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विशेष लेख


अंक संख्या -41 , 8-14 फरवरी,2022

 

प्रधानमंत्री के मन की बात

26 दिसंबर 2021

मुख्य अंश

·         कोरोना का एक नया variant दस्तक दे चुका है. पिछले दो वर्षों का हमारा अनुभव है कि इस वैश्विक महामारी को परास्त करने के लिए एक नागरिक के तौर पर हमारा खुद का प्रयास बहुत महत्वपूर्ण है. ये जो नया Omicron variant आया है, उसका अध्ययन हमारे वैज्ञानिक लगातार कर रहे हैं. हर रोज नया data  उन्हें मिल रहा है, उनके सुझावों पर काम हो रहा है. ऐसे में स्वयं की सजगता, स्वयं का अनुशासन, कोरोना के इस variant  के खिलाफ देश की बहुत बड़ी शक्ति है. हमारी सामूहिक शक्ति ही कोरोना को परास्त करेगी, इसी दायित्वबोध के साथ हमें 2022 में प्रवेश करना है.

·         वरुण सिंह, उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया. उस हादसे में, हमने, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया. वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए. इस साल अगस्त में ही उन्हें शौर्य चक्र दिया गया था. इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी. अपने पत्र में वरुण सिंह जी ने अपने पराक्रम का बखान नहीं किया बल्कि अपनी असफलताओं की बात की. कैसे उन्होंने अपनी कमियों को काबिलियत में बदला, इसकी बात की. इस पत्र में एक जगह उन्होंने लिखा है –“ It is ok to be mediocre.Not everyone will excel at school and not everyone will be able to score in the 90s. If you do,it is an amazing achievement and must be applauded. However, if you don’t, do not think that you are meant to be mediocre. You may be mediocre in school but it is by no means a measure of things to come in life. Find your calling; it could be art, music,graphic design, literature,etc.Whatever you work towards, be dedicated ,do your best.Never go to bad thinking,I could have put-in more efforts.उन्होंने पूरे देश को प्रेरित किया है. उनका letter  भले ही केवल students से बात करता हो, लेकिन उन्होंने हमारे पूरे समाज को सन्देश दिया है.

·         इस साल भी exams से पहले मैं students के साथ चर्चा करने की planning कर रहा हूं. इस कार्यक्रम के लिए दो दिन बाद 28 दिसंबर से MyGov.in पर registration भी शुरू होने जा रहा है. ये registration 28 दिसंबर से 20 जनवरी तक चलेगा. इसके लिए क्लास 9 से 12 तक के students,teachers,और parents के लिए online competition  भी आयोजित होगा. मैं चाहूंगा कि आप सब इसमें जरूर हिस्सा लें. आपसे मुलाक़ात करने का मौका मिलेगा. हम सब मिलकर परीक्षा, career, सफलता और विद्यार्थी जीवन से जुड़े अनेक पहलुओं पर मंथन करेंगे.   

·         निलेश जी ने लखनऊ में हुए एक अनूठे Drone Show की बहुत प्रशंसा की है. ये Drone Show लखनऊ के Residency  क्षेत्र में आयोजित किया गया था. 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम की गवाही, Residency  की दीवारों पर आज भी नजर आती है Residency  में हुए Drone Show में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अलग-अलग पहलुओं को जीवंत बनाया गया. चाहे 'चौरी चौरा आन्दोलनहो, 'काकोरी ट्रेनकी घटना हो या फिर नेताजी सुभाष का अदम्य साहस और पराक्रम, इस Drone Show ने सबका दिल जीत लिया. आप भी इसी तरह अपने शहरों के, गांवों के, आजादी के आन्दोलन से जुड़े अनूठे पहलुओं को लोगों के सामने ला सकते हैं. इसमें Technology की भी खूब मदद ले सकते हैं. आजादी का अमृत महोत्सव, हमें आजादी की जंग की स्मृतियों को जीने का अवसर देता है, उसको अनुभव करने का अवसर देता है. ये देश के लिए नए संकल्प लेने का, कुछ कर गुजरने की इच्छाशक्ति दिखाने का, प्रेरक उत्सव है, प्रेरक अवसर है. आइए, स्वतंत्रता संग्राम की महान विभूतियों से प्रेरित होते रहें, देश के लिए अपने प्रयास और मजबूत करते रहें.

