नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में कॅरिअर
निधि प्रसाद
आंखें न केवल देखने का प्रमुख कार्य करती हैं बल्कि व्यक्ति के जीवन का अंधेरा दूर कर उसमें रंग भरती हैं. इन्हें व्यक्ति की आत्मा का दर्पण भी माना जाता है. दृष्टिमिति (ऑप्टोमेट्री) दृष्टि को मापने का एक पेशा है.
नेत्र विज्ञान क्या है?
नेत्र विज्ञान (ऑप्थेल्मोलॉजी) एक चिकित्सा शाखा है जो आंखों के निदान और उपचार से संबंधित है. 'ऑप्थेल्मोलॉजी शब्द ग्रीक भाषा से आया है, इसमें 'ऑप्थेल्मोस का अर्थ 'नेत्र और 'ल्यूक का अर्थ 'चिकित्सक है. यह मानव नेत्र की कार्यिकी एवं रचना से संबंधित रोगों के लिए औषधीय और शल्य चिकित्सा समाधान दोनों को संभालता है.
नेत्र रोग विशेषज्ञ कौन होता है?
नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑप्थ्ेाल्मोलॉजिस्ट) नेत्र विकारों के निदान और उपचार में विशेषज्ञता रखने वाला चिकित्सक होता है. नेत्र रोग विशेषज्ञ ऑप्टोमेट्रिस्ट और ऑप्टिशियन से प्रशिक्षण के स्तर और इस आधार पर भिन्न होते हैं कि वे किसका उपचार कर सकते हैं. अत:, विभिन्न प्रकार के नेत्र देखभाल पेशेवर हैं: ऑप्टोमेट्रिस्ट, ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट और इन नेत्र देखभाल प्रदाताओं के बीच तीसरा 'ओ अर्थात ऑप्टिशियन.
ऑप्टोमेट्रिस्ट: ऑप्टोमेट्रिस्ट दृष्टि और स्वास्थ्य समस्याओं दोनों के लिए आंखों की जांच करते हैं, और चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस निर्धारित करके अपवर्तक त्रुटियों को ठीक करते हैं. कुछ ऑप्टोमेट्रिस्ट अल्प दृष्टि देखभाल और दृष्टि चिकित्सा भी प्रदान करते हैं. वे रोगियों के लिए चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस निर्धारित करने से लेकर आंखों की समस्याओं और रोगों के निदान तक सब कुछ करते हैं. यदि आप किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट) द्वारा आंखों की सर्जरी करवाते हैं, तो ऑप्टोमेट्रिस्ट ऑपरेशन के पूर्व और बाद आपकी आंखों की देखभाल का हिस्सा होते हैं.
ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट: ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट (नेत्र रोग विशेषज्ञ) एक ऐसा चिकित्सक (मेडिकल डॉक्टर) होता है जो नेत्र और दृष्टि देखभाल में विशेषज्ञ होता है. नेत्र रोग विशेषज्ञों (ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट्स) को नेत्र परीक्षण करने, रोग का निदान और उपचार करने, दवाएं लिखने और नेत्र शल्य चिकित्सा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. वे चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस के लिए भी प्रस्क्रिप्शन लिखते हैं.
ऑप्टिशियन: ऑप्टिशियन ऐसे तकनीशियन होते हैं जिन्हें आंखों की दृष्टि को ठीक करने के लिए चश्मे के लेंस और फ्रेम, कॉन्टैक्ट लेंस और अन्य उपकरणों को डिजाइन, प्रमाणित और स्थापित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. वे ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट या ऑप्टोमेट्रिस्ट द्वारा दिए गए प्रस्क्रिप्शन का उपयोग करते हैं, लेकिन दृष्टि का परीक्षण नहीं करते हैं या दृष्टि संबंधी सुधार के लिए प्रस्क्रिप्शन नहीं लिखते हैं. ऑप्टिशियंस को नेत्र रोगों का निदान या उपचार करने की अनुमति नहीं है.
