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नौकरी फोकस


volume-7,18 - 24 May 2019

नई पीढ़ी के लिए

नवीन कृषि में कॅरियर

रुचि श्रीमाली

में लगता है कि खेती गरीबों और अशिक्षितों का व्यवसाय है. किसानों की स्थितियों और आत्महत्याओं की कहानियां इस मिथक की पुष्टि करती हैं. किंतु लोग अब यह अनुभव कर रहे हैं कि कृषि अब उन व्यक्तियों के हाथों में आ सकती है जो सुशिक्षित, सुप्रशिक्षित हैं और जिनका मन-मस्तिष्क सही दिशा में है.

इसके कुछ शानदार उदाहरण नीचे दिए गए हैं :-

सत्यजीत और आजिंक्य हांगे ऑर्गेनिक कृषि के माध्यम से ३ करोड़ रु. का कारोबार कर के सुर्खियों में हैं. दोनों भाइयों ने पुणे में एक एंग्लो-इंडियन बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई की, जब कि उनके पिता महाराष्ट्र के इंदापुर तालुका के भोडानी गांव में खेतों में कठिन परिश्रम करते थे. सत्यजीत और आजिंक्य ने पुणे विश्वविद्यालय से एम.बी.ए. की डिग्री प्राप्त की और जैविक (ऑर्गेनिक)  खेती के कार्य में आने से पहले लगभग एक दशक तक सिटी बैंक, एच.डी.एफ.सी., एच.एस.बी.सी. और डी.बी.एस. जैसे शीर्ष एन.एन.सी. बैंकों में कार्य किया. उन्हें सफलता आसानी से नहीं मिली. जबकि वे पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यवर्धक जैविक कृषि मॉडल को लोकप्रिय बनाना चाहते थे, उन्हें अपनी फसलों के बेहतर दाम प्राप्त करने के उपाय खोजने थे. उन्होंने एक नया किसान बाजार स्थापित किया और अपनी उपज को ग्राहक की चौखट तक ले जाकर बिचौलियों और खुदरा शृंखलाओं से छुटकारा दिलाया. आज, उनके ग्राहक आधार में कई बॉलीवुड हस्तियां और कुछ सबसे बड़े व्यवसायी टाइकून शामिल हैं.

प्रतिभा कृष्णा एक अन्य मिसाल हैं जिन्होंने उत्तराखंड के एक गांव में खेती करने के लिए बेंगलुरु की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी. उनका मकसद ग्रामीण महिलाओं को अपने परिवार को छोडक़र दूर के शहरों में जाए बिना पैसे कमाने में मदद करना था. प्रतिभा महिलाओं को बुनाई जैसे काम भी सिखाती हैं और शहरों मेंं उनके उत्पादों के लिए बाजार खोजने की योजना बनाती हैं ताकि उन्हें स्थिर आय अर्जित करने में मदद मिल सके.

अरविंद बेनीवाल ने दिल्ली के उत्तरी क्षेत्र में पल्ला गांव में २० एकड़ में स्ट्रॉबेरी फार्म स्थापित किया है. इस गांव के कई युवाओं ने विदेशी सब्जियों और फलों, गेेंहू, धान और यहां तक कि सुगंधित और औषधीय पौधों को उगाने के लिए खेती छोड़ दी है.

 नोएडा स्थित वकील अपर्णा राजगोपाल ने शहर के बाहरी इलाके में २० एकड़ के बीजोम ऑर्गेनिक फार्म एडं एनिमल सैंक्चुअरी की स्थापना की. सात राज्यों के किसानों की अपनी टीम के साथ, वह वर्षा जल संचयन और प्राकृतिक खेती और पर्माकल्चर की तकनीकों का उपयोग करके कई जैविक फसलें उगाती हैं. इनमें से कई फसलें देशी या हिरलूम किस्मों की होती हैं. बीजोम मानसिकता बदलने और पोषित जीवन जीने के जैविक तरीके को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है.