·         हमारा भारत कई अनेक असाधारण प्रतिभाओं से संपन्न है, जिनका कृतित्व दूसरों को भी कुछ करने के लिए प्रेरित करता है. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं तेलंगाना के डॉक्टर कुरेला विट्ठलाचार्य जी. उनकी उम्र 84 साल है. विट्ठलाचार्य जी इसकी मिसाल है कि जब बात अपने सपने पूरे करने की हो, तो उम्र कोई मायने नहीं रखती. साथियो, विट्ठलाचार्य जी की बचपन से एक इच्छा थी कि वो एक बड़ी सी Library खोलें. देश तब गुलाम था, कुछ परिस्थितियां ऐसी थीं कि बचपन का वो सपना, तब सपना ही रह गया. समय के साथ विट्ठलाचार्य जी, Lecturer बने, तेलुगु भाषा का गहन अध्ययन किया और उसी में कई सारी रचनाओं का सृजन भी किया. 6-7 साल पहले वो एक बार फिर अपना सपना पूरा करने में जुटे. उन्होंने खुद की किताबों से Library की शुरुआत की. अपने जीवनभर की कमाई इसमें लगा दी. धीरे-धीरे लोग इससे जुड़ते चले गए और योगदान करते गए. यदाद्रि-भुवनागिरी जिले के रमन्नापेट मंडल की इस Library में करीब 2 लाख पुस्तकें हैं. उन्हें आज ये देखकर बहुत अच्छा लगता है कि बड़ी संख्या में Studentsको इसका लाभ मिल रहा है. उनके प्रयासों से प्रेरित होकर, कई दूसरे गांवों के लोग भी Library बनाने में जुटे हैं.

·         पुणे में Bhandarkar Oriental Research Institute नाम का एक Centre है. इस संस्थान ने दूसरे देशों के लोगों को महाभारत के महत्व से परिचित कराने के लिए Online Course  शुरू किया है. आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि ये Course  भले अभी शुरू किया गया है लेकिन इसमें जो Content पढ़ाया जाता है उसे तैयार करने की शुरुआत 100 साल से भी पहले हुई थी. जब Institute ने इससे जुड़ा Course शुरू किया तो उसे जबरदस्त Response मिला. मैं इस शानदार पहल की चर्चा इसलिए कर रहा हूं ताकि लोगों को पता चले कि हमारी परंपरा के विभिन्न पहलुओं को किस प्रकार Modern तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है. सात समंदर पार बैठे लोगों तक इसका लाभ कैसे पहुंचे, इसके लिए भी Innovative तरीके अपनाए जा रहे हैं.

·         दुनियाभर में भारतीय संस्कृति के बारे में जानने को लेकर दिलचस्पी बढ़ रही है. अलग-अलग देशों के लोग ना सिर्फ हमारी संस्कृति के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं बल्कि उसे बढ़ाने में भी मदद कर रहे हैं. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, सर्बियन स्कॉलर डॉ. मोमिर निकिच (Serbian Scholar Dr. Momir Nikich )इन्होने एक Bilingual Sanskrit डिक्शनरी तैयार की है. इस डिक्शनरी में शामिल किए गए संस्कृत के 70 हजार से अधिक शब्दों का सर्बियन भाषा में अनुवाद किया गया है. आपको ये जानकार और भी अच्छा लगेगा कि डॉ. निकिच ने 70 वर्ष की उम्र में संस्कृत भाषा सीखी है. वे बताते हैं कि इसकी प्रेरणा उन्हें महात्मा गांधी के लेखों को पढ़कर मिली. इसी प्रकार का उदाहरण मंगोलिया के 93 (तिरानवे) साल के प्रोफ़ेसर जे. गेंदेधरम का भी है. पिछले 4 दशकों में उन्होंने भारत के करीब 40 प्राचीन ग्रंथों, महाकाव्यों और रचनाओं का मंगोलियन भाषा में अनुवाद किया है. 

·         अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने सालभर से एक अनूठा अभियान चला रखा है और उसे नाम दिया है 'अरुणाचल प्रदेश एयरगन सरेंडर अभियानÓ. इस अभियान में, लोग, स्वेच्छा से अपनी एयरगन सरेंडर कर रहे हैं - जानते हैं क्यों? ताकि अरुणाचल प्रदेश में पक्षियों का अंधाधुंध शिकार रुक सके. साथियो, अरुणाचल प्रदेश पक्षियों की 500 से भी अधिक प्रजातियों का घर है. इनमें कुछ ऐसी देसी प्रजातियां भी शामिल हैं, जो दुनिया में कहीं और नहीं पाई जाती हैं. लेकिन धीरे-धीरे अब जंगलों में पक्षियों की संख्या में कमी आने लगी है. इसे सुधारने के लिए ही अब ये एयरगन सरेंडर अभियान चल रहा है. पिछले कुछ महीनों में पहाड़ से मैदानी इलाकों तक, एक Community  से लेकर दूसरी Community तक, राज्य में हर तरफ लोगों ने इसे खुले दिल से अपनाया है. अरुणाचल के लोग अपनी मर्जी से अब तक 1600 से ज्यादा एयरगन सरेंडर कर चुके हैं.

