पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में कॅरिअर
विजय प्रकाश श्रीवास्तव
ज्ञान ही शक्ति है. पुस्तकालयों को ज्ञान का भंडार कहा जा सकता है. अर्थव्यवस्थाओं का आकार बदलता रहता है और अर्थव्यवस्थाओं को कई प्रकार से अभिलक्षित किया जाता है. आज की अर्थव्यवस्था को ज्ञान अर्थव्यवस्था कहा जाता है. विश्व बैंक के अनुसार, ज्ञान अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था है जो अपनी प्रगति और विकास को बढ़ाने के लिए ज्ञान का निर्माण, प्रसार और उपयोग करती है. अंतरराष्ट्रीय तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्र ज्ञान अर्थव्यवस्था को एक ऐसी अर्थव्यवस्था के रूप में परिभाषित करता है जो भौतिक संसाधनों की अपेक्षा ज्ञान और विचारों से अधिक संचालित होती है. मानव मस्तिष्क एक सृजनकर्ता होने के साथ-साथ ज्ञान का भंडार भी है. कई मामलों में यह ज्ञान दूसरों को भाषण, लेखन आदि के रूप में उपलब्ध कराया जाता है. प्राचीन ज्ञान एवं प्रज्ञता को महर्षि व्यास, खलील जिब्रान और उनके जैसे कई अन्य व्यक्तियों की रचनाओं में पाया जा सकता है. ये रचनाएं पुस्तक और पांडुलिपियों आदि के रूप में उपलब्ध हैं. समकालीन दुनिया में जहां प्रौद्योगिकी का दबदबा है, ज्ञान को वीडियो, ब्लॉग, पॉडकास्ट आदि के माध्यम से भी साझा किया जाता है. संस्थान भी अपने व्यक्तियों द्वारा उपयोग हेतु ज्ञान का अपना भंडार सृजित करते हैं. पुस्तकालय एक ऐसा स्थान है जहां आप पुस्तकों, पत्रिकाओं और ज्ञान के विभिन्न स्रोतों का संग्रह पाते हैं. छात्रों के रूप में हम इन पुस्तकालयों का नियमित रूप से उपयोग कर रहे होंगे. छात्र अपने संस्थान को जो शुल्क देते हैं, उसमें पुस्तकालय शुल्क भी शामिल होता है. विशेष रूप से उच्च अध्ययन और शोध में, पुस्तकालय अत्यधिक महत्वपूर्ण आधार बन जाते हैं, क्योंकि किसी व्यक्ति द्वारा सीमित संख्या में ही पुस्तकें खरीदी जा सकती हैं. पुस्तकालयों में किसी विशेष विषय पर बड़ी संख्या में पुस्तकें मिल सकती हैं. हम पुस्तकालयों का उपयोग अपने ज्ञान में अभिवृद्धि करने और संदर्भ संग्रह करने के लिए करते हैं, किन्तु हम में से कुछ लोग इनमें कार्य करने का भी सोच सकते हैं. सूचना एवं पुस्तकालय विज्ञान में कॅरिअर पुस्तकों और अन्य ज्ञान संसाधनों के भंडार में कार्य करने और उनका प्रबंधन करने का अवसर प्रदान करता है.