यदि आपकी आंखें स्वस्थ हैं और विशेष चिकित्सा या शल्य चिकित्सा उपचार की आवश्यकता नहीं है, तो आपको एक ऑप्टोमेट्रिस्ट के पास जाना चाहिए. यदि आपको पहले से ही ग्लूकोमा, नेत्र मैक्यूला का व्यपजनन या मोतियाबिंद जैसी कोई नेत्र चिकित्सा समस्या है, तो ऐसे किसी नेत्र देखभाल पेशेवर से देखभाल कराना महत्वपूर्ण है जो आपकी समस्या की निगरानी और उपचार में उच्च प्रशिक्षित और कुशल हो. कई मामलों में, इसका मतलब यह हो सकता है कि विशेष रूप से प्रशिक्षित नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा चिकित्सा या शल्य चिकित्सा नेत्र देखभाल की आवश्यकता होती है.
नेत्र रोग विशेषज्ञ कैसे बनें?
नेत्र विज्ञान (ऑप्थेल्मोलॉजी) में विशेषज्ञता की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों को पहले एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी) में एक स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करना होगा. इसके बाद ऑप्थेल्मोलॉजी में एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) और एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) जैसी स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करनी होगी. डिग्री का चयन इस पर निर्भर करेगा कि वे किसकी 'प्रेक्टिस में अपना कॅरिअर बनाना चाहते हैं.
एमबीबीएस (स्नातक स्तर) के लिए
इच्छुक उम्मीदवारों को अपनी 12वीं बोर्ड परीक्षा न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण करनी होगी. उक्त परीक्षा में मुख्य विषय भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान होने चाहिए.
नेत्र विज्ञान में एमएस/एमडी/अन्य पीजी पाठ्यक्रमों के लिए.
इच्छुक उम्मीदवारों के पास एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए. साथ ही, उन्हें पीजी स्तर की प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होना होगा और उनमें अच्छे अंक प्राप्त करने होंगे.
नेत्र विज्ञान में उपलब्ध पाठ्यक्रम हैं
· डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (डीएनबी) ऑप्थेल्मो-लॉजी (3 वर्ष)
· डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड - 2 वर्ष पोस्टडॉक्टोरल विटेरियोरेटिनल फेलोशिप
· सामान्य नेत्र विज्ञान, कॉर्निया, यूविया, ओकुलोप्लास्टिस, ग्लूकोमा और, विटेरियोरेटिनल में फेलोशिप - सत्र हर वर्ष अप्रैल और अक्टूबर से शुरू होता है
· नेत्र विज्ञान, जैव रसायन और सूक्ष्म जीव विज्ञान में पीएच.डी. कार्यक्रम
एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने के बाद, छात्र नेत्र विज्ञान में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम करने का विकल्प चुन सकते हैं. यह आमतौर पर 'मास्टर ऑफ सर्जरी/'डॉक्टर ऑफ मेडिसिन क्षेत्र में हो सकता है. आमतौर पर, इनमें से किसी भी कोर्स में कुछ सामान्य पाठ्यक्रम (करिक्यूलम) होता है, जिसका उद्देश्य छात्र को ज्ञान और कौशल से लैस करना होता है, जैसे:
· मानव शरीर की संरचना और दृष्टि तंत्र से संबंधित कार्यों का बुनियादी ज्ञान और साथ ही उन कारकों का ज्ञान जो इन तंत्रों को बाधित कर सकते/नुकसान पहुंचा सकते हैं.
· किसी के नैदानिक ज्ञान की सीमाओं की पूर्ण पहचान के साथ, दिन-प्रतिदिन की नेत्र विज्ञान समस्याओं को स्वतंत्र रूप से संभालने की क्षमता.
· स्वास्थ्य पर पर्यावरणीय प्रभावों की समझ और नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में आम बीमारियों के जानपदिक रोग विज्ञान से परिचित होना.
· रोग उपचार में उपचारात्मक और पुनर्सुधार उपायों के साथ प्रोत्साहक और निवारक विधियों को एकीकृत करने की क्षमता.
· सीमित सुविधाओं वाले ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली आंखों से संबंधित आम समस्याओं से परिचित होना और उन्हें समझना.