·         एनसीसी कैडेट्स (NCC Cadets द्वारा शुरू किए गये पुनीत सागर अभियान में 30 हज़ार से अधिक एनसीसी कैडेट्स शामिल हुए. NCC के इन Cadets ने benches पर सफाई की, वहां से प्लास्टिक कचरा हटाकर उसे recycling  के लिए इकट्ठा किया. हमारे beaches, हमारे पहाड़ ये हमारे घूमने लायक तभी होते हैं जब वहां साफ सफाई हो. बहुत से लोग किसी जगह जाने का सपना ज़िन्दगी भर देखते हैं, लेकिन जब वहां जाते हैं तो जाने-अनजाने कचरा भी फैला आते हैं. ये हर देशवासी की ज़िम्मेदारी है कि जो जगह हमें इतनी खुशी देती हैं, हम उन्हें अस्वच्छ करें.

·         मुझे saafwater (साफवाटर) नाम से एक start-up के बारे में पता चला है जिसे कुछ युवाओं ने शुरु किया है. ये Artificial Intelligence और Internet of things  की मदद से लोगों को उनके इलाके में पानी की शुद्धता और quality  से जुड़ी जानकारी देगा. ये स्वच्छता का ही तो एक अगला चरण है. लोगों के स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य के लिए इस Start –up की अहमियत को देखते हुए इसे एक Global Award भी मिला है.

·         'एक कदम स्वच्छता की ओरइस प्रयास में संस्थाएं हो या सरकार, सभी की महत्वपूर्ण भूमिका है. आप सब जानते हैं कि पहले सरकारी दफ्तरों में पुरानी फाइलों और कागजों का कितना ढेर रहता था. जब से सरकार ने पुराने तौर-तरीकों को बदलना शुरु किया है, ये फाइल्स और कागज के ढेर Digitize होकर computer के folder  में समाते जा रहे हैं. जितना पुराना और pending material है, उसे हटाने के लिए मंत्रालयों और विभागों में विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं. इस अभियान से कुछ बड़ी ही interesting चीज़े हुई हैं. Department of Post  में जब ये सफाई अभियान चला तो वहां का junkyard पूरी तरह खाली हो गया. अब इस junkyard को courtyard और cafeteria में बदल दिया गया है. एक और junkyard two wheelers के लिए parking space  बना दिया गया है. इसी तरह पर्यावरण मंत्रालय ने अपने खाली हुए junkyard को wellness centre  में बदल दिया. शहरी कार्य मंत्रालय ने तो एक स्वच्छ ATM  भी लगाया है. इसका उद्देश्य है कि लोग कचरा दें और बदले में cash  लेकर जाएं. Civil Aviation Ministry के विभागों ने पेड़ों से गिरने वाली सूखी पत्तियों और जैविक कचरे से जैविक compost खाद बनाना शुरु किया है. ये विभाग waste paper से  stationery भी बनाने का काम कर रहा है.

·         हर बार की तरह, एक महीने बाद, हम फिर मिलेंगे, लेकिन, 2022 में. हर नई शुरुआत अपने सामर्थ्य को पहचानने का भी एक अवसर लाती है. कुछ नया सीखना हो, करना हो, तो हमें हर एक क्षण का इस्तेमाल करना चाहिए. हमें देश को विकास की नयी ऊंचाई पर लेकर जाना है, इसलिए हमें अपने हर संसाधन का पूरा इस्तेमाल करना होगा. ये एक तरह से, आत्मनिर्भर भारत का भी मंत्र है, क्योंकि, हम जब अपने संसाधनों का सही इस्तेमाल करेंगे, उन्हें व्यर्थ नहीं होने देंगे, तभी तो हम local की ताकत पहचानेंगे, तभी तो देश आत्मनिर्भर होगा. इसलिए, आईये हम अपना संकल्प दोहरायें कि बड़ा सोचेंगें, बड़े सपने देखेंगे, और उन्हें पूरा करने के लिए जी-जान लगा देंगे. 

(स्रोत-pmindia.gov.in)