सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के लिए
ग्राम पंचायतों ने अपनाए 9 व्यापक विषय
भारत, 17 चिह्नित लक्ष्यों के माध्यम से समावेशी, जन केंद्रित और समग्र सतत् विकास प्राप्त करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल है. भारत सरकार 'संपूर्ण सरकार और पूरे समाज’ के माध्यम से 'किसी को पीछे नहीं छोड़ना’ के आदर्श वाक्य के साथ सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए रणनीतिक दृष्टि, प्राथमिकता और कार्यान्वयन विधियों के साथ काम कर रही है. सतत् विकास लक्ष्य प्रकृति में सबके लिए हैं और एक विशेष सतत् विकास लक्ष्य को कई मंत्रालयों में मैप किया जा सकता है जिसे विभिन्न योजनाओं के माध्यम से संबोधित किया जा सकता है. इस पहलू को ध्यान में रखते हुए, पंचायती राज मंत्रालय ने जमीनी स्तर पर लक्ष्यों के स्थानीयकरण और सभी संबंधित हितधारकों के संयुक्त और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से उनकी प्राप्ति के लिए 17 सतत् विकास लक्ष्यों को 9 व्यापक विषयों के अंतर्गत लाकर विषयगत दृष्टिकोण की शुरुआत की है. इसे, इस तथ्य को स्वीकार करते हुए अपनाया गया है कि राष्ट्रीय विकास के उद्देश्यों में लोगों, स्थानीय सरकारों और सभी हितधारकों की भागीदारी की आवश्यकता होती है. लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर नीतियों में परिवर्तित करने की जरूरत है, जो प्रासंगिक हैं और उन समुदायों के लिए हैं. सतत् विकास लक्ष्य 2030 को प्राप्त करने के लिए पंचायती राज संस्थानों द्वारा अपनाए गए 9 व्यापक विषय हैं:
1. गरीबी मुक्त और आजीविका में वृद्धि वाला गांव
2. स्वस्थ गांव
3. बाल हितैषी गांव
4. पर्याप्त जल उपलब्धता वाला गांव
5. स्वच्छ और हरा-भरा गांव
6. गांव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा
7. सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव
8. सुशासन वाला गांव
9. गांव में विकसित विकास
विषय 1
गरीबी मुक्त और आजीविका में वृद्धि वाला गांव
परिकल्पना: यह लक्ष्य गरीबी मुक्त पंचायत की परिकल्पना करता है जो सुनिश्चित करता है कि सामाजिक सुरक्षा हो ताकि कोई भी गरीबी में वापस न आए. एक ऐसा गांव जहाँ सभी के लिए बढ़ी हुई आजीविका के साथ विकास और समृद्धि हो.
स्थानीय उद्देश्य और लक्ष्य : I पीडीएस, आईसीडीएस आदि सहित आजीविका और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत सभी पात्र लाभार्थियों की व्यापक कवरेज II व्यक्तिगत / सामूहिक उद्यमों के माध्यम से आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन III पूरे वर्ष लोगों (गरीब और कमजोर) को रियायती मूल्य पर पर्याप्त भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना IV कृषि में लगे किसानों की आय में वृद्धि V बुनियादी सेवाओं (आवास, पानी और स्वच्छता) तक पहुंच सुनिश्चित करना VI मनरेगा के तहत मजदूरी रोज़गार प्रदान करके गरीबी कम करना.