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में क्या शामिल है
जब आप किसी पुस्तकालय में जाते हैं, तो आपको एक विशेष तरीके से सुव्यवस्थित पुस्तकों का संग्रह और एक ऑनलाइन या ऑफलाइन कैटलॉगिंग सिस्टम दिखाई देता है जो विशेष पुस्तकों की उपलब्धता और पुस्तकालय में उनके स्थान का पता लगाने में सहायता करता है. किन्तु पुस्तकालय विज्ञान केवल इन्हीं तक सीमित नहीं है. वास्तव में, इस विषय का व्यापक दायरा है जो इसे स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययन का एक पूर्ण विषय बनाता है. इस विषय के छात्र के रूप में आप कई सैद्धांतिक और प्रायोगिक अभिविन्यस्त विषयों से गुजरेंगे, जैसे समाज में सूचना एवं पुस्तकालयों की भूमिका, सूचना की विशेषताएं, प्रकृति, उपयोग एवं मूल्य, डेटा, ज्ञान एवं सूचना के बीच अवधारणात्मक अंतर, पुस्तकालय वर्गीकरण के दृष्टिकोण, पुस्तकालयों के प्रकार (अकादमिक, सार्वजनिक, विशेष पुस्तकालय, आदि), पुस्तकालयों के विभिन्न प्रारूप (जैसे भौतिक, आभासी एवं डिजिटल), पुस्तकालय संसाधनों का संगठन, पुस्तकालय पुस्तकों एवं पत्रिकाओं आदि का प्रसूचीकरण, संदर्भ एवं सूचना संसाधन और उनके प्रकार/श्रेणियां, पुस्तकालयों में सूचना प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग- पुस्तकालयों के लिए हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर, पुस्तकालय स्वचालन की अवधारणा एवं अनुप्रयोग, पुस्तकालयों में वेब आधारित संचार प्रणाली, पुस्तकालय विधान, ग्रंथपरक मानक, पुस्तकालय सामग्री का संरक्षण, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में उभरती प्रवृतियां, इत्यादि.
पाठ्यक्रम उपलब्धता
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान को केवल एक अकादमिक विषय नहीं माना जाना चाहिए. वास्तव में, यह विशिष्ट अध्ययन युक्त एक व्यावसायिक क्षेत्र है, जो व्यक्तियों को एक व्यावसायिक कॅरिअर के लिए तैयार करता है. पुस्तकालय विज्ञान का अध्ययन विभिन्न स्तरों पर किया जा सकता है. 3 से 6 माह तक के सर्टिफिकेट कोर्स और 6 माह से एक वर्ष तक की अवधि वाले डिप्लोमा कोर्स होते हैं. आप आमतौर पर 10+2 के बाद ऐसे पाठ्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं. सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के संस्थानों द्वारा संचालित सर्टिफिकेट और डिप्लोमा योग्यता निजी क्षेत्र में नौकरी पाने के लिए काफी उपयोगी हैं. ऐसी योग्यता के साथ, प्रारंभ में आपकी भूमिका एक पुस्तकालय सहायक की हो सकती है.
इस विषय में कम से कम स्नातक की डिग्री उन व्यक्तियों के लिए उपयोगी मानी जाती है जो पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में दीर्घकालिक कॅरिअर बनाने की योजना बना रहे हैं, विशेष रूप से सरकारी क्षेत्र में. एलएलबी की तरह, पुस्तकालय विज्ञान में डिग्री केवल वे ही प्राप्त कर सकते हैं जो पहले से ही स्नातक हैं. आमतौर पर स्नातक का विषय कोई मायने नहीं रखता है, हालांकि कुछ संस्थानों द्वारा स्नातक में न्यूनतम अंकों का मानदंड लागू किया जा सकता है.
प्रत्येक राज्य और कई संघ राज्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में महाविद्यालय और विश्वविद्यालय पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्रदान करते हैं. कई महिला महाविद्यालय भी इसकी पेशकश करते हैं. उज्ज्वल कॅरिअर संभावनाओं के इच्छुक इसमें स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को चुन सकते हैं जो अधिकतर विश्वविद्यालयों में एक वर्ष की अवधि वाला है, सिवाय ऐसे कुछ विश्वविद्यालयों के जो इसे 2 वर्षीय पाठ्यक्रम के रूप में संचालित करते हैं. यह स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पुस्तकालय विज्ञान में स्नातकों के लिए खुला है. प्रवेश योग्यता या लिखित परीक्षा के आधार पर होता है. भारत के अधिकांश विश्वविद्यालयों में इन पाठ्यक्रमों के संचालन और प्रशासन के लिए सूचना एवं पुस्तकालय विज्ञान विभाग है.