· इस क्षेत्र में वर्तमान विकास और अनुसंधान विषयों से परिचित होना.
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट): यह मेडिकल/डेंटल कोर्स का अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों को प्रवेश देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित एक मेडिकल प्रवेश परीक्षा है.
नेत्र रोग विशेषज्ञ क्या करता है: कार्य विवरण
नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट) की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों में सभी नेत्र समस्याओं का निदान और उपचार शामिल है. कई नेत्र रोग विशेषज्ञ ऐसे हैं जो नेत्र समस्याओं के कारणों और उपचार पर वैज्ञानिक अनुसंधान में लगे हुए हैं. कई बार नेत्र रोग विशेषज्ञ ऐसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की भी पहचान करते हैं जो मानव नेत्र से संबंधित नहीं हैं और ऐसे रोगियों को उपचार के लिए संबंधित चिकित्सक के पास भेजते हैं.
· नियमित देखभाल प्रदान करना, जैसे दृष्टि परीक्षण और चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस निर्धारित करना.
· सुधारात्मक सर्जरी करना, जैसे चोटों और कॉर्निया की मरम्मत करना, और मोतियाबिंद को हटाना.
· कीहोल या लेजर सर्जरी जैसी उन्नत सर्जिकल प्रक्रियाएं.
· नेत्र रोगों और चोटों का निदान और उपचार.
· आपातकालीन नेत्र चिकित्सालयों, बाह्य रोगी चिकित्सालयों, या अन्य विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सालयों का प्रबंधन करना.
· समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से दृष्टि को प्रभावित करने वाले चिकित्सा विकारों का उपचार करना.
· चिकित्सीय प्रक्रियाओं का उपयोग करना और बायोप्सी करना.
विभिन्न तरह के नेत्र रोग विशेषज्ञ होते हैं जो अपने रोगियों के लिए अलग-अलग भूमिकाएं निभाने वाले माने जाते हैं. और वे सभी अपने रोगियों की देखभाल के विभिन्न पहलुओं के लिए जिम्मेदार होते हैं. नेत्र रोग विशेषज्ञ के रोज़गार को विषय वस्तु के आधार पर उप-विशेषज्ञताओं (सब-स्पेशल्टीज)़ में विभाजित किया जा सकता है. कुछ उपलब्ध उप- विशेषज्ञताओं में कॉर्निया, रेटिना, न्यूरो-ऑप्थेल्मोलॉजी, बाल चिकित्सा, यूवाइटिस, भेंगापन (स्ट्रैबिस्मस), मोतियाबिंद, ओकुलर इम्यूनोलॉजी, और ओकुलोप्लास्टिक शामिल हैं. इन विशेषज्ञताओं के अलावा, नेत्र रोग विशेषज्ञों को विभिन्न प्रकार के कार्य करते हुए देखा जा सकता है, जिन्हें उस संगठन द्वारा परिभाषित किया जाता है जिसमें वे कार्य करते हैं. प्राधिकारी संगठन की जरूरतों के आधार पर पेशेवरों को नियुक्त करते हैं. शिक्षक, शोधकर्ता, तकनीशियन, बिक्री और विपणन पेशेवर, या दवा विशेषज्ञ होना इन भूमिकाओं के उदाहरण हैं.
उप-विशेषज्ञताएं हैं
1. मोतियाबिंद विशेषज्ञ या सर्जन: ये ऐसे विशेषज्ञ होते हैं जो प्राकृतिक लेंस को हटाने के लिए सर्जरी करते हैं और रोगी को अपारदर्शी या धुंधली दृष्टि की समस्या को कम करने के लिए इसे कृत्रिम लेंस से बदल देते हैं.
2. कॉर्निया विशेषज्ञ: इन विशेषज्ञ को मानव नेत्र के कॉर्निया, नेत्र-श्लेष्मला, पलकों और श्वेतपटल (स्कलीअर) में किसी भी चोट, संक्रमण या बीमारी का उपचार और सर्जरी करने वाला माना जाता है. उन्हें किसी भी तरह की क्षति को रोकने और रोगी की दृष्टि को प्रभावित करने वाली चोट को ठीक करने के लिए निवारक उपाय करने होते हैं.