ग्राम पंचायतों की भूमिका: एसईसीसी/एमए डेटा के अनुसार कई वंचितों के साथ रहने वाले लोगों की पहचान I जॉब कार्डों का प्रभावी वितरण II पीडीएस में पंजीकरण की सुविधा द्य कौशल प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास और रोज़गार के माध्यम से आय सृजन, भूमि उत्पादकता तथा सिंचाई में सुधार, बेहतर बीज, जैव-उर्वरक, उपयुक्त नई प्रौद्योगिकियों की पहचान, कृषि विज्ञान केंद्रों का उपयोग III प्रशिक्षण प्रदान करके स्व-सहायता समूहों को मजबूत करना तथा मितव्ययी ऋण गतिविधियों को शुरू करना और बैंक लिंकेज तक पहुंच बनाना IV जीपीडीपी निधियों और कार्यक्रमों का योजना अभिसरण.लक्ष्य को लागू करने के लिए स्थानीय समितियों/कृषि विज्ञान केंद्रों/किसान मित्रों/किसान उत्पादक संगठनों/पशु सखी/कृषि सखी/स्वयं सहायता समूहों आदि से संबंधित समितियों सहित गरीबी मुक्त तथा बढ़ी आजीविका के लिए काम करने वाली विभिन्न समितियों को विभिन्न भूमिकाएं सौंपी गई हैं. इसका उद्देश्य समावेशी नियोजन के लिए भागीदारी सुनिश्चित करके गांवों का क्षमता निर्माण करना है. इन समितियों के प्रयासों को आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, डॉक्टर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, कृषि से संबंधित कार्यकर्ता, साक्षरता कार्यकर्ता और शिक्षक, बैंकर, विभाग तथा एजेंसियां, रोजगारसेवक, सामाजिक कार्यकर्ता, स्कूल प्रबंधन समितियां (एसएमसी), निजी क्षेत्र, गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय विशेषज्ञों का सहयोग प्राप्त होगा.
विषय 2
स्वस्थ गांव
परिकल्पना: सभी उम्र के लोगों के लिए स्वस्थ जीवन और आरोग्यता सुनिश्चित करना.
स्थानीय उद्देश्य और लक्ष्य: स्टंटिंग और वेस्टिंग को खत्म करना I किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया को खत्म करना II कम लागत, अत्यधिक पौष्टिक और स्थानीय रूप से खरीदे गए अनाज, सब्जियां, फल, अंडे आदि III संचारी रोगों के लिए निवारक और उपचारात्मक उपाय IV मातृ तथा 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शून्य मृत्यु दर VI सभी के लिए चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रावधान.
ग्राम पंचायतों की भूमिका: I विवाह और गर्भावस्था उम्र के बारे में जागरूकता I किशोर स्वास्थ्य (पोषण, परामर्श, सैनिटरी नैपकिन का उपयोग तथा सुरक्षित निपटान) II माताओं और बच्चों का पूर्ण टीकाकरण III संचारी रोगों की रोकथाम और उपचार (टीबी, एचआईवी आदि). गैर-संचारी रोगों/जीवन शैली संबंधी रोगों (मधुमेह, कैंसर आदि) की रोकथाम और उपचार IV वृद्धावस्था देखभाल सहायता और बच्चों तथा महिलाओं को पोषण V मानसिक स्वास्थ्य तथा अक्षमताओं से संबंधित मुद्दे द्य पंचायतों में 24 3 7 हेल्पलाइन आयुष का प्रचार और उपयोग.
विषय 3
बाल हितैषी गांव
परिकल्पना: यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी बच्चे अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए जीवित रहने, विकास, भागीदारी और सुरक्षा के अपने अधिकारों का आनंद लेने में सक्षम हैं.
स्थानीय उद्देश्य और लक्ष्य: I स्वस्थ बच्चों का स्कूल में 100 प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करना द्य बाल विवाह के मामलों में कमी II तस्करी का कोई मामला नहीं हो, 100 प्रतिशत बाल श्रम से मुक्ति तथा बच्चों के प्रति सभी प्रकार की हिंसा से सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना III दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा की समान पहुंच सुनिश्चित करना IV पीटीए/एसएमसी के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना.