कृषि एक ऐसा पेशा है जहां आप पैसा कमा सकते हैं और साथ ही ग्रामीण भारत में उन लोगों पर प्रभाव डाल सकते हैं जो अब तक हमारे समाज में अलग-थलग हैं, अनपढ़, अशिक्षित हैं और अपनी कमजोर जीवन शैली से मुक्त नहीं हो पा रहें हैं. लेकिन कृषि केवल खेती के बारे में नहीं है. इस क्षेत्र के विभिन्न पहलु हैं. कृषि के विभिन्न पहलु जिनके लिए आप काम कर सकते हैं.

उत्पादन कृषि

जैसा कि नाम से पता चलता है, इस क्षेत्र में फसलों, फलों और सब्जियों के साथ-साथ पोल्ट्री और पशुधन का उत्पादन भी शामिल है. डेयरी खोलना, मांस बेचना, और बकरियों, भेड़, सूअर और यहां तक कि घोड़े का जनन करना- ये सभी उत्पादन कृषि के दायरे में आते हैं.

कृषि बिक्री और सेवा

उर्वरक, कीटनाशक, कृषि उपकरण और फसल बेचना बिक्रीश्रेणी के अंतर्गत आता है. कृषि से जुुड़ी सेवाओं में फसलों की धूल झाडऩा, भेड़-बकरी पालना, मवेशियों का अलंकरण और यहां तक कि पशु चिकित्सकों जैसी नौकरियों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है.

कृषि विपणन और व्यवसाय प्रबंधन

बिजनेस इकोनॉमिक्स का अध्ययन, सफल मार्केटिंग रणनीति और विकासशील बाजारों की अच्छी समझ किसी को भी कृषि और कृषि उत्पादों से संबंधित विभिन्न प्रकार के व्यवसाय स्थापित करने में मदद कर सकती है.

कृषि यांत्रिकी

इसमें कृषि इंजीनियरी, मशीनरी का रख-रखाव, वेल्डिंग का काम, इलेक्ट्रिकल वर्क और प्लंबिंग के साथ-साथ कृषि उत्पादों के उत्पादन और भंडारण के लिए भवनों का नियोजन और निर्माण शामिल है.

कृषि प्रसंस्करण

खाद्य विज्ञान का कृषि  विज्ञान से गहरा संबंध है. इसका अर्थ है कि कृषि स्नातक किसी भी तरह के खाद्य उद्योग में काम कर सकते हैं. निचले स्तरों पर, खाद्य उद्योग को संयंत्र श्रमिकों, कसाई, अंडे प्रोसेसर और कई अन्य कुशल और अकुशल प्रकार के श्रम की आवश्यकता होती है.

वानिकी

लकड़ी के उत्पादन और कटाई, वन प्रबंधन और पुन: वनरोपण कुछ ऐसे कॅरिअर विकल्प हैं जो आपको पसंद होंगे सामान्य भीड़ से दूर यदि आप हरे भरे परिवेश में रहने का सपना देखते हैं.

बागवानी

उद्यानिकी कॅरिअर में खेती और बागानों प्रबंधन से संबंधित नौकरियां शामिल हैं. इसमें ग्रीनहाउस और नर्सरी प्रबंधन, टर्फ प्रबंधन, फ्लोरीकल्चर और भूदृश्यांकन (बगीचों और विशाल हरे -भरे स्थान) शामिल हैं.

ग्रामीण मनोरंजन और प्राकृतिक संसाधन इस क्षेत्र में ज्यादातर टिकाऊ और नवीकरणीय संसाधनों के  साथ काम करना शामिल है. वन्यजीव, पानी और मिट्टी से संबंधित कॅरिअर इस श्रेणी में आ सकते हैं.

जो लोग कुछ अलग करना चाहते हैं उनके लिए कृषि कॅरिअर

एग्री -टेक एंटरप्रेन्योर : आजकल, एक स्वस्थ और टिकाऊ खाद्य आपूर्ति का उत्पादन करने के लिए अभिनव, रचनात्मक और पर्यावरण के अनुकूल समाधानों के साथ कई एग्री-टेक स्टार्टअप आ रहे हैं.