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले विश्वविद्यालयों की एक सांकेतिक सूची नीचे दी गई है-
· दिल्ली विश्वविद्यालय
· गुजरात विश्वविद्यालय
· कल्याणी विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल
· गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा
· आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम
· उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
· हैदराबाद विश्वविद्यालय
· महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय बड़ौदा
· देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर
· कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़
· भरतियार विश्वविद्यालय, कोयंबटूर
· महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक
· बैंगलोर विश्वविद्यालय
· पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
· तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर
· जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली
· मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर
· संबलपुर विश्वविद्यालय
· डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
· बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी
· रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर
· बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पाण्डुलिपि विज्ञान एवं पुरालिपि विद्या में एमए पाठ्यक्रम है.
कई निजी विश्वविद्यालयों ने भी अपनी पेशकश में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के पाठ्यक्रमों को शामिल किया है.
पुस्तकालय विज्ञान में दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं. ये विषय के सबंध में किसी व्यक्ति के ज्ञान और समझ में सुधार करने के लिए अच्छे हो सकते हैं. हालांकि, अधिकांश नौकरियों के लिए पूर्णकालिक पाठ्यक्रम की अपेक्षा होती है, इसलिए एक नियमित पाठ्यक्रम को हमेशा वरीयता देनी चाहिए.
अनुसंधान के अवसर
पुस्तकालय विज्ञान से संबंधित विषयों के साथ एम.फिल. और पीएच.डी. भी किया जा सकता है. वास्तव में, सूचना उपलब्धता, तकनीकी हस्तक्षेप और व्यक्तियों की बदलती प्राथमिकताओं के संदर्भ में जिस तरह से चीजें बदल रही हैं, उसे देखते हुए नए शोध और अन्वेषण की आवश्यकता है. भारतीय और विदेशी दोनों स्तर के संस्थानों में अनुसंधान के अवसरों का पता लगाया जा सकता है. छात्रवृत्ति आधारित शोध के अवसर भी उपलब्ध हैं. आपको अच्छी प्रतिष्ठा वाले ऐसे संस्थान का चयन करना चाहिए, जो सुसज्जित हो और उचित शुल्क वसूल करे. कुछ निजी संस्थानों ने पाठ्यक्रम शुल्क बहुत अधिक रखा है, हालांकि उनके द्वारा प्रस्तुत मूल्य उनके वांछित होने के लिए बहुत कुछ छोड़ देता है. इसलिए सलाह.
आपके कार्य
पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में आपका काम विभिन्न सूचना संसाधनों का प्रबंधन करना और इन संसाधनों को उन व्यक्तियों को उपलब्ध कराना है जिन्हें उनकी आवश्यकता है. कनिष्ठ स्तर पर आप सूचना संसाधनों (अधिकतर पुस्तकें, समाचार-पत्र और पत्रिकाएं) का वर्गीकरण, प्रसूचीकरण, भंडारण और पुनर्प्राप्ति करेंगे. वरिष्ठ स्तर पर आपसे ऐसे कार्य की निगरानी करने की अपेक्षा हो सकती है. सूचना संसाधनों को समृद्ध करना भी आपके कार्य में शामिल है. अत:, आपको यह पता लगाना होगा कि कौन सी नई पुस्तकें, पत्रिकाएं, आदि आ रही हैं जिन्हें आपके पुस्तकालय में शामिल किया जा सकता है. यह सीडी, डीवीडी, वीडियो संकलन जैसे डिजिटल संसाधनों पर भी लागू होता है. ऐसे मामलों में आपको पाठकों और अन्य हितधारकों से सिफारिशें भी लेनी होंगी. आप पुस्तकालय के लिए बजट तैयार करने/अनुमान में सहायता करेंगे और सबसे महत्वपूर्ण रूप से पुस्तकों आदि की खरीद की व्यवस्था करेंगे.