ग्राम पंचायत की भूमिका: पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करना Iआईसीडीएस और स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं की निगरानी II आंगनवाड़ी केंद्रों तथा स्कूलों में न्यूट्री गार्डन III बच्चों के विकास की निगरानी के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन IV बच्चों का नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करना V समावेशी तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना VI स्कूल में सुरक्षित पेयजल और हाथ धोने की इकाई सुनिश्चित करना VII मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की निगरानी VIII सभी प्रकार की हिंसा और दुर्व्यवहार से सुरक्षा सुनिश्चित करना IX सुनिश्चित करना कि बाल विवाह और तस्करी की कोई घटना न हो X बाल श्रम के मामलों को कम करना और पलायन को ट्रैक करना XI विकास गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बाल सभा का आयोजन XII विकास गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बाल सभा का आयोजन करना.इस विषय के तहत लक्ष्यों को बाल विकास के लिए काम करने वाली स्थायी समितियों, बाल विकास के लिए काम करने वाली स्थानीय समितियों के साथ-साथ अन्य स्थानीय निकायों जैसे ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति / स्कूल प्रबंधन समिति / अभिभावक शिक्षक संघ / मातृ शिक्षक संघ / आंगनवाड़ी निगरानी समिति आदि द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा.
आईसीडीएस पर्यवेक्षकों, आशा कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, साक्षरता कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पुलिस, बाल संरक्षण अधिकारियों, खेल अधिकारियों तथा संघों, स्वयं सहायता समूहों तथा उनके संघों, एनआरएलएम सीआरपी, रोज़गार सेवकों, स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी), स्थानीय विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों, समुदाय आधारित संगठनों आदि द्वारा भी सहायता प्रदान की जाएगी.
विषय 4
पर्याप्त जल उपलब्धता वाले गांव
परिकल्पना: सभी के लिए कार्यात्मक हाउस टैप कनेक्शन वाला गांव, गुणवत्ता वाले पानी की आपूर्ति के लक्षित मानक, अच्छा जल प्रबंधन और कृषि तथा सभी जरूरतों के लिए प्रचुर मात्रा में पानी की उपलब्धता और जल पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण.
स्थानीय उद्देश्य और लक्ष्य: सभी को पर्याप्त साफ पानी और पीने योग्य पानी की सुविधा I गांवों में स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच IIएचएचएल का 100 प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करना III ग्रे वाटर ट्रीटमेंट और शुद्धिकरण की व्यवस्था करना IV 100 प्रतिशत खुले में शौच से मुक्ति सुनिश्चित करना Vभूजल की कमी तथा आर्सेनिक संदूषण दूर करना, वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण VI प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के माध्यम से पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखना.ग्राम पंचायत की भूमिका: सभी परिवारों को पानी के उपयोग और स्वच्छता प्रबंधन के प्रमुख पहलुओं पर शिक्षित करना VII पर्याप्त जल उपलब्धता वाले गांव में स्कूलों और आंगनवाड़ी में लड़कों और लड़कियों के लिए पर्याप्त और कार्यात्मक शौचालय सुविधाएं सुनिश्चित करना VIII बाजार और ग्राम पंचायत परिसर सहित सार्वजनिक स्थानों के शौचालयों के रखरखाव को सुनिश्चित करना IX मैजिक पिट, किचन गार्डनिंग जैसी तकनीक का उपयोग करके पानी की आपूर्ति और ग्रे वाटर प्रबंधन के लिए उपयुक्त तकनीक का चयन X पर्याप्त जल आपूर्ति, पेयजल और पानी जांच तथा माप सुनिश्चित करने के लिए संबंधित एजेंसियों से संपर्क द्य लोगों की समिति का गठन और उनकी मौजूदा तथा बनाई जा रही संपत्तियों के प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण. आधुनिक कृषि और जल उपयोग प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना द्य जल निकायों की सुरक्षा और पानी की गुणवत्ता की निगरानी द्य पेयजल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के संचालन और आवधिक रखरखाव के लिए योजना.
विषय 5
स्वच्छ और हरा-भरा गांव
परिकल्पना: हमारे बच्चों के भविष्य के लिए एक गांव बनाना, जो प्रकृति की प्रचुरता के साथ हरा-भरा हो, जिसमें अक्षय ऊर्जा का उपयोग होता हो, जो स्वच्छ, पर्यावरण के अनुकूल हो और जलवायु लचीली हो.
