शीर्ष बैंकों में लिपिक पदों के लिए करियर के अवसर
आरती एस
किसी देश के लिए बैंकों और आम आदमी के लिए बैंकिंग सेवाओं के महत्व को हम सभी बखूबी जानते हैं। बैंक आबादी के बड़े हिस्से को करियर के ढेरों अवसर भी प्रदान करते हैं। हम अक्सर सार्वजनिक क्षेत्र से संबद्ध विभिन्न बैंकिंग संस्थाओं में कार्मिकों की आवश्यकता से संबंधित अधिसूचनाएं देखते हैं। यह लेख हमारे देशमें हमारे जाने-पहचाने तीन शीर्ष बैंकोंमें लिपिक के पद पर रोज़गार के अवसरों को समर्पित है ।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)
एसबीआईभारत में सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है,जिसके पास 22,000 से अधिक शाखाओं का नेटवर्क और देश के बैंकिंग व्यवसाय का एक चौथाई हिस्सा है।यह लगभग 45 करोड़ ग्राहकों को किसी न किसी रूप में अपनी सेवाएं देता है। एसबीआई की कई अनुषंगी कंपनियां हैं, जिनमें एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड, एसबीआई म्यूचुअल फंड, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और एसबीआई जनरल इंश्योरेंस शामिल हैं। एसबीआईकी उपस्थिति ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, हांगकांग, सिंगापुर, बेल्जियम, कनाडा, सऊदी अरब आदि जैसे देशों में भी है।
एसबीआई अपनी मानवशक्तिकी आवश्यकताएं पूरी करने के लिए हर साल तकनीकी और विशेषज्ञ पदों सहित विभिन्न पदों पर बड़ी संख्या में कर्मियों की भर्ती करता है। जूनियर एसोसिएट एसबीआई में लिपिक पद है, जिसके लिए आमतौर पर वार्षिक आधार पर चयन प्रक्रिया आयोजित की जाती है। रिक्तियों की घोषणा राज्यवार आधार पर की जाती है। यदि हम नवीनतम रुझानों का विश्लेषण करें, तो पिछले दो वर्षों में एसबीआई की ओर से 5,000 से अधिक रिक्तियों का विज्ञापन दिया गया था। जूनियर एसोसिएट के पद के लिए 20 से 28 वर्ष की आयु के बीच के स्नातक आवेदन कर सकते हैं। चयन प्रक्रिया दो चरणों की होती है (i) प्रारंभिक परीक्षा- जिसके तीन घटक अर्थात अंग्रेजी भाषा, संख्यात्मक योग्यता (यानी न्यूमेरिकल एबिलिटी)और तर्कण योग्यता (यानी रीजनिंगएबिलिटी)होते हैं। एक घंटे की परीक्षा में प्रत्येक खंड के लिए समान समय विभाजित करते हुए कुल 100 प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। इस परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी है। इस परीक्षा की योग्यता क्रम सूची सेरिक्तियों की संख्या से लगभग दस गुना अधिक उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। (ii) मुख्य परीक्षा 4 खंडों में विभाजित है जिनमें - सामान्य और वित्तीय जागरूकता(यानी जनरल एंड फाइनेंशियल अवेयरनेस), सामान्य अंग्रेजी, मात्रात्मक योग्यता(यानी क्वांटिटेटिव एबिलिटी), तर्कण योग्यता (यानी रीजनिंग एबिलिटी) और कंप्यूटर योग्यता यानी (कंप्यूटर एप्टीट्यूड) शामिल हैं। सामान्य अंग्रेजी खंड में 40 प्रश्न होते हैं और ये प्रश्न निश्चित रूप से अंग्रेजी में पूछे जाते हैं। शेष खंडों में, प्रत्येक में 50 प्रश्न होतेहैं और प्रश्नों को राज्य विशेष की भाषा के अनुसार उपलब्ध कराने के लिए कई भारतीय भाषाओं में सेट किया जाता है। उदाहरण के लिए, ओडिशा में यह परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा उड़िया में भी लिखी जा सकती है। परीक्षा की कुल अवधि 160 मिनट है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)
