एस.सी.-अल्प सेवा कमीशन। कॅरिअर विवरण के लिए कोई भी व्यक्ति ‘दिशा’ कक्ष, वायु सेना मुख्यालय (वायु भवन), मोती लाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली-110106 से सम्पर्क कर सकता है।
टॉल फ्री नंबर: 1800-11-2448, फोन: 011-23013690, फैक्स ‘ 011-23017918,
ई-मेल career_iaf@bol.net.in, www.careerairforce.nic.in
स्पष्टीकरण:
(भारतीय वायु सेना योग्यता/आयु सीमा/अन्य मानदंडों में, यदि कोई परिवर्तन करना आवश्यक हो तो, परिवर्तन कर सकती है)
(सौजन्य: जन सम्पर्क निदेशालय, रक्षा मंत्रालय)।