कॅरिअर विकास
आप कनिष्ठ या सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में कार्य करना प्रारंभ कर सकते हैं. अनुभव और संभवत: उच्च योग्यता के साथ आप या तो उसी संगठन में या किसी अन्य में शामिल हो कर वरिष्ठ पदों पर जा सकते हैं. कुछ मामलों में, भूमिका प्रकाशन से भी संबंधित हो सकती है.
कहां कार्य करने की संभावना है
इसमें योग्य व्यक्तियों के लिए, सभी प्रकार के शैक्षणिक संस्थानों में अधिकतम अवसर मिल सकते हैं- स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, प्रमुख अखिल भारतीय संस्थान जैसे कि भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और अन्य, व्यावसायिक शिक्षा संस्थान जैसे प्रबंधन, विधि और इंजीनियरिंग कॉलेज तथा अन्य विशिष्ट संस्थान जैसे इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त अर्थशास्त्र शोध संस्थान, आदि. हमारे देश में सरकारी संगठन, जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रक्षा अनुसंधान विकास संस्थान, विभिन्न अन्य बड़े शोध संस्थान अपने महत्वपूर्ण ज्ञान आधार का प्रबंधन करने के लिए पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति करते हैं. कुछ उदाहरण केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और राष्ट्रीय अनुप्रयक्त अर्थशास्त्र शोध परिषद्, आदि हो सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड, भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स जैसे नियामकों और अन्य राष्ट्रीय निकायों जैसे कि भारतीय बैंक प्रबंधन संस्थान, राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान, आदि के पास भी कार्य के अवसर उपलब्ध हो सकते हैं.
लोकसभा एवं राज्यसभा के अपने पुस्तकालय हैं, और राज्य विधायी निकायों, उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में भी ऐसा ही है.
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना की गई है. ऐसे पुस्तकालय सामान्यत: बड़े पैमाने पर होते हैं. एक उदाहरण दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी का है जिसने हाल ही में पुस्तकालयाध्यक्षों की कई रिक्तियों के लिए विज्ञापन दिया था. आप में से कुछ को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता और एशियाटिक लाइब्रेरी, मुंबई में भी काम मिल सकता है.
इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ई-लर्निंग मॉड्यूल विकसित करने और महत्वपूर्ण पुस्तकों का डिजिटलीकरण करने के लक्ष्य के साथ इंर्फोमेशन एंड डॉक्यूमेंटेशन सेंटर (लाइब्रेरी) की शुरुआत की है. इस मंत्रालय ने भारत शिक्षा एवं अनुसंधान नेटवर्क, ईआरएनईटी, के माध्यम से एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना का निर्णय लिया है. आवश्यकताओं की घोषणा किये जाने पर व्यक्ति ऐसी परियोजनाओं से जुड़ने की आशा कर सकते हैं.
केंद्र सरकार के कई विभाग सरकारी क्षेत्र से प्रतिनियुक्ति पर योग्य व्यक्तियों को लेकर पुस्तकालय पेशेवरों की नियुक्ति करते हैं.
टीवी चैनल्स और प्रिंट मीडिया प्रतिष्ठानों में, पुस्तकालयाध्यक्ष भौतिक और डिजिटल दोनों तरह की सूचना सामग्री का प्रबंधन करते हैं. दूतावासों और उच्चायोगों के भी अपने पुस्तकालय हैं. ऐसे कतिपय मिशनों ने ऐसे पुस्तकालय स्थापित किए हैं जो सदस्यता के आधार पर जनता के लिए खुले हैं. कुछ शहरों में अपनी शाखाओं के साथ ब्रिटिश पुस्तकालय और अमरीकी पुस्तकालय प्रसिद्ध हैं. साथ ही, कई देश अन्य देशों में अपने सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करते हैं जिनमें पुस्तकालय भी शामिल हो सकता है. नई दिल्ली और हमारे देश के कुछ अन्य महानगरों में कुछ ऐसे केंद्र हैं जहां पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अवसर मिल सकते हैं.