स्थानीय उद्देश्य और लक्ष्य: गैर-नवीकरणीय ऊर्जा का 100 प्रतिशत उपयोग I 100 प्रतिशत खुले में शौच से मुक्ति, वृक्षारोपण और नर्सरी बेड द्वारा हरियाली सुनिश्चित करना II जलाऊ लकड़ी का उपयोग कम करना IIIप्रकाश, घरेलू उपकरणों, खाना पकाने, सिंचाई के लिए सभी तक ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना IV जैव-विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण और रखरखाव सुनिश्चित करना.
पंचायतों की भूमिका: Iसौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना, बिजली का कुशल वितरण II प्रभावी तरल तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली III स्थानीय जल संसाधनों का दोहन IV वनों, जल निकायों और पवित्र उपवनों सहित प्राकृतिक संसाधनों का समुदाय आधारित प्रबंधन V उच्च ढलान वाले क्षेत्रों, बंजर, अन्य आम भूमि और सड़कों के किनारे प्राकृतिक वनस्पति का रोपण VI जैविक खेती और सतत मत्स्य पालन को बढ़ावा देना VII मत्स्य पालन के लिए सामुदायिक तालाबों को प्रोत्साहित करना VIII प्राकृतिक संरक्षण की बहाली के लिए गठित स्थायी समिति/कार्य समिति को सशक्त बनाना IX एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित करना.
विषय 6
गांव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा
परिकल्पना: आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे को प्राप्त करना और सभी के लिए पर्याप्त, सुरक्षित तथा किफायती आवास और बुनियादी सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना.
स्थानीय उद्देश्य और लक्ष्य: खेल के मैदानों की स्थापना I पीने का पानी II शौचालय III गुणवत्ता IVस्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, सीएससी के लिए बुनियादी ढांचा V सभी मौसम में इस्तेमाल की जा सकने वाली सड़कों, सौर स्ट्रीट लाइट और सामुदायिक सौर वृक्ष सुनिश्चित करना VI सभी के लिए पक्का घर सुनिश्चित करना VII समुचित रूप से कवर्ड ड्रेनेज सिस्टम सुनिश्चित करना.
पंचायतों की भूमिका: पानी की जरूरतों का आंकलन और नियोजन I उत्पन्न होने वाले ठोस और तरल अपशिष्ट (बायोडिग्रेडेबल और गैर-बायोडिग्रेडेबल) का प्रबंधन II आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा से स्कूलों, आंगनवाड़ियों और सार्वजनिक स्थानों में कार्यात्मक शौचालय सुनिश्चित करना III खाना पकाने, हीटिंग, प्रकाश व्यवस्था, सिंचाई, घरेलू खाद्य प्रसंस्करण, उद्योगों, दुकानों और होटलों जैसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए ऊर्जा की विभिन्न जरूरतों का आकलन करना IV डब्ल्यूएएसएच सेवाओं के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी विकल्प का चयन V भागीदारी सर्वेक्षणों के माध्यम से बुनियादी ढांचे के लिए महसूस की गई जरूरतों का आकलन VI संपत्ति के प्रबंधन के लिए लोगों की समितियां बनाना VIIसभी परिवारों को पानी और स्वच्छता संपत्तियों के उपयोग और प्रबंधन के प्रमुख पहलुओं पर शिक्षित करना VIII आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा गांव बनने के लिए उपयुक्त योजनाओं की पहचान करना.
विषय 7
सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव
परिकल्पना: गांव में हर व्यक्ति को महसूस होना चाहिए कि उसका ध्यान रखा जाता है और सभी पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों के तहत लाया जाना चाहिए.
स्थानीय उद्देश्य और लक्ष्य: बीपीएल एचएचएस के जीवन स्तर में सुधार I सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की योजनाएं II आईसीडीएस के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं का नामांकन III उत्पादक रोज़गार प्रदान करना IV उपयुक्त बुनियादी ढांचा V असमानताओं और सभी प्रकार के भेदभाव को कम करना.