3. रेटिना विशेषज्ञ: ये विशेषज्ञ मानव आंख की रेटिना को प्रभावित करने वाली समस्याओं से निपटते हैं. ये समस्याएं आमतौर पर रेटिना में चोट या क्षति के कारण उत्पन्न होती हैं जो रेटिना डिटेचमेंट या अचानक फ्लैशलाइट या फ्लोटर्स के कारण हो सकती हैं.
4. न्यूरो-नेत्र विज्ञान विशेषज्ञ: इस क्षेत्र में विशेषज्ञ मानव शरीर के तंत्रिका तंत्र से जुड़ी नेत्र समस्याओं को देखता है. कुछ प्रमुख समस्याओं के लिए एक न्यूरो-नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा तत्काल ध्यान दिये जाने की आवश्यकता होती है, जिनमें दृश्यता को प्रभावित करने वाली ऑप्टिक तंत्रिका समस्याएं, नेत्र गति को नियंत्रित करने में समस्या, दोहरी दृष्टि आदि शामिल हैं. न्यूरोलॉजी और नेत्र विज्ञान दोनों के अध्ययन के लिए एक ऐसे विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है जो नेत्र विज्ञान में मास्टर हो.
5. बाल चिकित्सा नेत्र रोग विशेषज्ञ या बाल रोग विशेषज्ञ: इस क्षेत्र के विशेषज्ञ बच्चों में होने वाली किसी भी नेत्र संबंधी समस्या के लिए काम करते हैं. बाल चिकित्सा नेत्र रोग विशेषज्ञ जिन प्रमुख समस्याओं का इलाज करते हैं उनमें भेंगापन, आनुवंशिक असामान्यताएं, दृष्टिमंदता (एंबीलिया), नियोप्लास्टिक विकार, नेत्रश्लेष्मलाशोथ और आंखों का गलत संरेखण शामिल हैं.
6. नेत्र प्रतिरक्षा विज्ञान विशेषज्ञ: इन विशेषज्ञों को मानव शरीर की प्रतिरक्षा को प्रभावित करने वाली उन समस्याओं को नियंत्रित करने वाला माना जाता है, जिनके कारण आंखों से संबंधित कई समस्याएं और बीमारियां हो सकती हैं. इन बीमारियों में कॉर्नियल अल्सर, यूवाइटिस, स्केलेरोसिस या आंख में किसी भी प्रकार की सूजन शामिल हो सकती है. इन विशेषज्ञताओं वाले चिकित्सक सामान्य चिकित्सकों के साथ मिलकर काम करते हैं.
7. ओकुलोप्लास्टिक विशेषज्ञ: ऐसे विशेषज्ञ आंख की मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य करते हैं. वे पलकों में समस्याओं और ऑर्बिट एवं अश्रु तंत्र (लैक्रिमल सिस्टम) सहित नेत्रगोलक के आसपास के क्षेत्र में समस्याओं के लिए की गई सर्जरी से निपटते हैं.
नेत्र रोग विशेषज्ञ बनने के लिए अपेक्षित कौशल कौन से हैं?
स्नातकोत्तर डिग्री नेत्र विज्ञान में एक सफल कॅरिअर बनाने के लिए कई आवश्यक स्तंभों में से केवल एक है. शल्य चिकित्सा में विशेषज्ञों के लिए, सटीक और भरपूर अभ्यास की आवश्यकता होती है, जबकि चिकित्सा में ज्ञान का व्यापक आधार होना आवश्यक है. नेत्र विज्ञान में कुछ अन्य आवश्यक कौशलों में शामिल हैं:
· नेत्र रोगों, कार्यों और रचना का विशेषज्ञ कार्यसाधक ज्ञान.
· मजबूत भौतिकी एवं गणित कौशल और उत्कृष्ट चिकित्सा ज्ञान.
· अच्छा प्रशासनिक और प्रबंधकीय कौशल.
· उत्तम नेत्र-हस्त समन्वय.
· सशक्त संगठनात्मक, संचार, समस्या-समाधान, और निर्णय-निर्माण कौशल.