चूंकि पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थान बहुत सारे हैं, इसलिए इस विषय के शिक्षण में भी पर्याप्त गुंजाइश है. जो लोग उच्च कक्षाओं को पढ़ाने के इच्छुक हैं, वे यूजीसी-नेट में अर्हता प्राप्त करने के लिए अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
डिजिटल पुस्तकालय
जैसे-जैसे दुनिया पर तकनीक हावी हो रही है, पुस्तकालय भी डिजिटल माध्यम खोज रहे हैं. पुस्तकालय एवं सूचना प्रबंधक के रूप में आपको इस डिजिटल भाग में कुछ समय बिताना पड़ सकता है. आपमें से कुछ व्यक्ति पूरी तरह से डिजिटल पुस्तकालयों से जुड़ सकते हैं. जादवपुर विश्वविद्यालय में डिजिटल पुस्तकालय में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एम.ए. नामक एक पाठ्यक्रम है.
यह ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे पेशेवरों के लिए रिक्तियां थोक में विद्यमान नहीं होती हैं. इसलिए आपको बड़ी संख्या में पुस्तकालयाध्यक्षों की आवश्यकता वाला एक भी विज्ञापन नहीं मिलेगा. अधिकतर विज्ञापन एक या दो पदों के लिए होंगे. किन्तु ऐसे विज्ञापनों की संचयी संख्या के साथ, अवसर कई गुना बढ़ जाते हैं. स्थिति स्पष्ट करने के लिए इस तथ्य का उल्लेख किया गया है.
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में नौकरी के अवसर सदैव सुयोग्य व्यक्तियों के लिए विद्यमान होते हैं क्योंकि अधिकतर संस्थानों, विशेष रूप से सरकारी संस्थानों, में केवल पेशेवर रूप से अर्हता प्राप्त व्यक्तियों को ही पुस्तकालयाध्यक्षों एवं सूचना प्रबंधकों के रूप में नियुक्त किए जाने की अपेक्षा की जाती है.
संबंधित कॅरिअर
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान की पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति ई-लर्निंग कंपनियों, कंटेंट डेवलपर्स, व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, आदि में अवसर प्राप्त कर सकते हैं. आपको डेटाबेस प्रबंधक, पुस्तक संरक्षक, आदि के रूप में भी काम मिल सकता है.
कौशल जो सहायता करेंगे
जो व्यक्ति शब्दों और चित्रों की शक्ति की सराहना करते हैं, उनके लिए पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में कॅरिअर अधिक सुखद है. कॅरिअर में सफल होने के लिए आपको व्यवस्थित दृष्टिकोण, संगठन क्षमता, धैर्य (प्रश्नों से निपटने के लिए) और व्यक्तियों की सहायता करने की इच्छा रखने की आवश्यकता है. चूंकि दुनिया धीरे-धीरे डिजिटलीकरण और ई-बुक्स आदि की ओर बढ़ रही है, इसलिए प्रौद्योगिकी के साथ कुछ आत्मीयता निश्चित रूप से मदद करने वाली है. आपको इंटरनेट का उपयोग करने में दक्ष होना चाहिए (पुस्तकें, पत्रिकाएं और प्रकाशक, आदि खोजने के लिए).
यह समझना महत्वपूर्ण है कि पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में कॅरिअर का आशय यह नहीं है कि आप अनिवार्य रूप से किसी भौतिक पुस्तकालय में बैठे रहेंगे और इसका प्रबंधन करेंगे. यह विभिन्न रूपों में ज्ञान एवं सूचना का अन्वेषण करने और उन्हें व्यवस्थित करने का कॅरिअर है. इस कॅरिअर के माध्यम से आप ज्ञान अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में योगदान करते हैं.
(लेखक वरिष्ठ कॅरिअर सलाहकार हैं. उनसे v2j25@yahoo.in पर संपर्क किया जा सकता है).
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं
चित्र साभार: गूगल