वित्तीय और गैर-वित्तीय हस्तक्षेपों के माध्यम से सतत तथा उचित कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए नाबार्डवर्ष 1982 में अस्तित्व में आया। नाबार्ड कोई वाणिज्यिक बैंक नहीं है। यह ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने हेतु विकास बैंक है। नाबार्ड मुंबई स्थित अपने कॉर्पोरेट कार्यालय तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद अपने क्षेत्रीय और जिला कार्यालयों के माध्यम से कार्य करता है।
नाबार्ड में अधिकारियों और लिपिकों के लिए प्रवेश का स्तर क्रमश: ग्रेड-ए अधिकारी और विकास सहायक के पद हैं। विकास सहायक के पद हेतु आवेदन करने के लिएउम्मीदवार को स्नातक की परीक्षा में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त होने चाहिए और उसकी आयु 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। पात्र उम्मीदवारों को पहले प्रारंभिक परीक्षा देना आवश्यक होता है, जिसमें एक घंटे के संयुक्त समय के भीतर अंग्रेजी भाषा की परीक्षा, संख्यात्मक क्षमता (यानी न्यूमेरिकल एबिलिटी)की परीक्षा और तर्कण योग्यता (यानी रीजनिंग एबिलिटी) की परीक्षा होती है। प्रारंभिक परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर, सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने वालों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। मुख्य परीक्षा में पांच खंड होते हैं जिनमें – तर्कण (यानी रीजनिंग), मात्रात्मक योग्यता(यानी क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड), सामान्य जागरूकता-यानी जनरल अवेयरनेस (विशेष तौर पर कृषि, ग्रामीण विकास और बैंकिंग के संदर्भ में), कंप्यूटर का ज्ञान और अंग्रेजी भाषा की वर्णनात्मक परीक्षा शामिल हैं।इसपरीक्षा की कुल अवधि दो घंटे है, जिसमें से आधा घंटा वर्णनात्मक भाग के लिए होता है। अंग्रेजी के भाग के अतिरिक्त, यह पेपर हिंदी या अंग्रेजी में दिया जा सकता है। मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर अंतिम चयन होता है। हालांकि चुने गए उम्मीदवारों को उस राज्य की आधिकारिक भाषा में भाषा प्रवीणता परीक्षा भी देनी होती है, जिसके लिए उन्होंने आवेदन किया है। इस परीक्षा में अर्हता प्राप्त करना यानी इसे पास करना आवश्यक होता है और इसमें अर्हता प्राप्त नहीं करने वाले उम्मीदवार नियुक्ति के पात्र नहीं होते। जिन उम्मीदवारों ने 10वीं या 12वीं कक्षा उक्त भाषा के साथ उत्तीर्ण की है, उन्हें वैध प्रमाण (अंक पत्र) प्रस्तुत करने पर भाषा प्रवीणता परीक्षा से छूट दी जाती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
प्रत्येक देश में मौद्रिक नीति तैयार करने और उसे विनियमित करने, मुद्रा संचलन करने और देश की वित्तीय स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रीय बैंक होता है। भारत मेंइन कार्यों को कार्यान्वित करने के लिए आरबीआई की स्थापना की गई है। आरबीआई हमारे देश में बैंकिंग क्षेत्र का विनियामक है और बैंकों में पारदर्शिता और गुणात्मक ग्राहक सेवा को बढ़ावा देता है। आरबीआई 1935 से अस्तित्व में है।
आरबीआई में, 'सहायक यानी असिस्टेंट' लिपिकीय पद है। इसमें आवश्यकता के अनुसार सहायकों के लिए रिक्तियों की घोषणा राज्यवार आधार पर की जाती है और एक स्पष्ट चयन प्रक्रिया के माध्यम से भर्ती की जाती है। यहां भीचयन प्रक्रिया दो चरणों की होती है -प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा। प्रारंभिक परीक्षा में अंग्रेजी भाषा, संख्यात्मक योग्यता (यानी न्यूमेरिकल एबिलिटी) और तर्कण योग्यता (यानी रीजनिंग एबिलिटी)की परीक्षा शामिल होती है तथा मुख्य परीक्षा में सामान्य जागरूकता (यानी जनरल अवेयरनेस), कंप्यूटर का ज्ञान, संख्यात्मक योग्यता (यानी न्यूमेरिकल एबिलिटी), अंग्रेजी भाषा और कंप्यूटरक के ज्ञान की परीक्षा शामिल होती है। प्रारंभिक परीक्षा की अवधि एक घंटा होती है, जबकि मुख्य परीक्षा की अवधि 2 घंटे 15 मिनट होती है।उपरोक्त सभी परीक्षाएं कंप्यूटर आधारित होती हैं। गलत उत्तरों के लिए नकारात्मक अंक दिए जाते हैं।