उदाहरण के लिए :

-              एग्रोस्टार, पुणे में 2013 में स्थापित, एक एम-कॉमर्स स्टार्टअप है जो किसानों को सीधे कृषि उत्पाद और समाधान बेचता है. इसकी अपनी फील्ड टीमें हैं जो गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के  २५,००० से अधिक गांवों को समय पर पैकेज देती हैं.

-              बेंगलुरू स्थित निंजाकार्ट दक्षिण भारत  में 3,000 से अधिक किसानों को चैन्ने, बेंगलुरु और हैदराबाद में लगभग 4,000 खुदरा विके्रताओं के साथ जोड़ता है ताकि 12 घंटों से भी कम समय में ताजा उत्पाद खेत से रिटेलर को पहुुंच सके.

-              2013 में स्थापित बॉम्बे हेम्प कंपनी, भांग के चिकित्सीय उपयोग की खोज कर रही है. इसने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के साथ साझेदारी की है. यह कपड़े बनाने में सहायता करने एवं मिर्गी और स्तन कैंसर के उपचार से संंबंधित दवाओं पर आरएंडडी का संचालन करने पर भी काम कर रही हैं.

-              स्टेलप्प्स डेयरी स्थल में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) अवधारणा और डेटा एनालिटिक्स को नियुक्त करते हैं. आईआईटी मद्रास में स्थापित, यह दूध की गुणवत्ता और मात्रा पर नज़र रखता है, मवेशियों के स्वास्थ्य पर नजऱ रखने के लिए पहनने योग्य उपकरण बनाता है और घर के मवेशियों के लिए बुनियादी ढांचे और डेयरी उत्पादों के भंडारण का कार्य देखता है.

उच्च तकनीक वाला किसान: जब आप समय, धन और ऊर्जा बचाने के लिए नवीनतम तकनीक और कृषि विधियों का उपयोग करते हैं, तो आप भारत में कृषि उपयोग को फिर से आकार देने वाले किसानों में से एक बन जाते हैं. उच्च तकनीक वाले किसानों में से कुछ तकनीकें हैं- एरोपोनिक्स, हाइड्रोपोनिक्स, ड्रोन का उपयोग करके अपनी फसलों का सर्वेक्षण करना और उपग्रहों को ट्रैक्टर चलाने के लिए उपयोग में लाना यहां कुछ उदाहरण हैं:

-              क्रॉपइन टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस ने क्लाउड-आधरित स्मार्टफार्मप्लेटफॉर्म पेश किया, जो दूर से फसल के नुकसान का पता लगा सकता है.

-              ट्रिम्बल इंस ने ग्रीनसीकरएक हस्त चालित उपकरण विकसित किया जो मिट्टी के पोषक तत्वों के स्तर को तुंरत पढ़ सकता है.

-              रॉबर्ट बॉश इंजीनियरिंग और बिजनेस सॉल्यूशंस सिंचाई टाइमिंग शेड्यूल करने के लिए एक आईओटी- आधारित प्रणाली प्रदान करता है.

भारत सरकार ने एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भी शुरू की, जहां किसान देश भर की प्रयोगशालाओं में अपनी इस मिट्टी के नमूनों का परीक्षण करवा सकते हैं और कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए किन फसलों की बुवाई और किन उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह प्राप्त कर सकते हैं.

कृषि एडवेंचरर :  जब आप सामान्य 9-5 की नौकरी में दिलचस्पी नहीं रखते हैं तो आप  एक एडवेंचरर बन जाते हैं. इस लेख की शुरुआत में हमने लगभग सभी लोगों का उल्लेख किया था जो अपने आप मेंं साहसी हैं. कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो हमेशा रहेगी और नवीन प्रौद्योगिकियां क्षेत्र में नए करियर और नए अवसर पैदा करती रहेंगी. आप हमेशा कुछ ऐसा करके इस बदलाव में योगदान कर सकते हैं, जिसमें आप वास्तव में आनंद लेते हैं.