ग्राम पंचायत की भूमिका: पीडीएस में पंजीकरण की सुविधा द्य गरीबों, निराश्रितों और कमजोर लोगों की पहचान के लिए मानदंड विकसित करना I गरीब और कमजोर समूहों के लिए विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी को बढ़ावा देना II सेवाओं की निगरानी करना III उत्तरदायी, समावेशी और भागीदारी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए ग्राम सभा को मजबूत करना IV नागरिकों के लिए सेवाओं की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करना V दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पुनर्वास योजना VI महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना VII पीड़ितों के पुनर्वास में सहायता करना और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना VIII समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना IX स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों में गुणवत्ता बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करना X सभी नवजात बच्चों का पूर्ण पंजीकरण सुनिश्चित करना XI काम के समान अवसर सुनिश्चित करना XII रोज़गार पैदा करने की सुविधा प्रदान करना.
विषय 8
सुशासन वाला गांव
परिकल्पना: सुशासन के माध्यम से ग्राम पंचायत के सभी निवासियों को विभिन्न योजनाओं और उत्तरदायी सेवा वितरण के तहत विकास का लाभ सुनिश्चित करना.
पंचायत की भूमिका: शासन के लिए गतिविधियों का केंद्र द्य प्रशासनिक कार्य I सेवा वितरण द्य सामान्य सेवा केंद्र II सह-स्थानिक लाइन विभाग III स्थानीय कुशल /अर्ध-कुशल युवाओं का उपयोग IV सूचना साझा करने के लिए V आईसीटी के माध्यम से बेहतर सेवा वितरण जिससे जीवन गुणवत्ता में सुधार हो VI क्षमता निर्माण VII अन्य योजना समितियों के साथ अभिसरण VIII सिटिज़न चार्टर का प्रभावी वितरण IXशिकायत निवारण तंत्र विकसित करना X लोगों की भागीदारी के साथ समग्र पंचायत विकास योजना XIसामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय पहलुओं को कवर करना XII ग्राम सभा में अनुमोदन.इस विषय के अंतर्गत लक्ष्यों के क्रियान्वयन में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, रोज़गार सेवकों, साक्षरता कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों, आशा कार्यकर्ताओं, ग्राम स्तरीय सामाजिक अंकेक्षकों, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी), पंचायत कार्यपालक अधिकारियों, पशुधन कार्यकर्ताओं, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), ग्राम पंचायत स्तरीय संघों, ग्राम जल, स्वच्छता और पोषण समिति और पंचायत स्थायी समिति आदि का सहयोग प्राप्त होगा.
विषय 9
गांव में समान लैंगिक विकास
परिकल्पना: महिला-पुरुष समानता हासिल करना, समान अवसर प्रदान करना, सुरक्षित वातावरण में महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना.
स्थानीय उद्देश्य और लक्ष्य: महिलाओं और लड़कियों के प्रति अपराधों को कम करना I सभी सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना II सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी और समुदाय आधारित संगठनों में भागीदारी में सुधार करना III महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन IV पांच साल से कम उम्र की सभी बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करना V महिलाओं के लिए बैंकिंग सेवाओं की सुविधाएं VI मातृ मृत्यु अनुपात को कम करना VII स्कूल में लड़कियों के कुल नामांकन और प्रतिधारण के लिए वातावरण बनाना.
ग्राम पंचायत की भूमिका: ग्राम पंचायत में महिला सभा का आयोजन सुनिश्चित करना I ग्राम सभा में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना II सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना III जागरूकता पैदा करना और महिलाओं तथा बालिकाओं को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करना IV सभी विकास कार्यक्रमों की महिलाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करना V गर्भवती महिलाओं, पांच साल से कम उम्र की बालिकाओं और किशोरियों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करना VI सुनिश्चित करना कि सभी बालिकाओं को निशुल्क, समान और गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मिले VII गरीब महिलाओं को स्व-सहायता समूहों में नामांकित करना और आर्थिक विकास गतिविधियों के लिए अवसरों का सृजन VIII सभी महिलाओं के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण तकनीकी, व्यावसायिक और तृतीयक शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करना IX सभी विकास कार्यक्रम, महिलाओं तक समान रूप से पहुंचाना सुनिश्चित करना X समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित करना.
-ईएन टीम