तथ्य पत्रक
· आयु सीमा संबंधी उपरोक्त वर्णित पात्रता मापदंड सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए हैं। निर्दिष्ट श्रेणियों के लिए आयु और स्नातक के अंकों के प्रतिशत के मामले में नियत छूट लागू है।
· लिपिक पदों के लिए साक्षात्कार नहीं लिया जाता। चयन अंतिम/मुख्य परीक्षा में उम्मीदवार के प्रदर्शन पर आधारित होता है।
लिपिक बनाम अधिकारी पद
अनेकऐसे महत्वाकांक्षी युवा हैं, जो केवल अधिकारी के पदों के लिए ही आवेदन करना पसंद करते हैं, जिनमें स्पष्ट रूप से प्रतिष्ठा और उच्च वेतनमिलता है । इस दृष्टिकोण में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन यहां कुछ बिंदुओं पर गौर करने की जरूरत है।
उपरोक्त बैंकों में आमतौर पर अधिकारी पद हेतु रिक्तियों की संख्या लिपिक पदों की तुलना में बहुत कम होती है। ऐसे में इन पदों पर चुने जाने की संभावना कम होने सहित इनके लिए प्रतियोगिता भी कठिन होती है। साथ ही अधिकारियों के मामले में परीक्षा की संरचना अधिक व्यापक होती है, इसलिए उम्मीदवार को अधिक विषयों की तैयारी करनी पड़ती है। इसके अलावा, साक्षात्कार के लिए भी गहन तैयारी करने की आवश्यकता होती है, जो अधिकारियों की चयन प्रक्रिया का एक अतिरिक्त भाग है।
आरबीआई, एसबीआई और नाबार्ड इन सभी में लिपिक से अधिकारी संवर्ग में पदोन्नति के लिए एक सुस्पष्ट पदोन्नति नीति है, ताकि लिपिक के रूप में नियुक्त होने वाले उम्मीदवारों को इस बात की आशा हो किवे कामकाज में अच्छा प्रदर्शन करके और पदोन्नति प्रक्रिया में भाग लेकर कुछ वर्षों में अधिकारी बन सकते हैं।वैसे तोजो उम्मीदवार लिपिक और अधिकारी दोनों पदों के लिए पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं, वे दोनों पदों की चयन प्रक्रिया में शामिल होने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि यह व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।
तैयारी कैसे करें
भाषा के भाग, संख्यात्मक/मात्रात्मक प्रश्नों और कुछ सामान्य विषयों के अतिरिक्त, उपरोक्त परीक्षाओं में जो कुछ भी पूछा जाता है, वह हमारे मानक शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं होता। यूं तोउपर्युक्त में से किसी एक या सभी परीक्षाओं के लिए विस्तृत रूप से और पूरे मनोयोग के साथ तैयारी करने की आवश्यकता होती है। उपरोक्त परीक्षाओं में पहली बार बैठने वाले उम्मीदवारों के लिए, मूलभूत आवश्यकता परीक्षा की परिपाटी या पैटर्न और प्रश्नों के प्रकार को समझना होती है, क्योंकि ये पूरी तरह मानकीकृत होते हैं। सभी खंडों में परीक्षा की संरचना का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है-
अंग्रेजी भाषा: पाठ्यक्रम के अंतर्गत वाक्य सुधार, पर्यायवाची और विलोम शब्द, शब्द अर्थ, वाक्यांश, वाक्य पुनर्व्यवस्था और पूर्णता, रिक्त स्थान भरना आदि शामिल हैं।
व्यक्तिपरक भाग (नाबार्ड) मेंआपको दिए गए विषयों के लिए क्रमशः पत्र या रिपोर्ट और निबंध लिखने के लिए कहा जाएगा। सारांश लेखन के लिए भी कहा जाएगा।