कृषि पत्रकार : एक पत्रकार के रूप में, आप सरकारी योजनाओं, उद्योग नियमों, खाद्य उत्पादन विकल्पों, नई कृषि प्रौद्योगिकियों और उपकरणों एवं उद्योग में नवीनतम घटनाओं से संबंधित कुछ भी लिख सकते हैं. भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध कृषि पत्रकारों में राजेश सिंहा (जिंहोंने झारखंड के आदिवासी लोगों पर वन अधिकार अधिनियम के प्रभाव पर कहानियां शामिल की) और हरिकिशन शर्मा (जिन्होंने हरियाणा के मेवात क्षेत्र के बीपीएल परिवारों पर ग्रामीण स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभाव पर काम किया है) शामिल हैं.

प्रिंट और पैकेजिंग डिजाइनर : किराने की दुकानों और खुदरा विके्रताओं में प्रिंट और पैकेजिंग डिजाइनर उच्च मांग में हैं. इसलिए, यदि आप रचनात्मक हैं, तो आप कृषि उत्पादकों और खाद्य उद्योगपतियों के लिए पैकेजिंग डिजाइन कर सकते हैं.

भारत में कृषि पाठ्यक्रम जो आप कक्षा 12 के बाद कर सकते हैं

प्रमाणपत्र कार्यक्रम

सबसे छोटा कृषि पाठ्यक्रम जो कक्षा 10 या कक्षा 12 के बाद चुन सकते हैं वे सर्टिफिकेट प्रोग्राम हैं जिनकी अवधि आमतौर पर एक से दो वर्ष होती है. अधिकांश लोकप्रिय प्रमाणपत्र कार्यक्रम बागवानी, फलों की खेती, एक्वाकल्चर, मछली पालन, मधुमक्खी पालन और फलों के उत्पादन में प्रस्तुत किए जाते हैं.

डिप्लोमा पाठ्यक्रम

अधिकांश डिप्लोमा कोर्स तीन वर्ष के होते हैं लेकिन उनमें से कुछ की अवधि एक से तीन वर्ष हो सकती है. कक्षा   10 या कक्षा 12 के बाद ये कोर्स कर सकते हैं (पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थान द्वारा परिभाषित पात्रता मानंदडों के आधार पर). अधिकांश लोकप्रिय डिप्लोमा पाठ्यक्रम जो लोग चुनते हैं, वे कृषि, डेयरी प्रौद्योगिकी, फूलों की खेती, खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी के क्षेत्र में हैं.

स्नातक कार्यक्रम

किसी भी विधा के छात्र जिन्होंने न्यूनतम निर्दिष्ट मानदंडों के साथ अपनी कक्षा 12 पूरा कर ली है, वे कृषि प्रबंधन में बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्टे्रशन) का विकल्प चुन सकते हैं. कोर्स की अवधि तीन वर्ष है.

जिन छात्रों ने विज्ञान विधा (विशेषकर फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी (पीसीबी) या मैथ (पीसीएमबी) के साथ पीसीबी) के साथ अपनी कक्षा 12 पास कर ली है, वे कृषि, डेयरी सांइस, प्लांट सांइस, कृषि जैव प्रौद्योगिकी, कृषि और खाद्य विज्ञान, बागवानी, पादप रोग विज्ञान, मत्स्य विज्ञान या वानिकी में बीएससी (बैचलर ऑफ साइंस) का विकल्प चुन सकते हैं. बी.एससी कार्यक्रम 3 वर्ष की अवधि के होते हैं.

जिन छात्रों ने साइंस विधा (विशेषकर फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ (पीसीएम) के साथ 12 कक्षा उत्तीर्ण की है, वे बी.ई. या कृषि इंजीनियरिंग, कृषि सूचना प्रौद्योगिकी, डेयरी प्रौद्योगिकी, कृषि और डेयरी प्रौद्योगिकी, या कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में बी.टेक पाठ्यक्रम कर सकते हैं. कभी-कभी, पीसीएमबी या पीसीबी विधा वाले छात्रों को उनके अकादमिक रिकॉर्ड और प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर इन कार्यक्रमों में प्रवेश दिया जा सकता है. बी.ई. और बी.टेक कार्यक्रम आम तौर पर 4 वर्ष के होते हैं.

कृषि का अध्ययन कहां करें?