कॅरिअर के अवसर
लोगों को अंधता के कारण आंखों की रोशनी जाने का डर सता रहा है. देखने की क्षमता के बिना जीवन गुजरने की आशंका से अधिक डरावना कुछ भी नहीं प्रतीत होता है. हम सभी जानते हैं कि जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती जाती है, उनमें नेत्र विकार या अन्य दृष्टि प्रणाली समस्याएं विकसित होने की संभावना अधिक होती जाती है. यह अब बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है. नेत्र विज्ञान के पेशे में बहुत अधिक जिम्मेदारी होती है. नेत्र विज्ञान एक ऐसा चिकित्सा विषय है जिसमें चिकित्सक और रोगी अक्सर दीर्घकालिक संबंध स्थापित करते हैं.
ये संबंध बहुत भरोसे पर बनाए जाते हैं. इसकी संभावना नहीं है कि किसी अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास कभी भी रोगियों का आना बंद होगा. अत:, यह क्षेत्र काफी आकर्षक है और व्यापक अवसर प्रदान करता है: इसमें क्षेत्रों की एक सूची नीचे दी गई है:
· सिम्स हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड
· विशेषज्ञ अस्पताल
· नेत्र समूह
· बॉम्बे सिटी आई इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर
· अनुसंधान केंद्र
· निजी क्लीनिक
· पॉलीक्लिनिक्स
· नर्सिंग होम्स
· भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर)
· सरकारी/निजी अस्पताल
· अस्पताल
· सरकारी संगठन
· शिक्षण संस्थान
· एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड केंद्र
· दवा कंपनियां
मानव नेत्र के प्रति रुचि और जिज्ञासा रखने वाला व्यक्ति सफलतापूर्वक इसमें अपना कॅरिअर बना सकता है.
कोरोनावायरस महामारी ने पूरी दुनिया को लॉकडाउन में जाने के लिए मजबूर कर दिया है, लोगों को उनके घरों तक सीमित कर दिया है और उन्हें जोड़े रखने के लिए पूरी तरह से तकनीक पर निर्भर कर दिया है. नतीजतन, हम इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन को देखने में जितना समय बिताते हैं, उसमें नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. 'वर्क फ्रॉम होम व्यवस्था के उद्भव के बाद से, ये स्क्रीन न केवल आभासी सामाजिक जीवन को बनाए रखने बल्कि हमारे नियोक्ताओं से जुड़े रहने के लिए भी सबसे महत्वपूर्ण कारक बन गई हैं.
आगामी वर्षों में ऑप्टोमेट्रिस्ट की मांग के काफी बढ़ने का अनुमान है क्योंकि लोग प्रौद्योगिकी और दृश्य मीडिया पर अधिक निर्भर हो रहे हैं. इससे यह क्षेत्र एक लाभदायक कॅरिअर विकल्प बन जाता है.
आगामी रुझान
वर्तमान नेत्र संबंधी प्रवृत्तियों में लेंस इम्प्लांटेशन और मोतियाबिंद सर्जरी, कॉर्नियल और बाह्य नेत्र समस्याएं, ऑकुलोप्लास्टिक और ऑर्बिटल सर्जरी, ग्लूकोमा, न्यूरो-नेत्र विज्ञान, अपवर्तक सर्जरी, और कई अन्य प्रक्रियाएं शामिल हैं.
नेत्र विज्ञान में शीर्ष भर्तीकर्ता
· अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (कई शहरों में)
· फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड
· सिम्स हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड
· राष्ट्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान (एनआईओ), पुणे
· रोटरी नारायण आई हॉस्पिटल
· वॉयलट रेज़, बंगलौर
· श्री गणेश विनायक नेत्र अस्पताल, देहरादून
· एल.वी. प्रसाद नेत्र अस्पताल, हैदराबाद
· चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय
(लेखक परामर्श मनोवैज्ञानिक और कॅरिअर काउंसलर हैं. उनसे nidhiprasadcs@gmail.com पर सम्पर्क किया जा सकता है)
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.
चित्र साभार: गूगल