अंग्रेजी भाषा वाले भाग के लिए, आपके पास मूल सामग्री से संबंधित कोई अच्छी सामान्य अंग्रेजी पुस्तक होनी चाहिए। आपको पत्र और निबंध लिखने चाहिए और उन्हें ऐसे लोगों को दिखाना चाहिए, जो ईमानदारी से आपका आकलन कर सकें और जहां कहीं आवश्यकता हो, सुधार के तरीके सुझा सकें। अपनी शब्दावली को समृद्ध करें और अंग्रेजी व्याकरण की मूल बातें सीखें।
संख्यात्मक योग्यता (यानी न्यूमेरिकल एबिलिटी)/मात्रात्मक योग्यता (यानी क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड): इन दो खंडों बीच पाठ्यचर्या ओवरलैप हो सकती है। आमतौर पर अनुपात और समानुपात, डेटा व्याख्या, समय और दूरी, औसत, संभाव्यता, सरल और चक्रवृद्धि ब्याज, समय और कार्य, समय और दूरी, संख्या प्रणाली, ज्यामिति, प्रतिशत, ट्रेनों, साझेदारी और सरलीकरण से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। आपने 10वीं कक्षा तक गणित में जो पढ़ा है, उसी को यहां फिर से याद करना होगा। सीबीएसई/आईसीएसई/राज्य बोर्ड की गणित की पुस्तक से प्रश्नों का अभ्यास कीजिए।
तर्कण योग्यता यानी रीजनिंग एबिलिटी:इसमें कथनों की व्याख्या, तुल्यता, पंक्ति व्यवस्था, विषम व्यक्ति, कोडिंग और डिकोडिंग, प्रतीक, रक्त संबंध, संख्या श्रृंखला, दिशा की अवधारणा, कथन और धारणा / निष्कर्ष, पहेली आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं। इस खंड के लिए गहन तैयारी करने की आवश्यकता होती है। प्रश्नों के मूल को समझने पर ही आप यहां सही उत्तर दे पाएंगे। इसके लिए गाइड बुक्स उपलब्ध हैं।
कंप्यूटर का ज्ञान / योग्यता: कंप्यूटर हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुके हैं। हम सभी कंप्यूटर चलाना और उस पर काम करना जानते हैं। कंप्यूटर बैंकिंग प्रणाली का भी आधार बन चुके हैं। कंप्यूटर के विकास, कंप्यूटर के पार्ट्स, कमांड्स और कमांड ग्रुप (जैसे ctrl+alt+delete), कंप्यूटरों की नेटवर्किंग, साइबर सुरक्षा, एमएस ऑफिस, पावर प्वाइंट, कंप्यूटर वायरस, साइबर धोखाधड़ी (फ़िशिंग, मैलवेयर आदि) सूचना सुरक्षा, विभिन्न कंप्यूटर भाषाएं, इंटरनेट, डेटा एनालिटिक्स, ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया के बारे में जागरूकता उपयोगी रहेगी।
सामान्य जागरूकता:इस खंड के अंतर्गत महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं और स्वतंत्रता के बाद की भारत की यात्रा, प्रसिद्ध व्यक्तियों, पुस्तकों और लेखकों, मुद्राओं, राजधानियों, राष्ट्रीय स्मारकों, रामसर स्थलों, भूगोल, अंतर्राष्ट्रीय संधियों और सम्मेलनों आदिसे जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। इनके बारे में जानने के लिए सामान्य ज्ञान पर आधारित पुस्तक आपकी सहायता कर सकती है। आपको समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के माध्यम से भी ताजा घटनाओं पर नज़र रखने की आवश्यकता है।
नाबार्ड की परीक्षा के लिए, अनुशंसित अतिरिक्त विषयों में भारत में कृषि और ग्रामीण विकास, वृक्षारोपण और बागवानी, मत्स्य पालन, वानिकी, पशुपालन, कृषि को बढ़ावा देने संबंधी योजनाएं, किसानों की आय को दोगुना करना आदि शामिल हैं।
वित्तीय जागरूकता: इस खंड में पूछे जाने वाले प्रश्न भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था, बैंकिंग की वृद्धि, बैंकों के विलय, वित्तीय प्रणाली, निर्यात और आयात, जीडीपी, विदेशी मुद्रा भंडार, प्रधानमंत्री जन धन योजना जैसी सरकारी योजनाओं, भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी),एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया इत्यादि जैसे विनियामकों की भूमिका पर आधारित हो सकते हैं।इस खंड में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जरूरी है कि वित्तीय समाचार पत्रों को नियमित रूप से ध्यान से पढ़ा जाए। इस भाग की तैयारी के लिए, आरबीआई, नाबार्ड, आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद)और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की वेबसाइट्स देखने से मदद मिल सकती है।