भारत में लगभग 400 शैक्षणिक संस्थान कृषि (और संबंधित क्षेत्रों) में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाते हैै. भारत में कृषि का अध्ययन कराने वाले कुछ सर्वोत्तम संस्थान हैं :

1.                   भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली

2.                   तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय कोयंबटूर

3.                   केंद्रीय कृषि संस्थान , भोपाल

4.                   अनबिल धर्मलिंगम कृषि महाविद्यालय और अनुसंधान संस्थान, तिरुचिरापल्ली,

5.                   भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली,

6.                   राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल,

7.                   कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एडं टेक्नोलॉजी , कोच्चि

8.                   केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान , मुंबई,

9.                   नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज, लखनऊ,

10.                भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून

आप जिस विशेष क्षेत्र में रुचि रखते हैं, उसके आधार पर, अपने लिए सबसे अधिक प्रासंगिक पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थानों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की तलाश कर सकते हैं.

क्या कृषि मेरे लिए कॅरियर का सही विकल्प है?

यह किसी और के लिए सबसे कठिन प्रश्न है. आपको अपनी पसंद खुद बनाने की जरूरत है. फिर भी, हम उन कुछ कौशलों और विशेषताओं पर चर्चा करेंगे जो एक कृषि विशेषज्ञ को क्षेत्र में सफल होने के लिए होनी चाहिए.

विज्ञान और गणित से लगाव

यदि आप विज्ञान का अध्ययन करना पंसद करते हैं और गणित करते हैं और पौधों, पशुओं और मिट्टी के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हैं, तो कृषि आपके लिए सही क्षेत्र है. खेती, पशुपालन और अन्य कृषि पद्धतियों के साथ, आप नवीनतम तकनीकों का भी अध्ययन करेंगे, जिनके लिए बहु विधाओंं के ज्ञान की आवश्यकता होगी.

आज, कृषि का क्षेत्र एक उच्च तकनीक और तेजी से पनप रहे उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है. भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान के साथ, संख्याओं से खेलने का कौशल और वित्त या प्रबंधन में कुछ प्रशिक्षण आपको सफलता की राह पर ले जा सकते हैं.

अनुकूलन क्षमता

जब आप कृषि का अध्ययन करते हैं, तो आपकों अनुकूल होने की आवश्यकता  होती है. कक्षा में मिट्टी परीक्षण के बारे में सीखना खेतों में जाने और किसानों के लिए मिट्टी के नमूनों का परीक्षण करने से  काफी भिन्न हो सकता है जो एक फसल के लाभकारी मौसम के लिए आपके मूल्यांकन पर निर्भर करते हैं. इसके अलावा, आपकों जल्दी से सोचने और  उद्योग में समाधान के साथ आने की आवश्यकता है जहां उपभोक्ता की मांगों में लगातार बदलाव आ रहा है, हर दिन नए तरीके और तकनीकी नवाचार-नवप्रवर्तन लाए जा रहे हैं, और नई बाधाएं और चुनौतियां सामने खड़ी होती हैं.

संचार और अंतर-वैयक्तिक कौशल

चाहे आप अपना खुद का कृषि व्यवसाय स्थापित करें या एक नियोक्ता के लिए काम करें, आपको किसानों, विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं और उपभोक्ताओं से सीधे निपटने के लिए अच्छे संचार कौशल की आवश्यकता होगी.

औपचारिक और अनौपचारिक वार्तालाप को कुशलता से संभालने के साथ-साथ बात करने की क्षमता इस उद्योग में जरूरी है. जहां आपको नियमित आधार पर सरकार और नियामक निकायों से निपटना पड़ता है.

चाहे वह बिक्री, ब्रांड निर्माण और विज्ञापन, जनसंपर्क या प्रबंधन हो, एक सफल कृषि व्यवसाय चलाने का प्रत्येक पहलु प्रभावी और कार्य-नीति संचार पर निर्भर करता है.

अंत में, आपको सामान्य रूप से समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और पूरा करने के लिए तैयार होना चाहिए.

रुचि श्रीमाली एक कॅरिअर कांउसलर हैं ईमेल: rruchi shrimalli@gmail.com व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.

(छायाचित्र: गूगल से साभार)