मॉक टेस्ट का महत्व
उपरोक्त परीक्षाओं में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं और सीमित समय में उनके सही उत्तर तलाशना चुनौती भरा होता है।निर्धारित समय के भीतरआपको प्रश्न पढ़ना होगा, उसे समझना होगा और फिर सही कुंजी या विकल्प की पहचान करनी होगी। इसलिएअच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त अभ्यास करने की आवश्यकता है। इसमें गति भी सटीकता जितनी ही महत्वपूर्ण होती है। मॉक टेस्ट/प्रश्नों को हल करके और अपने प्रदर्शन का आकलन करके, आप जान लेंगे कि आपको कहां सुधार करने की जरूरत है। यदि आप किसी खंड विशेष में कमजोर हैं, तो आपको उसके लिए अपनी तैयारी मजबूत करनी होगी और यदि आपकी गति धीमी है और आप समय पर परीक्षा पूरी नहीं कर सकते हैं, तो आपको बार-बार अभ्यास करके अपनी गति में सुधार लाना होगा। याद रहे, इस परीक्षा में प्रत्येक सेकंड मायने रखता है, इसलिए अपने समय का सर्वोत्तम उपयोग करना सीखने से आपको बहुत मदद मिल सकती है।
संसाधनों की तलाश
विभिन्न प्रकाशकों द्वारा बैंकिंग परीक्षा गाइड प्रकाशित की गई हैं। आप इनमें से एक या दो का चयन कर सकते हैं। बाजार में प्रत्येक खंड के लिए समर्पित गाइड भी उपलब्ध हैं, जिन्हें आपको व्यक्तिगत रूप से खरीदना होगा। देश में कुछ प्रतियोगिता पत्रिकाएं हैं, जो समय-समय पर पूर्व में आयोजित की गई परीक्षाओं के प्रश्न प्रकाशित करती हैं, जिनके साथ उत्तर भी हो सकते हैं। इनमें मॉक पेपर भी उपलब्ध कराए जाते हैं। ऐसी पत्रिकाओं से आप निबंध, तथ्य और आंकड़े, हाल की घटनाओं पर लघु समाचार और महत्वपूर्ण सबक सिखाने वाली सफलता की कहानियां आदि जैसी अन्य उपयोगी जानकारी का भी लाभ उठा सकते हैं। आपकी तैयारी की रणनीति में अपने नोट्स बनाना भी शामिल होना चाहिए।
यदि आप इंटरनेट पर तलाश करते हैं, तो आपको वर्णनात्मक पाठ्यचर्या, परीक्षा के पैटर्न का विश्लेषण, पिछले वर्षों के प्रश्न, नमूना या सैंपल प्रश्न, मॉक टेस्ट और सफल उम्मीदवारों और अन्य लोगों से तैयारी के बारे में सलाह मिलेगी। हालांकि, आपको साइबर धोखाधड़ी करने वालों सहित धोखेबाजों से सावधान रहने की जरूरत है जो आपका व्यक्तिगत डेटा हासिल कर आपको ठगने का प्रयास कर सकते हैं।
बड़ी संख्या में उम्मीदवार उपरोक्त परीक्षाओं में बैठते हैं इसलिए प्रतियोगिता वास्तव में कठिन होती है। लेकिन, गैर-गंभीर उम्मीदवारों की भी तादाद मौजूद रहतीहै। उपरोक्त परीक्षा में सफलता, उसकी तैयारी में आपकी गंभीरता पर निर्भर करेगी। आपको प्रारंभिक परीक्षा की वरीयता क्रम सूची में अपनी जगह बनाने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़नी चाहिए, ताकि आपको मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने का मौका मिल सके। सभी बैंकों के लिए परीक्षा का पैटर्न समान है, इसलिए एक परीक्षा के लिए आपके द्वारा की गई तैयारी, दूसरी परीक्षा के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।
(लेखिका मुंबई में करियर परामर्शदाता हैं। उनसे artmumb98@gmail.comपर संपर्क किया जा सकता है) व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।